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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने अपने दूसरे बजट में अलग-अलग विभागों के लिए अच्छा बजट तय किया है। इसमें हर विभाग के लिए जरूरी पैसे दिए गए हैं। इस बजट से राज्य के विकास में मदद मिलेगी। यह बजट राज्य के समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। हालांकि, मोहन सरकार के दूसरे बजट में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक तीन मंत्रियों में से दो के विभागों का बजट घटा दिया गया है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के विभाग को 741 करोड़ और खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विभाग को 10 करोड़ रुपए कम बजट मिला है। मुख्यमंत्री के पास 10 विभाग हैं, जिनके लिए पिछली बार के मुकाबले 5 हजार करोड़ रुपए अधिक आवंटित किए गए हैं। महिला मंत्रियों के विभागों को भी 10 हजार करोड़ ज्यादा दिए गए हैं।
ऊर्जा विभाग
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को अटल गृह ज्योति योजना के लिए 7 हजार 132 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। टैरिफ अनुदान के लिए 1 हजार 296 करोड़ रुपए और बिजली सप्लाई के मेंटेनेंस के लिए 324 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। सारणी ताप विद्युत गृह में 660 मेगावाट की नई यूनिट के लिए 323 करोड़ रुपए और अमरकंटक ताप विद्युत गृह की 250 मेगावाट की यूनिट के लिए 220 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। दरअसल, पिछले बजट यानी 2024-25 में प्रद्युम्न सिंह के विभाग को 19 हजार 342 करोड़ से ज्यादा का प्रावधान किया गया था। जबकि इस बार उर्जा विभाग को पहले के तुलना में 741 करोड़ यानी 18 हजार 526 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
सिलावट के विभाग को पिछले बार की तुलना में अधिक
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के विभाग को 3 हजार 930 करोड़ रुपए बांधों के रख-रखाव के लिए आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा, केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए 700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। ये योजनाएं जल संकट से निपटने और कृषि को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के विभाग को पिछले बार की तुलना में 1 हजार 948 करोड़ का ज्यादा का प्रावधान बजट में किया गया है। पिछली बार जल संसाधन विभाग को 7 हजार 248 करोड़ से ज्यादा था। वहीं इस बार बजट में 9 हजार 196 करोड़ का प्रावधान है।
खाद्य विभाग: गोविंद सिंह राजपूत का बजट
खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विभाग को इस बार 10 करोड़ रुपए कम आवंटन मिला है। इस बजट में पीडीएस ट्रांसपोर्टेशन और उज्ज्वला योजना जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के लिए राशि दी गई है।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में वृद्धि
शिक्षा विभाग के लिए 11 हजार 837 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जबकि स्वास्थ्य विभाग के लिए 1 हजार 794 करोड़ रुपए बढ़ाए गए हैं। नए मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के निर्माण के लिए राशि का आवंटन, राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए किया गया है।
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कृषि और ग्रामीण विकास
कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना को कृषि क्षेत्र के विकास के लिए 13 हजार 909 करोड़ रुपए का प्रावधान मिला है। मुख्यमंत्री कृषक उन्नति योजना और कृषि उपकरणों के अनुदान के लिए अतिरिक्त राशि दी गई है।
लाड़ली बहना योजना के लिए 18 हजार करोड़ रुपए का बजट
मंत्री निर्मला भूरिया के अधीन महिला एवं बाल विकास विभाग को महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए वित्तीय प्रावधान मिले हैं। लाड़ली बहना योजना के लिए 18 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। इसके अलावा, आंगनवाड़ी भवनों के निर्माण के लिए 350 करोड़ और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 352 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिससे महिलाओं और बच्चों के कल्याण को बढ़ावा मिलेगा।
संपतिया उइके के नेतृत्व में पीएचई विभाग को जल जीवन मिशन के लिए 17 हजार 136 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, सिंचाई और जल परियोजनाओं को सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाओं में बदलने के लिए 356 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही, ग्रामीण जल समूह प्रदाय योजना के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है, ताकि जल आपूर्ति को बेहतर और सुलभ बनाया जा सके।
80 करोड़ रुपए की वृद्धि
कृष्णा गौर को पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है, और उनके अधीन घुमंतू और अर्ध घुमंतू वर्गों के विकास के लिए भी जिम्मेदारी है। इस बार इन दोनों विभागों के बजट में 80 करोड़ रुपए की वृद्धि की गई है। इसके अलावा, अल्पसंख्यक बाहुल्य जिलों के विकास के लिए 140 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। ओबीसी छात्रों के लिए 9वीं कक्षा से लेकर कॉलेज स्तर तक स्कॉलरशिप के लिए 1 हजार 388 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
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