उज्जैन. महाकाल मंदिर में लड्डू प्रसादी के लिए एटीएम जैसी मशीन लगाई गई है। इस मशीन से श्रद्धालुओं को अब 24 घंटे प्रसादी मिल सकेगी। मंदिर में शुरुआत में दो मशीनें मंगवाई गई हैं, जो जल्द ही काम करना शुरू कर देंगी। यह हाईटेक सुविधा देश के किसी भी अन्य मंदिर में उपलब्ध नहीं है। बताया गया कि 100 ग्राम का पैकेट 50 रुपए, 200 ग्राम का 100 रुपए, 500 ग्राम का 200 रुपए और एक किलो का पैकेट 400 रुपए में मिलेगा।
24 घंटे मिल सकेगा बाबा महाकाल का प्रसाद
उज्जैन महाकाल मंदिर में अब श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे लड्डू प्रसादी मिल सकेगी। इसके लिए महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि भोपाल के एक दानदाता ने दो मशीनें मंदिर में दान देने की बात कही है। बताया गया कि कोयम्बटूर की 5G टेक्नोलॉजी नामक कंपनी को लड्डू प्रसादी पैकेट की ऑटोमैटिक मशीन का ऑर्डर दिया गया। दो-तीन दिनों में एक मशीन मंदिर में आ जाएगी।
एटीएम की तरह काम करेगी प्रसादी मशीन
बताया गया है कि यह मशीन एटीएम मशीन की तरह करेगी। अब श्रद्धालुओं को प्रसाद पाने के लिए लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। प्रसाद के लिए मशीन में QR कोड स्कैन का विकल्प होगा। श्रद्धालु ऑनलाइन पेमेंट कर 24 घंटे लड्डू प्रसादी प्राप्त कर सकेंगे। बताया गया कि 150 पैकेट एक बार में रखे जा सकेंगे। मंदिर प्रशासक ने बताया कि मशीन के आने के बाद इसे बैंक से कनेक्ट किया जाएगा। इसमें 100 ग्राम से लेकर 500 ग्राम तक के पैकेट रखे जाएंगे। इसके बाद मशीन को दोबारा रिफिल करना पड़ेगा। दूसरी मशीन अगले 15 दिनों के अंदर पहुंच जाएगी।
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प्रतिदिन बनते हैं 50 से 60 क्विंटल लड्डू
महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को बाबा महाकाल का लड्डू प्रसाद उपलब्ध कराया जाता है। इस प्रसादी की मांग न केवल देश में बल्कि विदेशों से आए भक्तों के बीच भी है। प्रतिदिन 50 से 60 क्विंटल लड्डू मंदिर समिति द्वारा बनाए जाते हैं, जिसे बाद में भक्तों को प्रसादी के रूप में बांटा जाता है। महाकाल का लड्डू प्रसाद 400 रुपए प्रति किलो मिलता है। मंदिर समिति हर माह करीब 12 हजार लड्डू प्रसादी के पैकेट छपवाती है।
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100 ग्राम से 1 किलो तक मिलती है प्रसादी
त्यौहारों पर महाकाला मंदिर में प्रसादी के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। यह लड्डू प्रसाद 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और 1 किलो के पैकेट में मिलता है। अभी मंदिर में लड्डू प्रसादी के सात काउंटर हैं। हर काउंटर पर एक-एक कर्मचारी सुबह से शाम तक प्रसाद देने के लिए नियुक्त किया गया है।
टेंडर प्रक्रिया से होती है खरीदी
देश के पहले फाइव स्टार हाइजिन रेटिंग वाले महाकाल मंदिर में कैसे तैयार होता है प्रसाद। इसके लिए सबसे पहले पूरी प्रक्रिया टेंडर से होती है। देसी घी, ड्रायफ्रूट, चने की दाल, रवा की खरीदी की जाती है। सभी खाद्य सामग्री की जांच खाद्य विभाग की टीम करती है, जरा सी भी कमी होने पर उसे विक्रेता को लौटा दिया जाता है। बेसन के लिए चने की सूखी दाल खरीदी जाती है, जिसकी अच्दे से सफाई की जाती है। इसके बाद चक्की में पीसकर बेसन तैयार किया जाता है। वहीं बात करें रवा की तो यह सीधे फैक्ट्री से आता है।
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मानकों का रखा जाता है विशेष ध्यान
खरीदी गई सामग्री को एफएसएसएआई के मानकों के अनुरूप रखा जाता है। जैसे चने व रवा की दाल को दीवार से करीब दो फीट दूर और नीचे प्लास्टिक के रैक रखकर स्टोर किया जाता है। इनमें नमी न आए इसका विशेष ध्यान रखा जाता है। ड्रायफ्रूट को एयर कंडीशनर कमरे में रखा जाता है।
ऐसे बनता है लड्डू
प्रसादी बनाने के लिए 20 किग्रा बेसन, 5 किग्रा रवा और 20 किग्रा देसी घी को भट्टी की तेज आंच में सेंका जाता है। यह प्रक्रिया करीब डेढ़ से दो घंटे चलती है। इसके बाद सिके हुए बेसन को बड़ी ट्रे में ठंडा किया जाता है, इसमें करीब चौबीस घंटे का समय लग जाता है। ठंडा होने पर इसमें पिसी हुई चीनी, इलायची व ड्रायफ्रूट मिलाया जाता है। हाथों से इसे अच्छी तरह से मिलाकर रख दिया जाता है। इस तरह लड्डू का मिश्रण तैयार हो जाता है। लड्डू बनाने का काम 25 लोगों की टीम करती है।
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एक लड्डू का वजन 50 ग्राम
लड्डू प्रसादी के लिए 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और 1 किग्रा लड्डुओं की पैकिंग की जाती है। एक लड्डू का वजन लगभग 50 ग्राम रखा जाता है। इसके लिए इलेक्ट्रिक तोल कांटा इस्तेमाल किया जाता है। इस तोल कांटे की भी समय-समय पर जांच की जाती है। महाकाल मंदिर में मांग के अनुसार अलग-अलग वजन के पैकेट्स जाते हैं।
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