संजय शर्मा @ Bhopal
फॉरेस्ट टूरिज्म के सहारे एक बार फिर आदिवासी अंचल में आजीविका के साधन बढ़ाने का दावा किया जा रहा है। MP Tourism विभाग ने इसके लिए प्रदेश के 16 जिलों में 33 वाइल्ड लाइफ ( Wildlife ) और वॉटर स्पोर्ट्स रिसोर्ट ( Water Sports Resort ) खोलने की तैयारी कर ली है। इन जिलों में अलग- अलग लोकेशन पर रिसोर्ट के लिए जमीन का चयन कर टेंडर भी जारी किये जा चुके हैं। लेकिन इस रिसोर्ट से वनांचल के बेरोजगारों को आजीविका के कितने साधन उपलब्ध होंगे, फिलहाल इसका खाका विभाग के पास नहीं हैं। हालांकि अधिकारी इन क्षेत्रों में टूरिस्ट संख्या बढ़ने और पर्यटन से रोजगार में इजाफे की उम्मीद जता रहे हैं।
प्रदेश में पिछले एक दशक में फॉरेस्ट और ईको टूरिज्म ( Forest and Eco Tourism ) में काफी उछाल आया है। देश में सबसे ज्यादा सात टाइगर रिज़र्व ( Tiger Reserve ) भी अब एमपी के हिस्से में हैं। इस वजह से हर साल प्रदेश में वन क्षेत्रों में सैर सपाटा करने आने वाले टूरिस्ट संख्या भी खासी बढ़ी है। MP Tourism Board का आंकड़ा कहता है, कि साल 2022 में देशभर से 3 करोड़ 40 लाख टूरिस्ट प्रदेश में सैर-सपाटा करने आए थे। इनमें से 40 फ़ीसदी यानी 1 करोड़ 36 लाख Eco Tourism प्रेमी थे, जिनके द्वारा प्रदेश के Tiger Reserve और Wildlife Sanctuary में समय बिताया गया था। यह संख्या पिछले 3 साल में लगातार बढ़ रही है। हालांकि अभी भी वन क्षेत्रों में इन सैलानियों के रुकने और अन्य सुविधाओं की उपलब्धता सीमित हैं। इसे देखते हुए प्रदेश में टूरिज्म को व्यापक बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है।
टाइगर रिज़र्व और सेंचुरी देंगी आजीविका को विस्तार
प्रदेश में Eco और Wildlife Tourism को आदिवासी अंचलों में आजीविका का साधन बनाने टूरिज्म विभाग प्रयास कर रहा है। यह तभी संभव है, जब इन अंचलों में टूरिस्ट संख्या बढ़े। टूरिस्ट टाइगर रिज़र्व या वाइल्ड लाइफ सेंचुरी आएंगे तो उनके रुकने से लोगों को काम मिलेगा। टूरिज्म विभाग ने इसके लिए प्रदेश के वन क्षेत्र वाले जिले खंडवा, शहडोल, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, मंडला, अनूपपुर, मंदसौर, शिवपुरी, सिवनी, नीमच के साथ ही टूरिस्ट सर्किट वाले विदिशा, रायसेन, अशोकनगर, नीमच, कटनी, देवास, शाजापुर में 33 रिसोर्ट ( Resort ) खोलने की तैयारी कर ली है। इसके लिए इन जिलों में अलग- अलग लोकेशन पर वाइल्ड लाइफ रिसोर्ट, Eco Tourism एक्टिविटी सेंटर, वॉटर पार्क, टेंट सिटी, होटल्स के लिए टेंडर भी जारी कर दिए हैं। इससे पर्यटकों को सुविधाएं मिलने के अलावा, स्थानीय लोगों को इन जगहों पर खुद के रोजगार खड़े करने के भी मौके मिलेंगे।
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समझिए कैसे मिलेगा वनांचल के लोगों को मौका
अभी प्रदेश में खासतौर पर पन्ना, सतपुड़ा, बांधवगढ़, संजय दुबरी, पेंच और कान्हा टाइगर रिजर्व ( Kanha Tiger Reserve ) में ही टूरिस्ट बड़ी संख्या में आते हैं। जबकि अन्य स्थानों पर यह संख्या बहुत सीमित है। अब श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क ( Kuno National Park ) में देश का पहला चीता अभ्यारण्य और सागर में रानी दुर्गावती टाइगर रिज़र्व ( Rani Durgavati tiger Reserve ) अस्तित्व में आ गया है। प्रदेश में 24 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी भी हैं। अभी बेहद सीमित साधन और सुविधाओं के बावजूद पिछले साल साढ़े 3 करोड़ टूरिस्ट प्रदेश के वन अंचलों में विजिट पर आए थे। रानी दुर्गावती टाइगर रिज़र्व के DFO ऐऐ अंसारी के अनुसार यदि इनमें सुविधाएं बढ़ेगी, तो टूरिस्ट न केवल बढ़ेंगे बल्कि यहां उनके रुकने का समय भी बढ़ेगा। इसका सीधा लाभ स्थानीय लोगों को आजीविका के साधन बढ़ने के रूप में मिलेगा।
रिसोर्ट, वाइल्ड लाइफ एक्टिविटी, वॉटर स्पोर्ट्स के लिए इन क्षेत्रों का करें चयन
- बुरहानपुर के राहीपुरा में फिक्स टेंटिंग यूनिट, वॉटर पार्क
- शिवपुरी के मढ़खेड़ा में वाइल्डलाइफ रिसोर्ट,
- खंडवा के भोगवां में रिसोर्ट
- सीधी के चमराडोल में वाइल्डलाइफ रिसोर्ट
- शहडोल के ढोढा में टूरिज्म प्रोजेक्ट और पहाड़िया में वॉटर स्पोर्ट्स रिसोर्ट
- शाजापुर के बिजना में होटल या रिसोर्ट
- बैतूल के बोथिया में रिसोर्ट
- रायसेन के समनापुर कलां में रिसोर्ट और टूरिज्म एक्टिविटी
- विदिशा के कागपुर और नेहरयाई में रिसोर्ट,
- मंडला के सरही में Eco Tourism एक्टिविटी
- अशोकनगर के फतेहाबाद में रिसोर्ट
- अनूपपुर में हर्राटोला रिसोर्ट
- कटनी के गुलवारा में रिसोर्ट और टूरिज्म एक्टिविटी
- देवास के सुमराखेड़ी में रिसोर्ट और टूरिज्म एक्टिविटी
- निवारी के ओरछा में टूरिज्म एक्टिविटी सेंटर
- नीमच में बस्सी (रामपुरा) और लोटवास में दो रिसोर्ट
- सिवनी के सर्राहिरी में वाइल्डलाइफ रिसोर्ट
- मंदसौर में गांधीसागर में वाइल्ड लाइफ रिसोर्ट
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