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प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) में हाल ही में कुछ गंभीर गड़बड़ियों का पता चला है। इससे मध्य प्रदेश (MP) में बड़ा हंगामा मच गया है। यह मामला उज्ज्वला योजना और लाड़ली बहना योजना के तहत गैस कनेक्शन की प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई महिलाओं ने गैस कनेक्शन से अपने पति या परिवार के पुरुष सदस्य का नाम हटवा लिया है। यह अनियमितता सरकार के लिए चिंता का कारण बन गई है, और अब इस पर विस्तृत ऑडिट की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
उज्ज्वला योजना में गड़बड़ी का कारण
उज्ज्वला योजना का उद्देश्य गरीब और कमजोर वर्ग की महिलाओं को सस्ती दरों पर रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करना है। लेकिन लाड़ली बहना योजना की महिलाओं ने इसका फायदा उठाने के लिए गैस कनेक्शन से अपने पति या पुरुष परिवार के सदस्य का नाम हटवा दिया। इसके बाद, इन महिलाओं को भी 450 रुपए में गैस सिलेंडर मिल रहा है, जिससे सरकार को भारी सब्सिडी का नुकसान हो रहा है।
प्रदेश के खाद्य विभाग को शक है कि पिछले एक साल में करीब 2 लाख महिलाओं ने यह बदलाव कराया है। खाद्य विभाग ने इस गड़बड़ी का पता चलते ही तेल कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि इस प्रकार के ट्रांसफर के आवेदन पर विचार न किया जाए। इसके साथ ही विभाग ने शासन को उज्ज्वला योजना के तहत स्वतंत्र एजेंसी से ऑडिट कराने का प्रस्ताव भेजा है।
उज्ज्वला योजना में गड़बड़ी को 5 प्वाइंट में समझें...
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उज्ज्वला योजना की होगी ऑडिट प्रक्रिया
अब इस गड़बड़ी के कारण सरकार ने उज्ज्वला योजना का ऑडिट करने का निर्णय लिया है। ऑडिट के दौरान निम्नलिखित बिंदुओं की जांच की जाएगी-
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कनेक्शन किसके नाम पर है और कब से है?
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महिलाओं में घरेलू स्तर पर स्वास्थ्य और शिक्षा में क्या बदलाव आया है?
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परिवार को गैस कनेक्शन से किस प्रकार का लाभ हुआ है?
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रिफिलिंग के दौरान कोई दिक्कत या परेशानी तो नहीं हुई?
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क्या महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिली है और उनकी आंखें स्वस्थ हैं?
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क्या बच्चों की पढ़ाई के लिए महिलाओं को समय मिला है?
तेल कंपनियों को भेजे गए पत्र
फूड डिपार्टमेंट ने इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसी तेल कंपनियों को पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि लाड़ली बहना योजना के तहत पंजीकृत महिलाएं अब गैस एजेंसियों में अपने पति या परिवार के पुरुष सदस्य का नाम हटवाकर अपने नाम पर कनेक्शन ट्रांसफर करवाने की कोशिश कर रही हैं। खाद्य विभाग ने निर्देश दिए हैं कि इन ट्रांसफर आवेदनों पर फिलहाल कोई विचार न किया जाए।
उज्ज्वला योजना की सब्सिडी का पता होगा
प्रदेश में करीब 24 से 25 लाख महिलाएं उज्ज्वला योजना का लाभ उठा रही हैं। इन महिलाओं को 450 रुपए में गैस सिलेंडर मिलता है। साथ ही इस पर सरकार हर महीने 46 से 50 करोड़ रुपए की सब्सिडी देती है। अब सरकार ने इस सब्सिडी की जांच करने का फैसला लिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सब्सिडी सही महिलाओं तक पहुंच रही है और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं हो रही है।
जानें क्या है उज्ज्वला योजना
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) को भारत सरकार ने 2016 में महिलाओं को सस्ती दरों पर रसोई गैस (LPG) कनेक्शन प्रदान करने के लिए शुरू किया था। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को रसोई गैस के उपयोग से राहत दिलाना था, ताकि वे लकड़ी और कोयले जैसे पारंपरिक ईंधन से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान से बच सकें। वहीं इसके तहत 450 रुपए में गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जाता है, जो कि सामान्य बाजार दर से काफी सस्ता है।
उज्ज्वला योजना में सुधार की दिशा में कदम
इस गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद खाद्य विभाग ने तेल कंपनियों से संपर्क किया है। वहीं, जल्द ही समस्या का समाधान करने की योजना बनाई है। विभाग ने चेतावनी दी है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, अगर किसी महिला के आईएफएससी कोड में बदलाव करना हो, तो विभाग यह बदलाव करने के लिए तैयार है।
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