मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई लाड़ली बहना योजना प्रदेश की लाखों महिलाओं के लिए एक बड़ी सहारा बन चुकी थी। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना था, लेकिन योजना से जुड़ी कुछ महिलाओं को अब नई चिंता सता रही है। दरअसल, सतना और मैहर जिलों की करीब 11 हजार महिलाएं अब इस योजना से बाहर हो गई हैं। इसके पीछे मुख्य कारण है योजना में निर्धारित उम्र सीमा।
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उम्र सीमा ने लाड़ली बहनाओं को किया परेशान
मध्य प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए एक नियम लागू किया है, जिसके तहत 60 वर्ष की आयु के बाद महिलाओं को योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इस नियम के कारण कई महिलाएं, जो पहले योजना से लाभान्वित हो रही थीं, अब इससे बाहर हो गई हैं। विशेषकर सतना और मैहर जिले की 11 हजार महिलाएं इस आयु सीमा के कारण योजना से बाहर हो गई हैं।
सतना और मैहर में हजारों महिलाएं प्रभावित
सतना और मैहर जिलों में लगभग 3.78 लाख महिलाएं लाड़ली बहना योजना का लाभ उठा रही थीं। महिला बाल विकास अधिकारी सौरभ सिंह ने बताया कि इन जिलों की लगभग 9 हजार महिलाएं अब 60 वर्ष की उम्र पूरी कर चुकी हैं, जिससे उनके नाम पोर्टल से स्वतः हट गए हैं। इसके अलावा, 2 हजार से अधिक महिलाओं ने स्वयं इस योजना का लाभ लेना बंद कर दिया है।
क्या है लाड़ली बहना योजना
लाडली बहना योजना 5 मार्च 2023 को मध्य प्रदेश में युवा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई थी।
पात्रता: यह योजना मध्य प्रदेश की उन विवाहित, तलाकशुदा, विधवा महिलाओं के लिए खुली है। जिनकी उम्र 21 से 60 साल के बीच है।
आय सीमा: वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।
अपात्रता: इनकम टैक्स देने वाली महिलाएं, सरकारी कर्मचारी या ऐसे परिवार जिनमें कोई सदस्य संसद सदस्य, विधायक या स्थानीय निकाय के रूप में कार्यरत है, वे इस योजना के लिए अपात्र हैं।
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