इंदौर विकास प्राधिकरण की स्कीम 171 से 13 सोसायटी मुक्त होने जा रही है। इस दायरे में आई 13 सोसायटी के करीब छह हजार प्लाटधारकों की आंखों में खुशियों के आंसू छलक रहे हैं। उन्हें इस बात पर भी यकीन नहीं हो रहा है कि स्कीम से मुक्ति के लिए आखिरकार बुधवार सुबह प्रारूप जारी हो गया है। सभी सोसायटी के पदाधिकारियों ने बुधवार सुबह ही विधायक महेंद्र हार्डिया, कलेक्टर आशीष सिंह और आईडीए सीईओ आरपी अहिरवार को माला पहनाकर सम्मान किया और सीएम डॉ. मोहन यादव की सरकार को धन्यवाद दिया। एमआईसी सदस्य राजेश उदावत का भी सम्मान किया गया। संभागायुक्त व आईडीए प्रशासक दीपक सिंह बाहर होने से मिल नहीं सके। गुरुवार को सभी लोग मिलकर उनका भी धन्यवाद देंगे।
द सूत्र को भी दिया धन्यवाद
सम्मान करने के दौरान पुष्पविहार कॉलोनी संघर्ष समिति के एनके मिश्रा, ओपी तिवारी, राजेश तोमर, नीरज माहेश्वरी, देवेंद्र सिंह रघुवंशी, न्याय नगर संस्था से रितेश रघुवंशी, श्री महालक्ष्मी नगर से प्रभात मंत्री व अन्य लोग उपस्थित थे। मिश्रा ने सार्वजनिक तौर पर इसके लिए द सूत्र को भी धन्यवाद दिया।
इंदौर में मिलावटखोरों के खिलाफ यह वाट्सएप नं. 9406764084 सेव कर लीजिए
भूमाफिया और अड़ंगेबाज पत्रकारों की नहीं चली
यह स्कीम भूमाफिया दीपक मद्दा और उनकी गैंग व अन्य कई भूमाफियाओं से पीड़ित रही है। इसे लेकर भूमाफिया अभियान में कई एफआईआर भी दर्ज हुई हैं, लेकिन स्कीम से मुक्ति नहीं मिली। द सूत्र ने दो साल से हर स्तर पर इसकी लगातार आवाज उठाई। इसमें भी अड़ंगेबाज पत्रकारों ने अपने हितों को ऊपर रखते हुए इसे पूरी नहीं होने देने की कोशिश की। लेकिन जनवरी में कलेक्टर आशीष सिंह के कमान संभालने के बाद और फिर संभागायुक्त दीपक सिंह के आईडीए चेयरमैन बनने के बाद विधायक महेंद्र हार्डिया के प्रयासों और द सूत्र की मुहिम को बल मिला। सभी नेगेटिव बातों को खारिज करते हुए कलेक्टर ने इसमें लिस्ट बनवाई और फिर सीईओ आरपी अहिरवार ने टीम बनाकर सभी तरह के परीक्षण किए। दिन-रात एक करते हुए आईडीए ने प्रारूप जारी कर दिया।
निगम आयुक्त और ida सीईओ बैठक से नदारद, इंदौर कलेक्टर ने जताई नाराजगी
साल 2020 में हुआ था फैसला
स्कीम से मुक्ति के लिए साल 2020 में आदेश हुआ था। इसमें यह था कि जहां 10 फीसदी से कम विकास कार्य हुआ है, वहां आईडीए खर्च राशि लेकर स्कीम मुक्त कर दे। इसके लिए बाद में नियम आए, लेकिन प्रारूप नहीं आया। द सूत्र ने दमदारी के साथ यह मुद्दा उठाया। सभी स्तरों पर इसमें बात की। पीड़ितों ने हर मंच पर अपनी बात रखी। वह 30 साल से एक घर बनाने के लिए तरस रहे थे। अब यह संकल्प पूरा हुआ।
15 हजार करोड़ की है जमीन
दो महीने में स्कीम की 115 हेक्टेयर जमीन मुक्त हो जाएगी। इसके लिए सोसायटी व भू धारकों को कुल 5.84 करोड़ की राशि भरना है। आज इस जमीन की कीमत 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक है।
Indore कलेक्टर भड़के, दिए सैलरी काटने के आदेश
इस तरह चला भूखंडधारकों का संघर्ष
आईडीए ने साल 1991-92 में यहां स्कीम 132 लागू की थी। इसमें आपत्ति लगी, मामला कोर्ट गया और वहां से स्कीम निरस्त हो गई। आईडीए के बाद भी मुआवजा देने योग्य राशि नहीं थी। बाद में आईडीए ने यहां 2009 में स्कीम 171 लागू कर दी। इसमें 13 संस्थाओं के हजारों पीड़ित उलझ गए। लगातार स्कीम खत्म करने की मांग हुई। इसी दौरान भूमाफिया इसमें आ गए औऱ् जमीनों की खरीदी-बिक्री शुरू हो गई। फरवरी 2020 में सरकार ने फैसला लिया, जिसमें कोई काम नहीं हुआ वह रात 12 बजे से लैप्स होती है, जिसमें दस फीसदी से कम काम हुआ इसमें विकास खर्च की राशि भरकर स्कीम मुक्त होगी। इसी में स्कीम 171 के लिए प्रस्ताव पास हुआ कि 5.84 करोड़ रुपए भरना होंगे। बाद में सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार में नियम बने और प्रारूप पास कर राशि जमाकर स्कीम लैप्स करने का नियम आया। इसके बाद से ही मामला अटका हुआ था। फिर इसमें कलेक्टर आशीष सिंह ने पहल की और विधायक महेंद्र हार्डिया ने भी लगातार मांग रखी। इसके बाद आईडीए सीईओ अहिरवार ने टीम लगाकर सहकारिता विभाग से सूची ली और प्रशासन से जांच कराने के बाद प्रारूप बनवाया। इसे संभागायुक्त जो आईडीए के चेयरमैन है दीपक सिंह उन्होंने भी पॉजीटिव रुख अपनाया और मंजूर किया। इसके बाद यह प्रारूप जारी हो रहा है।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक