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जबलपुर शासकीय पॉलिटेक्निक कला निकेतन कॉलेज में कार्यरत कर्मचारी के द्वारा दायर की गई अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राहत भरा फैसला सुनाया जिसमें कॉलेज के प्रिंसिपल और डिस्ट्रिक्ट ट्रेजरी ऑफिसर को तीन दिनों के भीतर रुके हुए भुगतान को दिए जाने के आदेश किए गए साथ ही भुगतान न होने पर डिस्ट्रिक्ट ट्रेजरी ऑफिसर को प्रत्यक्ष रूप से हाजिर होने के भी निर्देश दिए गए।
नियमित होने के बाद भी कोई फायदा नहीं
जबलपुर में शासकीय पॉलिटेक्निक कला निकेतन कॉलेज में श्याम कुमार यादव साल 1993 में बतौर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे साल 1998 में उन्हें दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी से नियमित कर्मचारी बना दिया गया। साथ ही उनके नियमित कारण और बकाया वेतन को लेकर लगातार इनके द्वारा न्यायालय की शरण ली जा रही थी जिसमें इन्होंने बताया था कि उनके जूनियरों को 1998 से नियमितीकरण के सभी लाभ मिल रहे हैं। लेकिन इनके भुगतान और नियमीकरण में मिलने वाले लाभों संबंधी अभी तक कोई भी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है।
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आदेश का पालन न करने पर कोर्ट की नाराजगी
इस याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट के द्वारा प्रतिवादियों वीरेंद्र कुमार डायरेक्टर टेक्निकल एजुकेशन भोपाल एवं डॉ आर सी पांडे प्रिंसिपल गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कला निकेतन कॉलेज से प्रश्न किया था कि जब 29 अक्टूबर 2024 में आदेश पारित किया गया कि वास्तविक शर्तों को बदला जाए और वेतन का भुगतान किया जाए, लेकिन ना ही वास्तविक शर्तों को बदला गया है और ना ही वेतन का भुगतान किया गया है ऐसे में न्यायालय के द्वारा नाराजगी जताते हुए कहा था कि ऐसा करने पर न्यायालय प्रतिवादियों को प्रत्यक्ष रूप से उपस्थित होने के आदेश दे सकता है।
NPS और GPF अकाउंट के बीच उलझा मामला
इस अवमानना याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट के द्वारा गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कला निकेतन कॉलेज के प्रिंसिपल आर सी पांडे से पूछा गया कि अभी तक भुगतान क्यों नहीं किया गया है जिस पर उन्होंने बताया कि इनकी सैलरी शुरू कर दी गई है एवं डिस्टिक ट्रेजरी ऑफिसर के द्वारा भुगतान संबंधी प्रक्रिया अपनाई जा रही है। साथ ही भुगतान किए जाने संबंधी दस्तावेज भेज दिए गए हैं। साथ ही बताया कि याचिकाकर्ता के द्वारा NPS अकाउंट नहीं खोला गया है जिसके संबंध इन्हें पांच नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं ।जिस पर कोर्ट ने बताया कि 1998 में यह नियमित हो गए थे इसलिए इनका GPF अकाउंट खोला जाएगा। ना कि NSP अकाउंट क्योंकि NSP की योजना 2005 के बाद लागू की गई है साथ ही NSP अकाउंट खुलवाने संबंधी मनमर्जी से काम करने पर कॉलेज के प्रिंसिपल पर नाराजगी जताई है।
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हाई कोर्ट ने तीन दिनों में दिए भुगतान के आदेश
इस अवमानना याचिका पर सुनवाई जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई जिसने उन्होंने याचिकाकर्ता के रुके हुए भुगतान को तीन कार्य दिवस में दिए जाने के आदेश दिए हैं साथ ही याचिकाकर्ता का GPF अकाउंट खुलवाने संबंधी भी निर्देश जारी किए हैं उन्होंने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि यदि अगली सुनवाई तक भुगतान नहीं किया जाता है तो डिस्ट्रिक्ट ट्रेजरी ऑफिसर को प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा।