इंदौर में बीजेपी के पूर्व पार्षद महेश नीमा से जमीन को लेकर 25 करोड़ की धोखाधड़ी, कलेक्टर के आदेश पर हुई FIR

लोधीपुरा निवासी भाजपा के पूर्व पार्षद महेश कुमार गोकुलदास नीम ने सुपर कॉरिडोर की 8 बीघा जमीन का सौदा किया। जमीन में पारिवारिक विवाद निपटाने के लिए सामने वाले ने समय लिया।

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Vishwanath Singh
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इंदौर में बीजेपी के पूर्व पार्षद महेश कुमार नीमा ने सुपर कॉरिडोर स्थित 8 बीघा जमीन खरीदने के लिए जनक सेन और सुरेंद्र यादव से किया था। आरोपियाें ने उन्हें जमीन पर पारिवारिक विवाद होने की बात कहकर मामले को टालते रहे। इसी दौरान जब जमीन के भाव बड़ गए तो उन्होंने इसका सौदा 25 करोड़ रुपए में किसी और को कर दिया। इसकी शिकायत नीमा ने कमिश्नर संतोष सिंह और कलेक्टर आशीष सिंह को की। कलेक्टर के आदेश पर दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

यह है पूरा मामला

लोधीपुरा निवासी भाजपा के पूर्व पार्षद महेश कुमार गोकुलदास नीम ने सुपर कॉरिडोर की 8 बीघा जमीन का सौदा किया। जमीन में पारिवारिक विवाद निपटाने के लिए सामने वाले ने समय लिया। इस दौरान जमीन के भाव बढ़ गए तो सामने वाले ने जमीन बेच दी। घटना की शिकायत पर  ढाई महीने जांच चली फिर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। 

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1 करोड़ 12 लाख में किया था सौदा

नीमा ने बताया कि उन्होंने मोहनलाल महाजन, विपिन कुमार नीमा, नरेंद्र कुमार जैन, विशाल कुमार गोधा और पवन कुमार गोधा के साथ मिलकर फरवरी 2007 में जनक सेन निवासी कालानी नगर एनएक्स और सुरेंद्र यादव निवासी एमओजी लाइन से उनकी बड़ा बांगड़दा सुपर कॉरिडोर की 8 बीघा जमीन का सौदा 14 लाख रूपए बीघा के भाव से कुल 1 करोड़ 12 लाख रुपए में किया था। इसको लेकर जो करार हुआ उसमें 30 लख रुपए बयाना दे भी दिया था।

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आरोपियों ने जमीन पर पारिवारिक विवाद की बात कही

उन्होंने बताया कि जमीन में कुछ विवाद था, इस पर यादव और सेन ने कहा कि विवाद निपटाकर रजिस्ट्री कर देंगे। कोर्ट से मामला निपट गया और जमीन के भाव भी इस दौरान बढ़ गए। तो दोनों की नियत बदल गई। इसके बाद नीमा को पता चला की 11 मार्च 2023 को यादव और सेन ने जमीन का सौदा राजेश काले निवासी नंदानगर, राजेश शर्मा निवासी नंदानगर, सार्थक शुक्ला निवासी सतपुड़ा कॉलोनी बड़वानी और प्रीति शुक्ला निवासी सुदामा नगर को ढ़ाई करोड़ रुपए प्रति बीघा के हिसाब से कर दिया है। इसका सौदा 25 करोड़ रुपए में कर 21 करोड़ रुपए नगद ले भी लिए हैं। वहीं, रजिस्ट्री केवल 4 करोड़ रुपए की ही कराई है। इसको लेकर नीमा ने ईडी में भी शिकायत की है जिसमें जांच चल रही है।

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गांधीनगर टीआई जांच के नाम पर लटका रहे थे प्रकरण

 नीमा का आरोप है कि गांधीनगर टीआई अनिल यादव जांच के नाम पर मामला लटक रहे थे। पहले तो उन्होंने समझौता कराने की कोशिश की थी। नीमा ने पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह और उपायुक्त विनोद मीणा से शिकायत की। विधायक मालिनी गौड़ ने भी अफसरों को फोन लगाकर केस दर्ज करने को कहा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। पिछले दिनों विधायक ने कलेक्टर आशीष सिंह से बात की और फिर कलेक्टर के आदेश पर केस दर्ज किया गया है।

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एफआईआर में गुंडे हेमंत यादव का नाम नहीं जोड़ा

नीम का कहना है की जमीन के खेल का मास्टरमाइंड सुनील विजय सिंह परिहार है। यादव और सेन का तो मोहरे के रूप में उपयोग किया गया है। मैंने आवेदन में उसका भी नाम दिया था। परिहार ने जांच में थाने में भी झूठे बयान दिए और कहा कि उसके सामने मुझे पैसा लौटा दिया गया है, जबकि ऐसा नहीं हुआ। पुलिस ने उसे मुलजिम नहीं बनाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुझे गुंडे हेमंत यादव से धमकी भी दिलवाई गई थी, कि शिकायत वापस ले लो नहीं तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। इसकी भी शिकायत मैंने पुलिस को की थी, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। 

 

जमीन पार्षद एफआईआर कलेक्टर इंदौर