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मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज अपने चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है। बुधवार ( 12 मार्च ) को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कुल 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। इस बजट में राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार आज गुरुवार ( 13 मार्च ) को सदन में अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं देंगे। बता दें कि जहां सीएम की ओर से बजट को प्रदेश के विकास के लिए अहम बताया जाएगा। जबकि विपक्ष की ओर से इसे नाकाफी बताने की कोशिश की जाएगी। इस बजट से संबंधित चर्चाएं राज्यपाल के अभिभाषण के बाद शुरू हुई, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिले।
विधानसभा में हंगामे के हालात
बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। बीजेपी विधायक भूपेंद्र सिंह ने उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हेमंत कटारे की पत्नी और उनकी मां पर ईओडब्ल्यू (EOW) में केस दर्ज है। इसके साथ ही उन्होंने कटारे को विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष होने पर सवाल उठाया, क्योंकि उनके अनुसार इस पद का कोई प्रावधान नहीं है।
वहीं कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने भी वित्त मंत्री को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि बजट का एक बड़ा हिस्सा केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए खर्च होता है, जबकि इसका वास्तविक लाभ गरीबों तक नहीं पहुंचता।
बजट की प्रमुख घोषणाएं
वित्त मंत्री ने बजट में कई अहम घोषणाएं की हैं। इनमें प्रदेश के सात लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों के भत्तों के पुनरीक्षण ( review) का ऐलान प्रमुख है। ये बदलाव 13 साल बाद हो रहे हैं, और इसमें सभी भत्ते 7वें वेतनमान के आधार पर दिए जाएंगे।
इसके अलावा, राज्य में 11 नए आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल खोले जाएंगे, जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
आदिवासी, दलित और किसानों के लिए बजट में विशेष प्रावधान
बजट में आदिवासी, दलित, किसानों, और छात्रों के लिए कई विशेष प्रावधान किए गए हैं। हालांकि पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि बजट में किए गए प्रावधानों का केवल 20-30% ही वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचता है। उनका कहना है कि सरकार केवल योजनाओं के नाम पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है और जनता को गुमराह करती है।
उज्जैन सिंहस्थ के लिए 2 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान
उज्जैन सिंहस्थ के आयोजन के लिए सरकार ने बजट में 2 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसके अलावा, गाय और गोपालकों के लिए भी बजट में कई राहतों की घोषणा की गई है। दूध उत्पादक किसानों को प्रति लीटर 5 रुपए का बोनस दिया जाएगा, और गोशालाओं में गायों के आहार के लिए सहायता को प्रति गाय 20 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए प्रति दिन कर दिया गया है।
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