पार्षद कमलेश कालरा के घर पर गुंडे भेजने वाले एमआईसी मेंबर जीतू जाटव (यादव) की कुर्सी चली गई है। पार्टी से सख्ती के आ रहे संकेत और चेतावनी के बीच जीतू ने प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को वाट्सऐप पर अपना पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और एमआईसी के पद से इस्तीफा दे दिया। यह कदम जीतू ने इसलिए उठाया है ताकि मामला ठंडा किया जा सके और पार्टी निष्कासन जैसी सख्ती नहीं करे। एक बार निष्कासन होता तो आगे के रास्ते बंद होते हैं। चाल यह है कि मामले को अब रफा दफा कराने की कोशिश की जाए और मामला ठंडा होने के बाद फिर अनुकुल स्थितियां देखकर पार्टी में वापस आया जाए। लेकिन इससे जीतू का कांड कम नहीं हो जाता है। उम्मीद की जा रही है कि पुलिस को अब हिम्मत मिलेगी क्योंकि वह अब सत्ताधारी दल बीजेपी में नहीं तो उन्हें आरोपी बनाकर गिरफ्तार करेगी। बता दें कि मामला पीएम नरेंद्र मोदी तक पहुंच गया था, इसके बाद दबाव बना और निष्कासन से बचने के लिए जीतू ने चाल चलते हुए इस्तीफा दे दिया। ताकि मामला ठंडा होने के बाद फिर पार्टी में आ जाए।
यह लिखा इस्तीफा में
माननीय श्री वीडी शर्मा जी
अध्यक्ष, मध्यप्रदेश भाजपा
भोपाल
मान्यवर
मैं भाजपा का समर्पित और अनुशासित सिपाही हूं। मेरा, मेरे परिवार और अनुसूचित जाति के मेरे जाटव समाज का पार्टी से अटूट रिश्ता है। कुछ दिनों पहले इंदौर में पार्टी के एक साथी पार्षद के परिजनों के साथ हुई दुखद घटना में मेरा नाम घसीटकर पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। मैंने इस मामले में अपना पक्ष सभी तथ्यों के साथ माननीय शहर अध्यक्ष के समक्ष रखकर खुद आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की थी।
मान्यवर मैं ये नहीं चाहता कि मेरे कारण पार्टी को किसी असहज स्थिति का सामना करना पड़े अतः इस पूरे प्रकरण में निर्दोष साबित होने तक मै पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और MIC से त्याग पत्र देता हूं। मुझे विश्वास है पार्टी मेरे साथ अन्याय नहीं होने देगी।
सादर आपका
जीतू यादव (जाटव)
पार्षद, MIC सदस्य इंदौर
जीतू यादव का इस्तीफा नामंजूर, मोदी की नाराजगी से BJP ने पार्टी से बाहर किया
जीतू जाटव के गुंडों ने नाबालिग का प्राइवेट पार्ट खींचा था, कोर्ट ने गंभीर मानकर जेल भेजा
क्या पुलिस अब करेगी गिरफ्तार
अब इस्तीफा के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या सीपी संतोष सिंह की पुलिस अब जीतू को एफआईआर में आरोपी बनाकर गंभीर धाराएं लगाएगी और गिरफ्तार करेगी। क्योंकि अभी तक तो पुलिस ने ऐसे कोई संकेत ही नहीं दिए कि वह सख्ती के मूड में भी है। जो गिरफ्तार किए उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भिजवा दिया। पुलिस रिमांड लेकर अन्य आरोपियों और मुख्य आरोपी जीतू के खिलाफ कोई बयान लेने की कोशिश ही पुलिस ने नहीं की है।
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