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मध्य प्रदेश के भिंड जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक कृषि अधिकारी को तीन युवकों ने केवल एक छोटी सी बात पर बुरी तरह से पीट दिया। तीन युवकों ने गुस्से में आकर न केवल पत्थरों से हमला किया, बल्कि लात-घूंसों से भी कृषि अधिकारी पर हमला बोल दिया। यह घटना स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है।
कृषि अधिकारी से मारपीट की वजह...
गौरई गांव में स्थित कृषि अधिकारी अनिल सिंह राजावत गुरुवार को अपने कार्यालय में एसएडीओ शरद त्रिपाठी के साथ एक बैठक में व्यस्त थे। तभी गांव के तीन युवक विवेक चौहान, कल्लू चौहान और दीपू सिंह चौहान ऑफिस में पहुंचे और उन्होंने कृषि अधिकारी से पानी की मोटर चालू करने को कहा। बता दें कि ये तीनों अंतिम संस्कार से लौटकर कार्यालय परिसर में लगे बोरवेल की मोटर चलवाकर नहाना चाहते थे।
जब अधिकारी ने उन्हें मीटिंग का हवाला देकर इंतजार करने को कहा, तो विवेक चौहान ने जबरन मोटर चालू कर दी और पाइप से पानी अधिकारी पर फेंकने लगा। इस पर जब अनिल सिंह ने विरोध किया, तो विवेक ने उनको गालियां दी। इसके बाद अचानक एक पत्थर उठाकर उनके चेहरे पर दे मारा। इससे अधिकारी का चेहरा खून से लथपथ हो गया।
आरोपी कल्लू और दीपू ने अधिकारी को पकड़कर जमीन पर पटक दिया और तीनों ने लात-घूंसे से मारपीट की। इस हमले में कृषि अधिकारी को कंधे, गले और शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोटें आईं। यह देखकर वहां मौजूद एसएडीओ शरद त्रिपाठी, कृषि अधिकारी मुकेश शर्मा और निर्मला मंडलोई ने बीच-बचाव किया और किसी तरह अधिकारी की जान बचाई।
आरोपी युवक ने दी जान से मारने की धमकी
हमले के बाद आरोपी युवक भागते समय यह धमकी देते गए कि अगर भविष्य में मोटर चालू करने से रोका तो वे जान से मार देंगे। इस धमकी के बाद पीड़ित अधिकारी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर पुलिस ने विवेक, कल्लू और दीपू के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा, गाली-गलौज, मारपीट और जान से मारने की धमकी के तहत केस दर्ज किया है।
कृषि अधिकारी से मारपीट मामले को एक नजर में समझें...
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पुलिस ने शुरू की जांच
रौन थाना प्रभारी आशुतोष शर्मा के अनुसार, पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत जांच शुरू कर दी है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में कोई भी दोषी नहीं बचने पाएगा और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
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अधिकारियों की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना से यह सवाल उठता है कि क्या सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं? सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा हो गया है। कृषि अधिकारी की स्थिति को लेकर कई संगठनों और प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी चिंता व्यक्त की है।
कृषि अधिकारी का कार्य क्षेत्र में किसानों से संबंधित समस्याओं का समाधान करना है। ऐसे में वे हमेशा किसानों के बीच होते हैं और उन्हें समस्याओं का समाधान देना होता है। लेकिन इस प्रकार की घटनाएं इस बात का संकेत देती हैं कि सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा में खामियां हैं।
इस घटना के बाद से अब सवाल यह उठता है कि कृषि विभाग के कर्मचारियों के लिए क्या सुरक्षा प्रबंध किए जा सकते हैं ताकि भविष्य में इस प्रकार के हमलों से बचा जा सके।
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