जबलपुर में कुंए से निकले हैंड ग्रेनेड और कारतूस के खोखे, कबाड़खाना ब्लास्ट जुड़े तार

जबलपुर के रांझी थाना क्षेत्र के आमानाला इलाके में एक पुराने कुंए की सफाई के दौरान हैंड ग्रेनेड और कारतूस के खोखे मिले, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

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Neel Tiwari
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मध्यप्रदेश के जबलपुर से एक बार फिर चौंकाने वाली खबर सामने आई है। शहर के रांझी थाना क्षेत्र के आमानाला इलाके में एक पुराने कुंए की नियमित सफाई के दौरान बड़ी मात्रा में हथियारों से जुड़ी सैन्य सामग्री—जैसे हैंड ग्रेनेड और कारतूस के खोखे मिले हैं। इस सनसनीखेज घटना से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। सूचना मिलते ही पुलिस और नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और तत्काल कार्रवाई शुरू की गई। क्षेत्र को सुरक्षा दृष्टि से घेराबंदी में लेकर जांच प्रारंभ की गई है।

कुएं से निकले हैंड ग्रेनेड और कारतूस के खोखे

जानकारी के अनुसार नगर निगम द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आमानाला क्षेत्र स्थित पुराने कुंए की सफाई का कार्य किया जा रहा था। यह कुंआ कई वर्षों से उपेक्षित पड़ा था और उसमें कचरे व गाद की भरमार थी। जब सफाई कर्मचारी भीतर उतरे, तो उन्हें पहले कुछ धातु के खोखे दिखाई दिए। शुरुआत में उन्हें मामूली कबाड़ समझा गया, लेकिन जैसे ही कर्मचारियों ने गहराई में खुदाई की, वहां से एक के बाद एक हैंड ग्रेनेड जैसी वस्तुएं और कारतूस के खाली खोखे निकलने लगे। स्थिति को गंभीर समझते हुए कर्मचारियों ने तत्काल उच्च अधिकारियों को सूचित किया।

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एमआईसी मेंबर और विधायक को भी दी गई सूचना

घटना की जानकारी मिलते ही नगर निगम के एमआईसी मेंबर दामोदर सोनी और क्षेत्रीय विधायक अशोक रोहाणी को भी सूचित किया गया। दामोदर सोनी ने मीडिया को बताया कि यह बेहद संवेदनशील मामला है। इसकी सूचना मिलते ही नगर निगम ने काम रुकवाकर पुलिस को बुलाया। विधायक रोहाणी ने भी तुरंत प्रशासन से संपर्क कर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट किया।

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पुलिस की जांच के बाद सामने आएगा सच

घटना की जानकारी मिलते ही रांझी पुलिस थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। प्रारंभिक जांच में पुलिस को मौके से लगभग 12 से अधिक कारतूस के खोखे मिले। इनकी बनावट और आकार से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वे खमरिया आयुध निर्माणी से संबंधित हो सकते हैं। साथ ही मिले हैंड ग्रेनेड भी पुराने मॉडल के प्रतीत हो रहे हैं। हालांकि, ये सक्रिय थे या निष्क्रिय, इसकी पुष्टि के लिए इन्हें बम निरोधक दस्ते और फॉरेंसिक टीम को सौंपा जाएगा। पुलिस ने कुंए के आस-पास के रहवासियों से पूछताछ भी की, लेकिन कोई ठोस जानकारी अब तक सामने नहीं आ सकी है।

कब और कैसे पहुंचे हथियार कुंए में, अब भी रहस्य

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में सैन्य सामग्री एक सार्वजनिक कुंए में कैसे पहुंच गई? क्या यह पुराने समय की किसी अवैध डंपिंग का हिस्सा है या फिर किसी ने जानबूझकर इन हथियारों को छिपाने के लिए कुंए का इस्तेमाल किया? पुलिस इन सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है। साथ ही पुराने दस्तावेज, रिकॉर्ड और क्षेत्र के वृद्ध नागरिकों से जानकारी जुटाई जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कभी इस क्षेत्र में कोई सैन्य गतिविधि तो नहीं हुई थी।

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कबाड़खानों में हाल ही में हुए विस्फोट से जुड़ सकती है कड़ी

गौरतलब है कि कुछ ही महीनों पहले जबलपुर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित कबाड़ खानों में विस्फोटों की घटनाएं सामने आई थीं। उन घटनाओं में सेना के कबाड़ में शामिल विस्फोटक सामग्री को बिना जांच-परख के रिसाइकल किया जा रहा है। अब आमानाला में मिले हैंड ग्रेनेड और खोखे उन धमाकों से एक संभावित कड़ी के रूप में देखे जा रहे हैं। यदि यह सिद्ध होता है कि ये हथियार पुराने कबाड़ के रूप में लापरवाही से फेंके गए थे या किसी कबाड़ कारोबारी के द्वारा छुपाए गए थे तो यह प्रशासन और सैन्य फैक्ट्री के अनुशासन दोनों पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

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