MP में बढ़ रहा जापानी बुखार का खतरा, 22 जिलों में वायरस सक्रिय, जानवरों में भी संक्रमण की पुष्टि

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की रिसर्च में पता चला है कि जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस मध्यप्रदेश के 22 जिलों में सक्रिय है। 761 मरीजों के सैंपल की जांच में 13% मामलों में वायरस की पुष्टि हुई, जिनमें से 73% से अधिक बच्चे हैं।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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Japanese Encephalitis cases on rise in MP
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MP News: मध्य प्रदेश में जापानी बुखार की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। प्रदेश के 22 जिलों में जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस का खतरा बढ़ गया है। हाल ही में हुई रिसर्च में जानवरों में भी वायरस की पुष्टि हुई है।

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, सागर के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा की गई एक रिसर्च में सामने आया है कि जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस अब सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि जानवरों में भी इसकी मौजूदगी पाई गई है। यह बीमारी खासकर बच्चों को ज्यादा प्रभावित कर रही है। रिपोर्ट जर्नल ऑफ़ वेक्टर बोर्न डिजीज में प्रकाशित हुई है। 

क्या है जापानी इंसेफेलाइटिस?

जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) एक वायरल मस्तिष्क ज्वर है, जो क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर असर डालता है और समय रहते इलाज न मिलने पर यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।

रिसर्च से जुड़े अहम तथ्य

22 जिलों के 761 मरीजों के ब्लड सैंपल की जांच हुई।
99 मरीजों में जापानी बुखार की पुष्टि, यानि 13% पॉजिटिव केस।
संक्रमितों में 73.74% बच्चे शामिल हैं।
100 सूअरों में से 7 और 99 घोड़ों में से 8 में वायरस की पुष्टि।

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किन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा

  • शहडोल
  • अनूपपुर
  • उमरिया
  • मंडला
  • बालाघाट
  • सिवनी
  • डिंडोरी
  • सागर
  • सतना
  • रीवा

वायरस के फैलाव के 4 बड़े कारण

जानवरों से फैलने का तरीका

जब मच्छर पहले संक्रमित जानवर (सूअर/घोड़ा) को काटते हैं और फिर इंसानों को काटते हैं, तो यह वायरस इंसानों में प्रवेश कर जाता है। इसीलिए जानवरों की भूमिका वायरस ट्रांसमिशन में महत्वपूर्ण है।

बीमारी के लक्षण

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