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उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से सावन के महीने की चौथी सवारी सोमवार, 4 अगस्त 2025 को निकलेगी। इस बार भगवान महाकाल की सवारी में एक खास बदलाव किया गया है।
सवारी में नंदी रथ पर भगवान श्री उमा-महेश की प्रतिमा शामिल की जाएगी। यह सवारी सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों और संस्कृति को प्रदर्शित करने का एक अद्वितीय अवसर है।
बता दें कि, महाकाल की सवारी की इस बार की थीम मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर आधारित होगी। इसमें प्रदेश के फेमस वाइल्डलाइफ पर्यटन, धार्मिक स्थल और ऐतिहासिक स्थल शामिल होंगे। इसके अलावा, जनजातीय और लोक कलाकार रंग-बिरंगे नृत्य प्रस्तुत करेंगे, जो इस आयोजन को और भी विशेष बनाएंगे।
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सवारी का मार्ग और समय
महाकाल की सवारी (Mahakaal Darshan) शाम 4 बजे मंदिर से निकलने के बाद विभिन्न प्रमुख स्थानों से होकर गुजरेगी। इस बार की सवारी महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी, जहां भगवान का शिप्रा नदी के जल से अभिषेक होगा।
इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार होते हुए वापस महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
सवारी की सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाएं
उज्जैन के बाबा महाकाल सवारी में सुरक्षा की सभी इंतजाम किए गए हैं। पुलिस जवान भगवान महाकाल को सलामी देंगे और सवारी के साथ घुड़सवार पुलिस, होमगार्ड, भजन मंडली, झांझ मंडली और पुलिस बैंड भी शामिल होंगे।
इसके अलावा, सवारी (उज्जैन महाकाल दर्शन) के मार्ग पर पार्किंग और यातायात व्यवस्थाएं भी बेहतर की गई हैं ताकि भक्तों को कोई असुविधा न हो।
पर्यटन पर आधारित झांकियां
सीएम मोहन यादव की मंशा के मुताबिक, इस बार की सवारी में मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों की झांकियां भी शामिल रहेंगी। इनमें शामिल हैं:
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जनजातीय और लोक नृत्य की प्रस्तुति
वहीं, रिपोर्ट के मुताबिक इस बार की सवारी (महाकाल की चौथी सवारी) में चार मेजर ट्राइबल और लोक नृत्य दल प्रस्तुति देंगे:
- धार से भगोरिया नृत्य: मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में
- छिंदवाड़ा से भड़म नृत्य: मोजीलाल डाडोलिया
- उज्जैन से मटकी नृत्य: कृष्णा वर्मा के नेतृत्व में
- सिवनी से सैला नृत्य: राहुल धुर्वे के नेतृत्व में
ये नृत्य दल सवारी के दौरान भगवान महाकाल के रथ के साथ नृत्य प्रस्तुत करेंगे, जो दर्शकों को मध्यप्रदेश (उज्जैन का महाकाल मंदिर) की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव कराएंगे।
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