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मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ एक बड़ा कानूनी कदम उठाया गया है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है, और अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई 2025 को होगी। यह मामला लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान की गई एक टिप्पणी से जुड़ा हुआ है, जो बहुजन समाज पार्टी (BSP) के उम्मीदवार देवाशीष के खिलाफ की गई थी।
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मामला क्या है?
दरअसल, जीतू पटवारी ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने BSP उम्मीदवार देवाशीष पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) से सांठगांठ का आरोप लगाया था। इस टिप्पणी के बाद बहुजन समाज पार्टी ने विरोध जताया और आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता ने जानबूझकर BSP और उनके उम्मीदवार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया। इसके बाद BSP के पदाधिकारी अशोक गुप्ता ने जीतू पटवारी के खिलाफ भिंड जिले के उमरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई।
इस मामले में ग्वालियर के कोर्ट ने आरोपों की सुनवाई की और अब जीतू पटवारी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। इस वारंट के तहत उन्हें 500 रुपए का जमानत राशि अदा करने का निर्देश दिया गया है, और मामले की अगली सुनवाई 8 मई 2025 को होगी।
BSP और कांग्रेस के बीच विवाद
यह विवाद BSP और कांग्रेस के बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव को उजागर करता है। जहां कांग्रेस ने इस मामले को एक राजनीतिक बयानबाजी बताया, वहीं BSP का आरोप है कि यह आरोप जानबूझकर चुनावी माहौल को प्रभावित करने के लिए लगाए गए थे। इस पूरे मामले को लेकर दोनों पार्टियों के बीच तीखी बयानबाजी जारी रही है।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि लोकसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता केवल वोटों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि इसके साथ ही व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप भी बढ़ जाते हैं, जो कभी-कभी कानूनी विवादों में बदल सकते हैं।
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बीजेपी और कांग्रेस के चुनावी तकरार
कांग्रेस और BJP के बीच चुनावी तकरार कोई नई बात नहीं है। दोनों दलों के बीच इस प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप अक्सर सुनने को मिलते रहते हैं। हालांकि, इस विशेष मामले में BSP ने कांग्रेस के खिलाफ कानूनी कदम उठाने का निर्णय लिया है, जो पार्टी के अंदर एक नया राजनीतिक मोड़ ला सकता है।
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