/sootr/media/media_files/2025/03/16/fW0lIJCBXPu9afnynFR8.jpeg)
The Sootr
राजनीति में हमेशा एक-दूसरे के खिलाफ तीखी टिप्पणी करने वाले बीजेपी सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा पहली बार एक मंच पर साथ आए। यह मंच था 'द केमिस्ट एसोसिएशन' का नारी शक्ति सम्मान समारोह और आयोजक थे एसोसिएशन के अध्यक्ष व कांग्रेस के प्रदेश महासचिव व इंदौर के पूर्व शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल। हाल ही में विनय बाकलीवाल भी मंत्री विजयवर्गीय द्वारा आयोजित दंगल कार्यक्रम में पहुंचे थे।
पास में बैठे लेकिन ज्यादा बात नहीं हुई
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और सज्जन सिंह वर्मा पास में बैठे रहे। एक-दूसरे को देखा और हल्की बात भी हुई लेकिन दोनों के बीच कोई लंबी चर्चा नहीं हुई। उल्लेखनीय है कि राजनीतिक तौर पर दोनों ही एक-दूसरे से ज्यादा बात करना पसंद नहीं करते हैं। एक बार चुनाव के दौरान विजयवर्गीय ने सज्जन सिंह वर्मा के बयान पर सवाल पूछे जाने पर यहां तक कह दिया था कि – "यार छोड़ो, किसके बारे में पूछ रहे हो?" वहीं, एक बार उन्होंने कहा था "कौन सज्जन वर्मा?"। वहीं, सज्जन सिंह वर्मा ने मंत्री विजयवर्गीय को लेकर कई बार गंभीर टिप्पणी की है। हाल ही में उन्होंने विजयवर्गीय को 'पाखंडी राजनेता' तक कह दिया था।
/sootr/media/media_files/2025/03/16/VR3z91ppIkWl6EmrUGSL.jpeg)
यह खबर भी पढ़ें...वकीलों के चक्काजाम, TI से मारपीट पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के निशाने पर अधिकारी
शंकर का रिकॉर्ड कोई तोड़ नहीं पाएगा
कार्यक्रम में मंच से मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि "सांसद शंकर लालवानी देश के सबसे लोकप्रिय सांसद हैं और रिकॉर्ड मतों से जीते हैं। मुझे नहीं लगता कि उनका रिकॉर्ड कोई और तोड़ पाएगा।" उनकी इस बात पर वर्मा ने ध्यान नहीं दिया और वे अपने पास बैठे दवा व्यापारी से बात करते रहे। कैलाश विजयवर्गीय पूरे कार्यक्रम के दौरान वर्मा के पास जरूर बैठे रहे, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे से आगे रहकर बात तक नहीं की। हांलाकि जब राजीव ने कैलाश से कुछ बात की तब जरूर बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ, लेकिन वह भी ज्यादा देर तक नहीं चला।
यह खबर भी पढ़ें... Indore में वकीलों से झड़प के बाद 5 पुलिसवाले सस्पेंड | कहां से शुरू हुआ विवाद ?
वर्मा ने कांग्रेस को बताया बीपीएल पार्टी
मंच पर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि "धन्ना सेठ लोग तो चले गए, गरीबी रेखा वाले खड़े हैं। अभी हमारी कांग्रेस पार्टी की हालत बीपीएल की पार्टी जैसी ही है। तो भई हम लोग खड़े हैं वीआईपी लोगों के जाने के बाद। जिनको आपकी मांगें पूरी करनी थीं, वे तो पलायन कर गए। अब बेचारा गरीबी रेखा की सूची वाला कहां जाएगा? हमको तो आपके बीच में ही रहना है। खैर, मजाक की बात है।"
यह खबर भी पढ़ें... Indore में 200 वकीलों पर दर्ज हुई FIR। सड़क पर किया था खूब हंगामा
मेरे कहने का मतलब पार्टी से था
पूर्व सांसद सज्जन वर्मा ने बाद में पत्रकारों से चर्चा में स्पष्ट भी किया कि मेरे कहने का तात्पर्य दल से था। उन्होंने कहा, "हम कांग्रेस के लोग गरीबी रेखा की सूची वाले हैं। जो सत्ताधारी दल हैं, जिन्हें केमिस्ट एसोसिएशन की समस्याओं के प्रति जागरूक रहकर जवाबदेही स्वयं पर लेना थी, वे तो चले गए। फिर भी हम दूरभाष पर चर्चा करके उन्हें राजी करेंगे।" इंदौर केमिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा दवा बाजार है। लेकिन वहां न पार्किंग की व्यवस्था है और ना ही पर्याप्त जगह। वर्मा ने कहा कि "सरकार को 4-5 एकड़ जमीन देनी चाहिए, जिस पर एसोसिएशन अपनी धनराशि से एक बड़ा, सर्वसुविधायुक्त दवा बाजार बना सके।"
शंकर बोले, "थोड़ा स्वागत सज्जन भाई का भी कर दो"
कार्यक्रम के दौरान जब सांसद शंकर लालवानी को मंच से बोलने के लिए बुलाया गया, तो एसोसिएशन के सदस्य एक-एक कर मोती की मालाओं से उनका स्वागत करने लगे। यह सब मंच पर बैठे सज्जन सिंह वर्मा देख रहे थे। अपने स्वागत के दौरान शंकर की नजर वर्मा पर पड़ी तो वे उनकी तरफ इशारा करके बोले – "जरा एक-दो मालाओं से स्वागत सज्जन भाई का भी कर दो।" जब वर्मा ने मना किया तो लालवानी ने मजाक में कहा – "हमें पता है आप रोज एक्सरसाइज करते हैं। यहां भी थोड़ी उठक-बैठक लगा लीजिए। आज एक्सरसाइज कम कीजिएगा।"
विनय बाकलीवाल आवाज लगाते रहे, कैलाश बात करते रहे
एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय बाकलीवाल जब मंच से संबोधित कर रहे थे, तो वे एसोसिएशन की तरफ से जमीन के लिए कैलाश विजयवर्गीय से मांग करना चाहते थे। इस दौरान उन्होंने मंच से "कैलाश विजयवर्गीय" कहकर पुकारा, लेकिन विजयवर्गीय दवा व्यापारी राजीव सिंघल से बात करने में व्यस्त थे। बाद में राजीव ने उन्हें इशारा किया तब विजयवर्गीय ने विनय की बात सुनी। इसके पहले जब कैलाश विजयवर्गीय कार्यक्रम में पहुंचे, तो बाकलीवाल उन्हें लेने हॉल के गेट तक पहुंचे। इसके बाद वे विजयवर्गीय के साथ वाली कुर्सी पर बैठ गए। जब वर्मा मंच पर पहुंचे, तो उन्होंने कुर्सी खाली की और वर्मा को कैलाश के पास बैठाया।