एसटीएफ (STF) जबलपुर ने एक बड़े लोन फर्जीवाड़े (Loan Fraud) का खुलासा किया है, जिसमें 10 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई थी। इस मामले में 9 ठगों को गिरफ्तार किया गया है। ठगों ने घर में बैठकर फर्जी रजिस्ट्री (Fake Registry) तैयार की और बैंकों (Banks) के साथ मिलीभगत कर लोन (Loan) हासिल किया।
एसटीएफ जबलपुर इकाई के उप पुलिस अधीक्षक संतोष तिवारी (Santosh Tiwari, DSP) ने बताया कि इस गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ, जब सुमित काले (Sumit Kale) नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई कि उसकी जमीन की फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर बैंक से लोन ले लिया गया है।
जांच के दौरान एसटीएफ टीम ने हिन्दुजा हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (Hinduja Housing Finance Company) से संपर्क किया और वहां से संदिग्ध रजिस्ट्री को जब्त किया। जांच में पुष्टि हुई कि इन रजिस्ट्रियों के आधार पर दिए गए लोन सुमित काले के नाम पर थे, लेकिन वे फर्जी तरीके से तैयार की गई थीं।
पूर्व मैनेजर सहित 9 आरोपी गिरफ्तार
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक बैंक का प्लानिंग मैनेजर (Planning Manager) भी शामिल है, जबकि अन्य दलाल और बैंक कर्मचारी भी इस फर्जीवाड़े में शामिल थे। कुछ दिनों पहले सुमित काले (Sumit Kale) ने एसटीएफ को शिकायत की थी कि उसकी संपत्ति (Property) की फर्जी रजिस्ट्री बनाकर लोन लिया गया है, जबकि उसने खुद कभी लोन के लिए आवेदन नहीं किया था।
बैंक में गिरवी रखने के लिए तैयार किए गए थे नकली दस्तावेज
एसटीएफ के एसपी (SP) के निर्देश पर टीआई निकिता शुक्ला (TI Nikita Shukla) ने जब जांच शुरू की, तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। हिन्दुजा हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (Hinduja Housing Finance Company) से संपर्क करने के बाद रजिस्ट्री जब्त की गई। इन रजिस्ट्री की जांच कलेक्ट्रेट कार्यालय (Collectorate Office) से कराई गई, जहां से पुष्टि हुई कि ये रजिस्ट्री सुमित काले के नाम पर हैं, लेकिन उन्हें फर्जी तरीके से तैयार किया गया था।
ऐसे होते थे फर्जी दस्तावेज तैयार
जब एसटीएफ ने विकास तिवारी (Vikas Tiwari) को गिरफ्तार किया, तो इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। विकास तिवारी बैंकों से होम लोन (Home Loan) दिलाने का काम करता था। वह लोगों की असली रजिस्ट्री लेकर उसे संदीप चौबे (Sandeep Chaubey) के जरिए अनीष (Anish) तक पहुंचाता था। अनीष, इन दस्तावेजों को अनवर (Anwar) नामक दलाल के पास भेजता था, जो इन्हें फोटोशॉप (Photoshop) के जरिए फर्जी रजिस्ट्री में बदल देता था। अनवर के जरिए इन्हें उप पंजीयक (Sub-Registrar) की फर्जी सील लगाई जाती थी।
बैंक मैनेजर और कर्मचारी भी शामिल
इस फर्जीवाड़े में एक्सिस बैंक (Axis Bank) का पूर्व मैनेजर अनुभव दुबे (Anubhav Dubey) भी शामिल था। वह आरोपियों के साथ मिलकर फर्जी बैंक अकाउंट (Fake Bank Account) खोलता था और लोन की राशि को वहां जमा करवाता था। प्रवीण काले (Praveen Kale) के असली दस्तावेजों के आधार पर अनुभव दुबे ने भी इंडिया सेल्टर हाउसिंग फाइनेंस (India Shelter Housing Finance) से लोन लिया था। गिरोह में जना बैंक (Jana Bank) का कर्मचारी पुनीत उर्फ राहुल पांडे (Puneet alias Rahul Pandey) भी शामिल था, जिसने 6 फर्जी रजिस्ट्री पर लगभग 1 करोड़ का लोन लिया।
प्रवीण पांडे बनाता था फर्जी अकाउंट होल्डर
प्रवीण पांडे उर्फ सोनू (Praveen Pandey alias Sonu) को इस गिरोह का अहम सदस्य माना जा रहा है, जो फर्जी बैंक अकाउंट खोलने के लिए अलग-अलग नामों से बैंक में पेश होता था। उसने सुमित काले और शेख सलीम (Sheikh Saleem) के नाम से भी बैंक अकाउंट खुलवाए थे। एसटीएफ ने आरोपियों से 10 फर्जी रजिस्ट्री, 4 पेन कार्ड (PAN Cards), आधार कार्ड (Aadhaar Cards), और एक्सिस बैंक (Axis Bank) से 6.5 लाख रुपये होल्ड करवाए हैं।
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नकली दस्तावेज बरामद
एसटीएफ ने इस मामले में 10 फर्जी रजिस्ट्रियां, 4 पेन कार्ड (PAN Cards), आधार कार्ड (Aadhaar Cards), नकली सील (Fake Seals) और लोन दस्तावेज (Loan Documents) जब्त किए हैं।
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