बिना बुकिंग फैमिली लेकर जज पहुंचे कान्हा सफारी, और फिर…

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के मुक्की गेट पर जज दयाल सिंह सूर्यवंशी को पर्यटकों ने तीन घंटे तक घेरे रखा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली।

author-image
CHAKRESH
एडिट
New Update
thesootr
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

नैसर्गिक सौंदर्य और बाघों के लिए विश्व प्रसिद्ध बालाघाट के कान्हा नेशनल पार्क (Kanha National Park) में कान्हा सफारी के दौरान अजब वाकया हो गया। एक जज साहब बिना बुकिंग के परिवार सहित सफारी के लिए पहुंच गए। जब प्रबंधन ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई। साहब भी जज की ठसक में थे, अपनी गाड़ी ही पार्क के एंट्री गेट पर ऐसे लगा ली कि दूसरे पर्यटक अंदर ही नहीं जा सके… इस मजमे में साहब की ठसक भी है और ठकस उतरने की कहानी भी… आइए जानते हैं क्या है पूरा मामलासफारी में तीन घंटे तक चला नाटक

दरअसल आरोप हैं कि बैहर में पदस्थ सिविल जज दयाल सिंह सूर्यवंशी (Dayal Singh Suryavanshi) बिना बुकिंग के ही अपने परिवार सहित सफारी के लिए पहुंच गए। जब प्रबंधन ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई। सुबह- सुबह की सफारी पर आए देशी-विदेशी पर्यटकों को जज साहब की जिद के कारण तीन घंटे से भी ज्यादा इंतजार करना पड़ा। बताया जाता है कि जज साहब ने अन्य पर्यटकों को रोककर कान्हा प्रबंधन पर दबाव बनाने की कोशिश की। इस दौरान इटली से आई एक वृद्ध महिला और अन्य विदेशी पर्यटकों ने स्थिति को संभालने की कोशिश की।

फिर जज साहब को घेर लिया

कान्हा राष्ट्रीय उद्यान (Kanha National Park) के मुक्की गेट पर इस अप्रत्याशित घटना में गुस्साए पर्यटकों ने बैहर न्यायालय (Baihar Court) के जज दयाल सिंह सूर्यवंशी (Judge Dayal Singh Suryavanshi) को करीब तीन घंटे तक घेरे रखा। इस दौरान स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा।

कान्हा नेशनल पार्क के तालाब में घायल अवस्था में मिले बाघ की मौत, शरीर पर कई जगह घाव, जहां बैठा दिखा वहीं दम तोड़ा

जज अपनी मोबाइल कोर्ट के साथ गए थे…

दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि जज दयाल सिंह सूर्यवंशी अपनी मोबाइल कोर्ट के साथ कान्हा पहुंचे थे और पर्यटकों के वाहनों की जांच करने लगे। यह समय पर्यटकों के लिए उद्यान में प्रवेश करने का पीक टाइम होता है। इसी कारण विवाद बढ़ गया।

पर्यटकों ने क्यों किया हंगामा

वाहन चालकों ने जज से फील्ड ऑफिस में कागजात चेक करने और केवल गाड़ियों के नंबर नोट करने का सुझाव दिया। लेकिन जज गेट पर ही जांच करने पर अड़े रहे। इससे गाड़ियों में सवार देशी और विदेशी पर्यटकों (Foreign Tourists) का धैर्य टूट गया और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया।

इटली से आई महिला ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने टाइगर देखने के लिए काफी पैसा खर्च किया और इतनी दूर का सफर तय किया। उन्होंने व्यंग्य करते हुए पूछा, "क्या इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी साहब से बात करनी पड़ेगी?"
वहीं, एक अन्य विदेशी पर्यटक ने प्रबंधन से कहा कि वह इस घटना की शिकायत अपने देश की एंबेसी से करेंगे।
सूचना मिलते ही बैहर, मलाजखंड और गढ़ी पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। साढ़े नौ बजे के करीब पुलिस बल ने पर्यटकों को शांत कराया और जज को वहां से सुरक्षित बाहर निकाला।

इस मामले में हाईकोर्ट के वकील रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है कि किसी भी जज को सीधे जांच- पड़ताल का कोई अधिकार नहीं है। अगर बेहद जरूरी है, तब भी कोई जज संबंधित विभाग या जिम्मेदार अधिकारी को जांच के लिए निर्देशित कर सकता है।

कान्हा फील्ड डायरेक्टर का बयान

कान्हा फील्ड डायरेक्टर पुणित गोयल (Punit Goyal) ने बताया कि मामला गंभीर नहीं था। समझाइश के बाद पर्यटकों को रवाना कर दिया गया।

MP Tourism : क्या पर्यटन को रोजगार में बदल पाएगा हिन्दुस्तान का दिल

कान्हा प्रबंधन की सख्ती

कान्हा प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि बिना बुकिंग किसी को भी सफारी की अनुमति नहीं दी जा सकती।

FAQ

जज ने गाड़ियों के कागजात क्यों जांचे?
जज अपनी मोबाइल कोर्ट लेकर कान्हा पहुंचे थे और वाहनों की चेकिंग कर रहे थे।
घटना के दौरान पर्यटकों का क्या रवैया था?
पर्यटकों ने जज की कार्रवाई के खिलाफ हंगामा किया और उन्हें घेर लिया।
क्या इस घटना से कान्हा पार्क का दौरा प्रभावित हुआ?
हां, कुछ विदेशी पर्यटक समय की कमी के कारण बिना उद्यान देखे लौट गए।
पुलिस ने स्थिति कैसे संभाली?
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जज को सुरक्षित बाहर निकाला और पर्यटकों को शांत किया।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

MP News मध्य प्रदेश Kanha National Park मध्य प्रदेश समाचार BalaGhat Kanha National Park Jungle Safari Judge Dayal Singh Suryavanshi