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मध्यप्रदेश की सियासी गलियारों में चुंबन पर सियासत शुरू हो गई है। शाजापुर में गुरुवार (25 सितंबर) को बीजेपी के वरिष्ठ नेता और एमपी सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विवादित बयान दिया। उन्होंने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि हमारे प्रतिपक्ष के नेता ऐसे हैं कि अपनी जवान बहन को बीच चौराहे पर चुंबन करते हैं। इसी मुद्दे पर एमपी सरकार में मंत्री विजय शाह ने अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि यदि बहन भी हैं तो क्या मैं सार्वजनिक रूप से चुंबन लूंगा। हालांकि, शुक्रवार को कैलाश विजयवर्गीय ने अपने बयान से पलटते हुए कहा कि वह अपनी बहन का सिर चूमते हैं।
विजय शाह का विवादास्पद बयान
जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने कैलाश विजयवर्गीय के बयान का समर्थन किया। विजय शाह ने महिला विधायक कंचन तनवे की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये मेरी सगी बहन होती तो क्या मैं सार्वजनिक रूप से उसे चुंबन करता? उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुस्तानी संस्कृति और सभ्यता इस तरह के व्यवहार की शिक्षा नहीं देती है। मंत्री शाह ने आगे कहा- आप एक बार खुद ट्राय करके देख लीजिए। यह हमारी संस्कृति नहीं है। हमारी सभ्यता, रीति-रिवाज और परंपराएं इस तरह की बातों को नहीं सिखातीं। जो लोग ऐसी बातें सिखाते हैं, वे इसे अपने घर में करें, चौराहे पर नहीं।
एमपी में चुंबन पर सियासत वाली खबर पर एक नजर
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पहले भी दे चुके हैं विवादित बयान
इससे पहले मंत्री विजय शाह ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद (13 मई 2025) कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर शर्मनाक बयान दिया था। उन्होंने कहा था- जिन्होंने हमारी बेटियों का सिंदूर उजाड़ा, उन कटे-पिटे लोगों को उनकी बहन भेजकर नंगा कराया। हालांकि, बाद में उन्होंने कहा था- मैं भगवान नहीं हूं, इंसान हूं और अगर किसी की भावना आहत हुई है तो दस बार माफी मांगता हूं।
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जानें कैलाश विजयवर्गीय ने क्या कहा
गुरुवार (25 सितंबर) को शाजापुर में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बयान देते हुए कहा कि हमारे विपक्षी नेता अपनी जवान बहन (प्रियंका गांधी) को बीच चौराहे पर चुंबन करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया- मैं आपसे पूछता हूं, आप में से कौन है जिसने अपनी जवान बहन या बेटी को शारीरिक रूप से चुंबन किया हो? विजयवर्गीय ने इसे संस्कारों की कमी करार देते हुए कहा कि यह संस्कार विदेशी संस्कृति से आते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और संस्कारों के आधार पर ही देश का विकास होगा।
कैलाश विजयवर्गीय ने दी सफाई
शुक्रवार (26 सितंबर) को कैलाश विजयवर्गीय ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि वह किसी रिश्ते की पवित्रता पर सवाल नहीं उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में सभी रिश्ते पवित्र माने जाते हैं, लेकिन रिश्तों की एक मर्यादा होती है और वह उसी की बात कर रहे थे। विजयवर्गीय ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका तात्पर्य यह था कि विदेशों में इस तरह की चीजें होती हैं, जबकि हमारे देश में ऐसी संस्कृति नहीं है।
मैं भी अपनी बहन का सिर चूमता हूं- विजयवर्गीय
कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा- आप भी पत्रकार हैं, क्या आप अपनी बहन को बीच चौराहे पर आलिंगन करते हैं? हमारे संबंध प्रेम के संबंध हैं। मैं भी अपनी बहन का सिर चूमता हूं। मैं रिश्ते की पवित्रता पर प्रश्न चिन्ह नहीं उठा रहा हूं। मेरा पूरा भाषण सुनते तो यह प्रश्न ही नहीं उठता। मैंने भारतीय संस्कृति और विदेशी संस्कृति की बात की है।
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जीतू ने विजयवर्गीय के बयान पर किया पलटवार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विजयवर्गीय की टिप्पणी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी भारत की संस्कृति, परंपरा और भाई-बहन के रिश्ते को चुनौती देती है। पटवारी ने यह भी कहा कि इस तरह की विकृत मानसिकता वाले मंत्री का इस्तीफा जरूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कैलाश विजयवर्गीय को मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने के कारण वे पगला गए हैं और 70 साल की उम्र में इस तरह के बेतुके बयान दे रहे हैं।