संजय शर्मा, BHOPAL. मध्य प्रदेश (MP) के रानी दुर्गावती Tiger Reserve में फेज-4 की काउंटिंग जारी है। बुंदेलखंड के दूसरे और प्रदेश के सातवें Tiger Reserve में हो रही बाघों की गणना को लेकर रिजर्व मैनेजमेंट उत्साहित है। 200 वर्ग किलोमीटर एरिया में रिजर्व की 6 रेंजों में मूवमेंट करने वाले बाघों पर नजर रखने के लिए 450 Trap कैमरे जंगल में लगाए गए हैं। इनके जरिए मैनेजमेंट रिजर्व एरिया में ना केवल बाघों के मूवमेंट बल्कि उनके बिहेवियर का भी पता लगाएगा। इसके लिए टाइगर रिजर्व प्रबंधन Wild Life एक्सपर्ट की भी मदद ले रहा है।
नौरादेही Wild Life Sanctuary Tiger Reserve में अपग्रेड
नौरादेही Wild Life Sanctuary को पिछले साल ही Tiger Reserve के रूप में अपग्रेड किया गया है। इसके बाद से ही यहां जंगली जानवरों के हेबिटेट और बायो डायवर्सिटी के परिवर्तन पर नजर रखी जा रही है। रिजर्व मैनेजमेंट भी यहां रिसोर्स डेवलप कर रहा है। Sanctuary को रानी दुर्गावती के नाम से नई पहचान भी मिल गई है। रिजर्व के असिस्टेंट डायरेक्टर और DFO एए अंसारी का कहना है टाइगर रिजर्व में फेज-4 काउंटिंग के लिए पहले 5 रेंज मुहली, सिंहपुर, सर्रा, नौरादेही और डोंगरगांव में 2 वर्ग किलोमीटर के ग्रिड बनाकर 2 -2 कैमरे लगाए गए हैं, वहीं पूरे रिजर्व एरिया में इनकी संख्या 450 है। जंगल के इन हिस्सों में 20 मार्च तक निगरानी के बाद छठवीं रेंज यानी की झापन में भी Trap कैमरे लगाकर बाघों के मूवमेंट का अध्ययन करेंगे।
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यह है फेज-4 काउंटिंग का उद्देश्य
एए अंसारी ने बताया, टाइगर रिजर्व बनने के बाद बाघों के मूवमेंट की पहचान और मूवमेंट एरिया नोटिफाई करने के लिए यह काउंटिंग की जा रही है। इससे बाघ का मूवमेंट एरिया तय हो जाएगा। साथ ही यह भी दर्ज होगा की किस बाघ का इलाका कौन सा है। कैमरों में रिकॉर्ड होने वाले फुटेज से रिजर्व एरिया में आने वाले नए बाघों का भी पता चल सकेगा। अभी टाइगर रिजर्व में पहले जोड़े यानी राधा- किशन के वंश में 14 नए सदस्य हैं। किशन की मौत के बाद राधा को मिलाकर यह संख्या 15 हो जाती है। वहीं एक बाहरी बाघ भी अब रिजर्व में स्थाई रूप से मूवमेंट कर रहा है, इसे मिलाकर रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व में 16 बाघ हो गए हैं। फेज-4 काउंटिंग से इन सबका अलग- अलग डेटा भी तैयार किया जाएगा।
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कैसे काम करते हैं ये Trap कैमरे
इन कैमरों का इस्तेमाल Wild Life फोटोग्राफर या जंगलों की निगरानी के लिए किया जाता है। इन कैमरों में खासा बैटरी बैकअप और ऑटो फोकस मोड के साथ ही Day और Night Vission होता है। इन्हें जंगलों में पेड़ों पर लगाया जाता है। जो वाइल्ड लाइफ Animal के फोकस एरिया से गुजरते ही उसका फोटो क्लिक कर लेते हैं। इन कैमरों की सबसे खासियत यह है की इनमें कई दिनों तक क्लिक होने वाले फुटेज मैमोरी में स्टोर हो जाते हैं। इनकी ऑटो फोकस स्पीड भी अच्छी होती है।जिससे हिरण जैसे तेज रफ्तार वाले वन्यजीव की फोटो भी साफ आती है।