MP News: सावन महीने के चौथे और आखिरी सोमवार पर आज उज्जैन में भगवान महाकाल की भव्य सवारी निकाली गई। महाकाल मंदिर के सभा मंडप में भगवान महाकाल की पालकी का पूजन किया गया। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी। इस दौरान लाखों श्रद्धालु शामिल होकर एक बड़ा धार्मिक उत्सव बने।
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भगवान महाकाल के विभिन्न रूप
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शाही सवारी में भगवान महाकाल के कई रूपों के दर्शन हुए। पालकी में महाकालेश्वर, चंद्रमोलेश्वर स्वरूप में भगवान विराजमान थे। इसके अलावा गजराज पर मनमहेश रूप, गरुड रथ पर शिव तांडव प्रतिमा, और नंदी रथ पर उमा-महेश जी स्वरूप में भगवान महाकाल सवार थे। सवारी में घुड़सवार पुलिस दल, सशस्त्र पुलिस बल, होमगार्ड के जवान, भजन मंडली, झांझ मंडली और पुलिस बैंड भी शामिल थे।
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रामघाट पर पूजा
भगवान महाकाल की सवारी रामघाट पहुंची, जहां भगवान महाकाल का पूजन किया गया। इसके बाद सवारी मंदिर लौटी। इस दौरान हर तरफ भक्ति और श्रद्धा का माहौल था, और लोग इस विशेष दिन को यादगार बनाने के लिए भगवान महाकाल के दर्शन कर रहे थे।
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भस्म आरती का आयोजन
दिन की शुरुआत तड़के ढाई बजे भस्म आरती से हुई, जब भगवान महाकाल के कपाट खोले गए। भगवान महाकाल को जल अर्पित कर भस्म रमाई गई। इसके बाद पंचामृत अभिषेक पूजा के साथ भगवान महाकाल का राजा स्वरूप श्रृंगार किया गया, जिसमें भांग, चंदन और आभूषणों का विशेष रूप से उपयोग किया गया।
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श्रद्धालुओं की संख्या
दोपहर तक दो लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके थे। इससे पहले श्रावण माह के पहले सोमवार पर 2.5 लाख, दूसरे सोमवार पर 3 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे, जबकि तीसरे सोमवार को लगभग 4 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे।
रतलाम और गरोठ में भी महाकाल की सवारी
रतलाम के अमृत सागर तालाब किनारे स्थित भगवान गढ़ कैलाश महादेव मंदिर से भगवान महाकाल की शाही सवारी निकाली गई। इस सवारी में कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप, कलेक्टर राजेश बाथम और एसपी अमित कुमार ने पूजा-पाठ किया और पालकी को उठाया।
इसके अलावा, मंदसौर के गरोठ में महाकाल समिति द्वारा भोलेनाथ की शाही सवारी निकाली गई। इस सवारी में बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हुए। श्रद्धालु गाजे-बाजे के साथ ढोल की थाप पर नाचते-गाते हुए "जय बम" के नारे लगाते हुए सवारी के साथ चल रहे थे।
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