वकीलों ने पुलिस अभद्रता के विरोध में किया एसपी कार्यालय का घेराव, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

जबलपुर जिला अधिवक्ता संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में अधिवक्ता कोर्ट परिसर से रैली निकालते हुए एसपी कार्यालय पहुंचे। वकीलों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की।

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Neel Tiwari
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MP NEWS: जबलपुर के माढ़ोताल थाना क्षेत्र में वाहन चेकिंग के दौरान अधिवक्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हुए टकराव का मामला तूल पकड़ चुका है। सोमवार को जिले के सैकड़ों वकीलों ने पुलिसकर्मियों पर अभद्रता और जातिसूचक गालियों के आरोप लगाते हुए एसपी कार्यालय का घेराव कर दिया। अधिवक्ताओं ने दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए चेतावनी दी कि यदि जल्द ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो वकील उग्र आंदोलन करेंगे।

वकीलों का प्रदर्शन

सोमवार सुबह जबलपुर जिला अधिवक्ता संघ के बैनर तले बड़ी संख्या में अधिवक्ता कोर्ट परिसर से रैली निकालते हुए एसपी कार्यालय पहुंचे। वकीलों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित करने की मांग की। अधिवक्ताओं ने कहा कि माढ़ोताल थाने में जो कुछ हुआ, वह न केवल एक अधिवक्ता का अपमान है, बल्कि पूरे वकील समाज के सम्मान पर चोट है। वकीलों ने एसपी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा और दो टूक कहा कि यदि दोषी पुलिसकर्मियों पर उचित कानूनी कार्रवाई नहीं होती है, तो जबलपुर में बड़ा अधिवक्ता आंदोलन होगा।

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वाहन चेकिंग से शुरू हुआ था विवाद

गौरतलब है कि शनिवार 26 अप्रैल को अधिवक्ता विवेक पटेरिया 'अधिवक्ता संवाद' कार्यक्रम में शामिल होने अपोलो अस्पताल जा रहे थे। उस समय पुलिसकर्मियों ने उन्हें वाहन चेकिंग के नाम पर रोका। विवेक पटेरिया के अनुसार, परिचय देने और कार्यक्रम का उल्लेख करने के बावजूद पुलिस ने उनसे गाली-गलौज की, वाहन की चाबी छीनी ली।  धक्का-मुक्की में उनकी दाहिनी उंगली चोटिल हो गई। घटना की सूचना मिलने पर जिला अधिवक्ता संघ के सचिव ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी मौके पर पहुंचे थे, लेकिन आरोप है कि उन्हें भी पुलिसकर्मियों ने अपमानित किया और जान से मारने की धमकी दी।

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अधिवक्ताओं का आरोप

जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने विवेक पटेरिया के साथ दुर्व्यवहार किया। साथ ही संघ पदाधिकारियों के साथ भी बदसलूकी की। यह घटना महज एक वाहन चेकिंग विवाद नहीं, बल्कि पुलिसिया अहंकार का परिचायक है, जिसमें अधिवक्ताओं के संवैधानिक अधिकारों का खुला उल्लंघन किया गया है। अधिवक्ताओं ने पुलिस पर जातिसूचक गालियां देने और शारीरिक हिंसा करने के भी गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद थाना माढ़ोताल में उप निरीक्षक बृजेश तिवारी और आरक्षक सत्यम पटेल के खिलाफ ST/SC एक्ट सहित अन्य धाराओं पर मामला भी कायम कर लिया गया था।

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वकीलों ने दी आंदोलन की चेतावनी

जिला अधिवक्ता संघ के एडवोकेट शैलेंद्र यादव ने कहा कि यदि शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई नहीं होती है, तो वकील समाज अदालतों का बहिष्कार कर सड़क पर उतरने को मजबूर होगा। संघ का कहना है कि अधिवक्ताओं के सम्मान के लिए वे किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। वहीं पुलिस विभाग मामले को सुलझाने और दोनों पक्षों की जांच निष्पक्षता से करने का दावा कर रहा है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए विवाद जल्द शांत होता नजर नहीं आ रहा। माढ़ोताल थाने की घटना ने जबलपुर में वकीलों और पुलिस के बीच एक बड़े टकराव को जन्म दे दिया है। दोनों पक्षों के आरोप-प्रत्यारोप और अब अधिवक्ताओं के उग्र तेवर से मामला और अधिक संवेदनशील हो गया है। प्रशासन के लिए चुनौती है कि वह निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखे और जल्द से जल्द वकील समाज की नाराजगी को दूर करे, वरना जबलपुर में बड़ा आंदोलन भड़क सकता है।

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