BHOPAL. मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के बचाव में राघोगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह आ गए हैं। उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से जो वर्तमान प्रदेश नेतृत्व पर पूरी जिम्मेदारी डालना सही नहीं है। उनको मात्र 6 माह मिले हैं। सिर्फ उन्हें नहीं, हम सबको ये सोचना है कि जो कांग्रेस की सोच, विचार है वो हर घर तक क्यों नहीं पहुंच पा रहे हैं।
पार्टी को गहराई से मंथन करना चाहिए
दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने कहा कि लगता है लाड़ली बहना योजना के बाद जिस विस्तार से और बारीकी से कांग्रेस को हर महिला तक पहुंचना चाहिए था हम नहीं पहुंच पाए। इसका यह परिणाम है कि हम इस स्थिति में यहां आ गए हैं। पार्टी को बहुत गहराई से मंथन करना चाहिए और रणनीति बनानी चाहिए। जयवर्धन सिंह ने कहा आने वाले समय में हम सब मिलकर काम करेंगे और कहीं भागेंगे नहीं, सौदा नहीं करेंगे यहीं रहकर पुनः वापस बेहतर परिणाम आए इसके लिए जरूर काम करेंगे।
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हार के लिए कमलनाथ ने प्रशासन को बताया जिम्मेदार
उधर, दिल्ली में शुक्रवार को सोनिया गांधी से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा से अपने बेटे नकुलनाथ की हार पर कहा कि प्रशासन और पैसे का दुरुपयोग हुआ है, जिससे मतदाता बहक गए। दिल्ली जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी से मिलकर देश और प्रदेश के राजनीतिक हालातों पर चर्चा की है।
इधर... बीजेपी ने जीतू पटवारी इस्तीफा मांगा
बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि जीतू पटवारी को त्याग पत्र की पेशकश नहीं तुरंत त्यागपत्र सौंप देना चाहिए। इनके कार्यकाल में पराजय का नया रिकार्ड बना। पूरी 29 सीटें हार गए। जीतू के गृह क्षेत्र से कांग्रेस का प्रत्याशी भाग जाता है। डमी प्रत्याशी चुनाव लड़ने को तैयार नहीं होता और वे नोटा को मत देने के लिए कहते हैं। ऐसा नकारा नेतृत्व से कांग्रेस को तुरंत मुंह मोड़ लेना चाहिए। नेतृत्व नकारा होगा तो परिणाम भी निराशाजनक होंगे।