हाईकोर्ट में नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगी, दोनों आरोपी गिरफ्तार

हिमांशु यादव के पुराने रिकॉर्ड की जांच से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 2022 में उसने वार्ता सोनी नामक युवती को रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 53 लाख रुपए ठगे थे।

author-image
Neel Tiwari
New Update
job High Court both accused arrested
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

जबलपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बाप-बेटे की जोड़ी ने मिलकर हाईकोर्ट में नौकरी लगाने का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी की। ग्वारीघाट निवासी विनोद सेन ने ओमती थाने में शिकायत की। वह 16 वर्षों से अपनी दुकान ‘प्रकाश हेयर ड्रेसर्स’ में बारबर का काम करता है। इसी दौरान उसकी पहचान हिमांशु यादव से हुई, जो 10-12 वर्षों से वहां बाल कटवाने आता था। बाप-बेटे ने इसी भरोसे को हथियार बना कर ठगी की।

‘हाईकोर्ट में लगवा देंगे नौकरी’ 

हिमांशु यादव के बुलाने पर विनोद सेन कई बार उसके घर भरतीपुर, उडिया मोहल्ला गए। यहां उनकी मुलाकात हिमांशु के पिता नीलचंद यादव से हुई। नीलचंद यादव ने खुद को हाईकोर्ट व नगर निगम का ठेकेदार बताया। उन्होंने दावा किया कि उनके ऊंचे अफसरों से अच्छे संबंध हैं और वह ग्रेड-2 व ग्रेड-3 की सरकारी नौकरी दिलवा सकते हैं। भरोसा दिलाते हुए उन्होंने कहा कि ग्रेड-2 की नौकरी के लिए ₹3 लाख और ग्रेड-3 के लिए ₹2 लाख लगेंगे।

ये खबर भी पढ़िए... शिक्षक ने NIA के खिलाफ दायर की याचिका, हाई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

एक साथ कई लोगों को बनाया शिकार

नीलचंद यादव और उसके बेटे हिमांशु यादव ने विनोद सेन को झांसे में लेकर पहले उसका भरोसा जीता। फिर उन्होंने विनोद के परिवार और परिचितों को भी ठगी का शिकार बना लिया। विनोद ने अपने चाचा के बेटे चंद्रिका प्रसाद सेन (ग्रेड-2) और बुआ के बेटे शुभम सेन, बुआ की बेटी भारती सेन (दोनों ग्रेड-3) की नौकरी लगवाने के लिए 3 लाख 94 हजार रुपए नीलचंद यादव को दिए। इसमें से 2 लाख रुपए का चेक यूनियन बैंक, नेपियर टाउन से हिमांशु यादव के नाम पर दिया गया था।

इसके बाद, विनोद सेन के मालिक रामप्रकाश सेन के बेटे पंकज सेन से भी ग्रेड-2 की नौकरी के नाम पर 4 लाख 75 हजार रुपए ठग लिए गए। कुल मिलाकर आरोपियों ने चार युवाओं से 8.69 लाख रुपए की ठगी की। जब नौकरी से जुड़ा कोई दस्तावेज नहीं मिला और एडमिट कार्ड भी जारी नहीं हुए, तो विनोद सेन ने पैसे की वापसी की मांग की। तब नीलचंद यादव ने गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी।

ये खबर भी पढ़िए... इंदौर में मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया क्यों बोल पड़े, अमिताभ बच्चन की आवाज से मैं भी परेशान

पहले भी कर चुके हैं लाखों की ठगी

हिमांशु यादव के पुराने रिकॉर्ड की जांच से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 2022 में उसने वार्ता सोनी नामक युवती को रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 53 लाख रुपए ठगे थे। गोरखपुर थाने में इस मामले में अपराध क्रमांक 789/2022 दर्ज किया गया था। इसमें मुख्य आरोपी सुमित पांडे था, जबकि हिमांशु यादव सह आरोपी था। गिरफ्तारी के बाद नीलचंद यादव ने युवती को आंशिक भुगतान किया और बाकी रकम के लिए चेक दिए। बाद में जमानत मिलने से पहले जिला अदालत ने याचिका खारिज कर दी थी। हिमांशु यादव पर कैंट थाने में भी एक ज्वेलर की आंख में मिर्च झोंककर लूट करने का मामला दर्ज है।

ये खबर भी पढ़िए... एमपी में MRP से अधिक कीमत पर शराब बिक्री, कलेक्टर्स की उदासीनता से ठेकेदारों को फायदा!

राजीनामा की आड़ में बचने की कोशिश

इन बाप-बेटों की ठगी करने की तरकीब अब साफ हो रही है। ये पहले लोगों को सरकारी नौकरी, लोन या व्यवसायिक अवसरों के नाम पर झांसा देते हैं। फिर पैसे लेने के बाद धमकियां देना शुरू करते हैं। यदि पीड़ित पुलिस या अदालत का रुख करते हैं, तो उन्हें चेक देकर शांत करने की कोशिश करते हैं। कुछ को आंशिक भुगतान किया जाता है, जबकि अन्य के चेक बाउंस हो जाते हैं। इस कारण हिमांशु यादव के खिलाफ जिला सत्र न्यायालय जबलपुर में चेक बाउंस के कई मामले लंबित हैं।

ये खबर भी पढ़िए... AI से चैटिंग को बनाएं स्मार्ट और मजेदार, WhatsApp लाया Writing Help फीचर

पुलिस ने गंभीरता से लिया मामला

जबलपुर एसपी सम्पत उपाध्याय ने मामले को गंभीर मानते हुए तत्काल गिरफ्तारी के निर्देश दिए। ASP समर वर्मा और CSP ओमती सोनू कुर्मी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी राजपाल सिंह बघेल की अगुवाई में विशेष टीम गठित की गई। टीम ने दोनों आरोपियों, हिमांशु यादव (33 वर्ष) और नीलचंद यादव (65 वर्ष), को भरतीपुर उडिया मोहल्ला से गिरफ्तार कर लिया।

जेल की सलाखों के पीछे भेजे गए दोनों आरोपी

ठगी, साजिश और धमकी के इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 420 (धोखाधड़ी), 294 (गाली-गलौज), 506 (धमकी), 120B (षड्यंत्र), और 34 (सामूहिक अपराध) के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। दोनों आरोपी पिता-पुत्र को जेल भेज दिया गया है।

सख्त सजा की दरकार

यदि पुलिस इस बार पुराने अपराधों को सही ढंग से जांचे, तो आरोपियों को सख्त सजा मिल सकती है। अन्यथा ये ठग फिर से किसी नए शिकार की तलाश में निकल सकते हैं। यह मामला चेतावनी है कि झूठे दावों पर भरोसा न करें। सरकारी नौकरी की कोई शॉर्टकट प्रक्रिया नहीं होती। किसी भी पेमेंट से पहले पूरी जांच और कानूनी पुष्टि जरूरी है।

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, दोस्तों, परिवारजनों के साथ 🤝 शेयर करें
📢🔄 🤝💬👫👨‍👩‍👧‍👦

ठग गिरफ्तार | मध्य प्रदेश | एमपी हिंदी न्यूज

हाईकोर्ट जबलपुर ठग गिरफ्तार रेलवे मध्य प्रदेश एमपी हिंदी न्यूज