लक्ष्मण सिंह का कांग्रेस पर वार, बोले-पार्टी चाहती है मैं राहुल को देश का भविष्य मान लूं

कांग्रेस से निष्कासित पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने कहा कि पार्टी उनसे राहुल गांधी को देश का भविष्य कहने का दबाव बना रही थी। उन्होंने इनकार किया तो पार्टी ने बाहर कर दिया।

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Rohit Sahu
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पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह एक बार फिर कांग्रेस पार्टी से बाहर कर दिए गए हैं। पार्टी से बाहर होने के बाद उनका बयान सामने आया है। लक्ष्मण सिंह ने कहा कि उनपर यह कहने के लिए दबाव बनाया गया कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे, लेकिन उन्होंने यह कहने से इनकार कर दिया। इसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया।  बता दें कांग्रेस ने बुधवार को आदेश जारी कर लक्ष्मण सिंह को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है।

2004 में छोड़ी थी कांग्रेस

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने 20 साल पहले 2004 में खुद कांग्रेस छोड़ी थी। कांग्रेस छोड़कर वे बीजेपी में चले गए थे, लेकिन 2010 में फिर से कांग्रेस में लौट आए थे। अब इस बार पार्टी ने उन्हें खुद निकाल दिया है।

कैसा रहा सियासी सफर

लक्ष्मण सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे। वर्ष 2003 में दिग्विजय सरकार के जाने के बाद, वे 2004 में भाजपा में शामिल हुए। भाजपा के टिकट पर राजगढ़ से सांसद बने। लेकिन 2009 में कांग्रेस के नारायण सिंह अंबाले से हार गए। इसके बाद 2010 में दोबारा कांग्रेस में लौट आए। 2018 में चाचौड़ा से कांग्रेस विधायक बने, लेकिन 2023 में विधानसभा चुनाव हार गए। तब से वे लगातार प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व पर सवाल उठाते आ रहे थे, जिससे पार्टी नेतृत्व असहज था।

दिग्विजय सिंह की सीट संभाली

लक्ष्मण सिंह ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1990 और 1993 में विधायक के रूप में की थी। जब 1993 में उनके भाई दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री बने, तो लक्ष्मण सिंह ने राघौगढ़ सीट से इस्तीफा दे दिया। बाद में दिग्विजय के सांसद पद छोड़ने के बाद राजगढ़ से उपचुनाव जीते और लगातार पांच बार सांसद रहे। अब पार्टी के खिलाफ बयानबाजी को लेकर उन्हें निष्कासन झेलना पड़ा।

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निष्कासन पर भाजपा और कांग्रेस में बयानबाजी

निष्कासन पर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कहा कि “पार्टी फोरम पर बात करने के बजाय सार्वजनिक रूप से बोलना अनुशासनहीनता है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में नियम और अनुशासन होते हैं, जो सभी को मानना चाहिए।

वहीं भाजपा के मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार करते हुए कहा कि नेहरू-गांधी परिवार कार्यकर्ताओं को बंधुआ मजदूर बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि वे हमेशा सच बोलते हैं, इसलिए कांग्रेस उन्हें बर्दाश्त नहीं कर सकी।

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