उत्तर प्रदेश के कानपुर के बहुचर्चित ज्योति अपहरण और हत्या मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। यह मामला 27 जुलाई 2017 का है, जब ज्योति का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने उसके पति पीयूष श्यामदसानी, उसकी प्रेमिका मनीषा मखीजा, अवधेश, रेनू, आशीष, और सोनू को गिरफ्तार किया था। जिला सत्र न्यायालय ने इन सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, आरोपियों ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
क्या था मामला?
मध्यप्रदेश के जबलपुर निवासी और बड़े व्यापारी शंकरलाल नागदेव की बेटी ज्योति का विवाह 28 नवंबर 2012 को यूपी के पांडुनगर निवासी बिस्कुट व्यापारी ओमप्रकाश श्यामदासानी के बेटे पीयूष से हुआ था। पीयूष श्यामदासानी पत्नी ज्योति के साथ 27 जुलाई 2014 की रात स्वरूप नगर के वरांडा होटल गया था। रात करीब 11:30 बजे उसने पुलिस को सूचना दी कि कुछ लोगों ने उसकी गाड़ी हांडा एकार्ड के सामने बाइक लगाकर उसे रोक लिया। नीचे उतारकर उसे पीटा और पत्नी व गाड़ी लेकर फरार हो गए।
हालांकि, पुलिस जांच में पता चला कि पति ने ही अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर पत्नी ज्योति की हत्या कर दी थी। ज्योति की हत्या का मुख्य कारण पति पीयूष और मनीषा का अवैध संबंध बताया गया था। जांच में पुलिस ने मनीषा और अन्य आरोपियों को हत्या की साजिश में शामिल पाया था। अपर जिला जज प्रथम ने ज्योति की हत्या व षड्यंत्र में शामिल पीयूष, मनीषा, अवधेश, आशीष, सोनू व रेनू को 21 अक्तूबर 2022 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
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हाईकोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
6 नवंबर से 23 नवंबर 2024 तक हाईकोर्ट की डबल बेंच ने लगातार इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। फिलहाल तीन आरोपी, मनीषा मखीजा समेत, जमानत पर हैं, जबकि पीयूष और दो अन्य जेल में बंद हैं।
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ज्योति के परिवार की उम्मीदें
इधर, पीड़िता के पिता शंकर नागदेव का कहना है कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है। उनका मानना है कि अगर हाईकोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आता है, तो जमानत पर रिहा तीनों आरोपियों को फिर से जेल जाना होगा, और अन्य तीन जेल में ही रहेंगे। शंकर नागदेव ने कहा कि वह लंबे समय से न्याय का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि हाईकोर्ट का फैसला उनके पक्ष में होगा और दोषियों को सजा मिलेगी।
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