महाकाल मंदिर की शाही सवारी में आज जुटेंगे लाखों श्रद्धालु

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी के बाद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। रविवार को सुबह 6 बजे से रात 10.30 बजे तक 3 लाख 31 हजार भक्तों ने भगवान महाकाल के दर्शन किए। शाही सवारी सोमवार को शाम 4 बजे निकाली जाएगी।

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Madhav Singh
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उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का भारी जनसमूह उमड़ पड़ा है। नागपंचमी (Nagpanchami) के बाद रविवार को सुबह 6 बजे से लेकर रात 10:30 बजे तक लगभग 3 लाख 31 हजार भक्तों ने महाकाल के दर्शन (Mahakal Darshan) किए। नागपंचमी के दिन कुल 8 लाख 10 हजार श्रद्धालुओं (Devotees) ने भगवान महाकाल के दर्शन किए थे। रविवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर समिति के प्रशासक ने दर्शन व्यवस्था (Darshan Management) संभाली। दर्शन का क्रम रात 11 बजे मंदिर के पट बंद होने तक जारी रहा।

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शाम 4 बजे निकलेगी सवारी 

महाकालेश्वर भगवान की शाही सवारी (Royal Procession of Mahakaleshwar) का आयोजन सोमवार, 4 नवंबर को किया जाएगा। कार्तिक-अगहन माह की यह पहली सवारी महाकाल मंदिर के सभामंडप से शाम 4 बजे विधिवत पूजन-अर्चन के बाद निकाली जाएगी। इस सवारी के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जिसमें पुलिस और प्रशासन का विशेष योगदान है। उज्जैन प्रशासन (Ujjain Administration) ने श्रद्धालुओं की संख्या को ध्यान में रखते हुए जगह-जगह बैरिकेड्स लगाए हैं, और ट्रैफिक व्यवस्था को भी सुधारने के प्रयास किए हैं।

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भक्तों के लिए विशेष है यह आयोजन

इस शाही सवारी का विशेष महत्व है और इसे देखने के लिए हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से उज्जैन आते हैं। भगवान महाकाल की सवारी राजसी ठाट-बाट (Royal Grandeur) के साथ निकाली जाती है, जो भगवान की महिमा को प्रदर्शित करती है। श्रद्धालु सवारी मार्ग के दोनों ओर कतारबद्ध होकर महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। उज्जैन का यह आयोजन भगवान महाकाल के भक्तों के लिए एक विशेष अवसर है, जिसमें भाग लेने के लिए श्रद्धालु महीनों पहले से तैयारी करते हैं।

FAQ

महाकाल की शाही सवारी कब निकाली जाती है?
शाही सवारी महाकालेश्वर मंदिर में कार्तिक-अगहन माह में हर सोमवार को निकाली जाती है।
महाकाल के दर्शन का समय क्या है?
महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन का समय सुबह 6 बजे से रात 10:30 बजे तक होता है।
महाकालेश्वर मंदिर में नागपंचमी पर कितने श्रद्धालु आते हैं?
नागपंचमी पर महाकाल मंदिर में लगभग 8 लाख 10 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
शाही सवारी के दौरान कौन-कौन सी व्यवस्थाएं होती हैं?
शाही सवारी के दौरान सुरक्षा के लिए बैरिकेड्स लगाए जाते हैं, पुलिस बल तैनात किया जाता है, और ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के प्रयास किए जाते हैं।
महाकाल की शाही सवारी का क्या महत्व है?
महाकाल की शाही सवारी भगवान महाकाल के राजसी रूप को प्रदर्शित करती है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु उज्जैन आते हैं।

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