/sootr/media/media_files/2025/08/21/bhopal-shooting-sports-cartridges-criminal-use-2025-08-21-10-47-14.jpg)
एक तरफ भारत में शूटिंग को एक लोकप्रिय खेल के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, इसके लिए हर साल लाखों कारतूस जारी किए जाते हैं। वहीं, इन कारतूसों के सही इस्तेमाल की कोई ठोस निगरानी नहीं है। इससे इनका दुरुपयोग और कालाबाजारी बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। खासकर भोपाल जैसे बड़े शहरों में, जहां शूटिंग खिलाड़ियों के लिए कारतूसों की सप्लाई अधिक होती है। वहीं जानकारी के अनुसार, इनका ज्यादातर हिस्सा अपराधियों के हाथों में जा रहा है।
भोपाल में हर साल 30.95 लाख कारतूस जारी
जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार, राइफल शूटिंग के खिलाड़ियों को सालाना कारतूसों की एक बड़ी संख्या जारी की जाती है, जो अधिकतर फायरिंग प्रैक्टिस के लिए होते हैं। भोपाल में हर साल 30.95 लाख कारतूस जारी किए जाते हैं, लेकिन इन कारतूसों के खोखों की गिनती और जाँच का कोई सिस्टम नहीं है। यही वजह है कि कई कारतूस बाजार में बिक्री के लिए पहुँच जाते हैं। साथ ही, ये अपराधियों के हाथों में आसानी से पहुंचते हैं।
जांच में 3 लाख कारतूस गायब
भोपाल जिला प्रशासन ने शूटिंग खिलाड़ियों के पांच साल के कारतूस रिकॉर्ड की जांच शुरू की। इससे कई गड़बड़ियां सामने आईं। शुरुआती जांच में 3 लाख कारतूस गायब पाए गए। इसके बाद प्रशासन ने पिछले दस सालों का भी रिकॉर्ड मंगवाने का निर्णय लिया है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इन कारतूसों का वास्तविक उपयोग किसके जरिए और कहां किया गया है।
भोपाल में कारतूसों की अवैध बिक्री मामले पर एक नजर
|
भोपाल में चल रही अवैध शूटिंग एकेडमी
जांच के दौरान एक और चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई कि भोपाल के परवलिया के एक बकरी फार्म में पिछले छह साल से अवैध शूटिंग एकेडमी चल रही थी। यह एकेडमी शारिक बुखारी के जरिए संचालित थी। इसके पास खुद के लाइसेंस थे। उन्होंने विदेशी गन खरीदी और उसे नियमों के खिलाफ बेचा। यह घटना भी प्रशासन की जांच में सामने आई। इससे एक नया खुलासा हुआ।
0.22 बोर के कारतूस की जगह खिलाड़ी मंगा रहै बड़े कारतूस
शूटिंग में 0.22 बोर के कारतूस का उपयोग होता है, लेकिन कुछ खिलाड़ी बड़े कारतूसों जैसे 315, 306, और 375 बोर मंगवा रहे हैं। ये कारतूस केवल बिग बोर शूटिंग के लिए होते हैं, और इसकी प्रैक्टिस ओपन रेंज में ही की जा सकती है। भोपाल में ऐसी रेंज नहीं होने के बावजूद खिलाड़ियों के जरिए बड़े कारतूस मंगवाए जा रहे हैं।
विदेशी से राइफल खरीदे और बाद में उन्हें बेचा
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया किकुछ खिलाड़ी जो लंबे समय से इवेंट्स में भाग नहीं ले रहे थे, वे फिर भी कारतूस ले रहे थे। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ खिलाड़ियों ने विदेशी से राइफल खरीदे और बाद में उन्हें बेचा। इसके अलावा, कई खिलाड़ी जो छोटे कारतूस इस्तेमाल करते थे, उन्होंने बड़े कारतूस मंगवाए, जो नियमों के खिलाफ थे।
भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि, अब हम यह सुनिश्चित करेंगे कि केवल वास्तविक खिलाड़ियों को ही कारतूस का लाभ मिले और किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो। जो भी सही जानकारी नहीं देगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शूटिंग कारतूस | भोपाल न्यूज | MP News
thesootr links
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- राजस्थान की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक
- जॉब्स और एजुकेशन की खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- निशुल्क वैवाहिक विज्ञापन और क्लासिफाइड देखने के लिए क्लिक करें
अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩👦👨👩👧👧👩