लिक्वीडेटर ने भूमाफिया चंपू अजमेरा, नीलेश और सोनाली पर कानूनी कार्रवाई की मांगी मंजूरी, टीम को घर से भगाया

भूमाफिया रितेश उर्फ चंपू अजमेरा (land mafia champu ajmera ), उनके भगौड़ा भाई नीलेश अजमेरा और नीलेश की पत्नी सोनाली तीनों  फिनिक्स डेवकांस कंपनी में डायरेक्टर रहे हैं। कंपनी एक्ट में चल रही कार्रवाई के लिए इनका कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। 

Advertisment
author-image
Pratibha ranaa
एडिट
New Update
njinjk;

भूमाफिया नीलेश अजमेरा और चंपू अजमेरा

Listen to this article
00:00 / 00:00

संजय गुप्ता, INDORE. भूमाफिया रितेश उर्फ चंपू अजमेरा ( land mafia champu ajmera ), उनके भगौड़ा भाई नीलेश अजमेरा और नीलेश की पत्नी सोनाली तीनों अब नए केस में उलझ गए हैं। कंपनी लिक्वीडेटर ने हाईकोर्ट में औपचारिक रूप से इन तीनों के खिलाफ शिकायत करते हुए दंडात्मक कानूनी कार्रवाई की मंजूरी मांगी है। 

ये खबर भी पढ़िए...RGPV : यूनिवर्सिटी में 19.48 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का मामला, रजिस्ट्रार राजपूत का खुलासा

कोर्ट में लिक्वीडेटर ने यह कहा

लिक्वीडेटर ने हाईकोर्ट में कहा कि यह तीनों फिनिक्स डेवकांस कंपनी में डायरेक्टर रहे हैं। कंपनी एक्ट में चल रही कार्रवाई के लिए इनका कोई सहयोग नहीं मिल रहा है। हालत यह है जब हमारी टीम इनके यहां समन देने जाती है तो उसके साथ दुर्व्यवहार करके भगा दिया जाता है। इसलिए इन तीनों के खइलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए माननीय कोर्ट से अनुमति लिए जाने का अनुरोध किया जाता है। 

मूल डायरेक्टर हट गए, कर्मचारियों को बना दिया

अधिवक्ता गौरव वर्मा ने बताया कि इन सभी ने अपने यहां काम करने वाले निकुल कपासी, एम. पंवार व अन्य को डायरेक्टर बना दिया। जो सभी वेतनभोगी कर्मचारी मात्र थे। हमने यह बात माननीय कोर्ट में रख दी है कि इन सभी का कोई लेना-देना इस कंपने कभी नहीं रहा, इन सभी ने खुद सौदे किए, कर्मचारियों की नौकरी के लिए लगे मूल दस्तावेज का उपयोग करके इन सभी को कंपनी में डायरेक्टर बनाकर पूरी धोखाधड़ी रितेश, नीलेश व अन्य ने की है। 

b fgb

ये खबर भी पढ़िए...माफिया Mukhtar ansari की बांदा जेल में तबीयत बिगड़ी, ICU में कराया गया भर्ती

यह है पूरा मामला

चंपू अजमेरा व उनके परिवार के सदस्यों ने फीनिक्स डेवकांस कंपनी बनाई। इसी कंपनी के द्वारा फिनिक्स कॉलोनी में सौदे और रजिस्ट्री कराई जा रही थी। इसमें प्रारंभिक डायरेक्टर चंपू के साथ उनकी पत्नी योगिता, भाई नीलेश और उसकी पत्नी सोनाली, चंपू और नीलेश के पिता पवन अजमेरा यह सभी थे। इन सभी ने डायरेक्टर रहते 90 फीसदी प्लॉट बेच दिए और बाद में खुद हटकर कर्मचारियों को डायरेक्टर बना दिया। साल 2008 में कंपनी ने पेरेंटर ड्रग (इंडिया) से एक करोड़ का लोन लेना बताया, लेकिन बाद में लोन की राशि नहीं चुकाई और कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया। इसी मामले में हाईकोर्ट में केस चल रहा है। 

लिक्वीडेशन के कारण रजिस्ट्री नहीं हो रही है

फिनिक्स कॉलोनी में करीब 90 पीड़ित है, जिसमें 56 तो रजिस्ट्री वाले हैं। इन सभी को जमी ही नहीं मिली है। अब जिला प्रशासन की कमेटी और हाईकोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने जमीन चिन्हित कर कुछ को कब्जे सौंपे लेकिन जब तक नए भूखंड की रजिस्ट्री नहीं होगी, इसका मतलब नहीं निकलेगा। वहीं रजिस्ट्री तब तक नहीं हो सकती जब तक कंपनी का लिक्वीडेशन विवाद चल रहा है। लिक्वीडेटर का कहना है कि कंपनी के डायरेक्टर पहले यह बताएं कि किस प्लॉट का सौदा किससे किया और कहां पर राशि आई और कहां गई, तब व इसे क्रास चेक कर रजिस्ट्री करा सकते हैं। लेकिन इशकी जानकारी चंपू, नीलेश व अन्य देने को तैयार नहीं है। इसी के चलते सभी पीड़ित उलझे हुए हैं।

भूमाफिया चंपू अजमेरा land mafia Champu Ajmera