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मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में बुधवार को मस्जिद के पास से गुजर रहे दुर्गा विसर्जन जूलुस पर कथित तौर पर पथराव हुआ। आरोप है कि मुस्लिम समाज के लोगों ने हिंदू श्रद्धालुओं पर पथराव कर दिया। अब इस मामले में अब एक और खुलासा हुआ है। पुलिस ने मामले में 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। साथ ही, चार को हिरासत में भी लिया है। इस हिंसक हमले में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और माता रानी की एक प्रतिमा भी खंडित हो गई।
हिंदू संगठन के नेता ने दी चेतावनी
चौकी प्रभारी हेमेंद्र चौहान फोर्स के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थिति पर नियंत्रण पाया। इस घटना को लेकर हिंदू संगठनों में गहरा आक्रोश है और वे लगातार कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मामला अब तूल पकड़ चुका है। हिंदू संगठन के पदाधिकारी शंकर चौहान ने कहा कि उन्हें पत्थर से हमला किया गया, जिसके कारण उनके पैर पर गंभीर चोटें आईं।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की, तो वे उग्र आंदोलन और चक्का जाम करने के लिए मजबूर होंगे। इसके बाद ग्राम नयाखेड़ा में माहौल बेहद गरम हो गया है और शासन-प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।इस घटना के बाद घायलों ने नावरा चौकी पहुंचकर एफआईआर दर्ज कराई है। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, अब इस मामले में अब तक 12 के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। वहीं, चार लोगों को हिरासत में लिया गया है।
देर रात तक चला हिंदू संगठनों का प्रदर्शन
घटना के बाद, बुधवार रात को हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया और कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) नेता शंकर चौहान ने बताया कि घटना के बाद पुलिस ने उन्हें प्रतिमा विसर्जन के लिए जाने को कहा। वे विसर्जन के बाद शिकायत करने जा रहे थे, तभी उन पर हमला किया गया।
हिंदू संगठनों की शिकायत पर एफआईआर की गई दर्ज
जानकारी के मुताबिक, विसर्जन जुलूस में शामिल डीजे वाहन पर एक आपत्तिजनक गाना बज रहा था। जब यह वाहन गांव की एक मस्जिद के पास से गुजरा, तो वहां मौजूद मुलतानी मुस्लिम समाज के लोगों ने डीजे पर बज रहे विवादित गाने पर आपत्ति जताई और उसे बंद करने की मांग की।
इसके बाद जुलूस में शामिल कुछ युवक नाराज हो गए, जिससे दोनों पक्षों के बीच विवाद शुरू हो गया। कुछ ही समय में यह विवाद बढ़कर पत्थरबाजी में बदल गया। पत्थरबाजी के दौरान एक युवक घायल हो गया है। हिंदू संगठनों की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है और चार आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल, स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है।
दुर्गा झांकी पर पथराव वाली खबर को लेकर एक नजर में समझें
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हिंदू संगठन का विरोध रात भर रहा जारी
इस विवाद की जानकारी मिलने पर नेपानगर थाना और नावरा चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को काबू में किया। घटना के बाद बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के लोग नावरा चौकी पहुंचे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए रात भर नारेबाजी करते रहे।
विधायक ने मामले को कराया शांत
इसके बाद बीजेपी नेता और नेपानगर विधायक मंजू दादू बुधवार रात में करीब 9:30 बजे चौकी पहुंचीं और प्रदर्शनकारियों को समझाया। इसके बाद स्थिति शांत हुई। फिलहाल, गांव और आसपास के इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
एसपी देवेंद्र कुमार पाटीदार ने बताया कि यह एक छोटा विवाद था, जिसे शांत कर दिया गया है। वहीं, एसडीएम भागीरथ वाखला ने कहा कि स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में है।
विदिशा में बच्चे की गलती से बढ़ सकता था तनाव
इधर, विदिशा में सोमवार शाम को जय स्तंभ चौक बजरिया इलाके में एक झांकी ले जाते समय पथराव की घटना सामने आई, जिसमें मां काली की प्रतिमा टूट गई। झांकी में शामिल एक युवक ने थाने में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि मुस्लिम बस्ती से पत्थर फेंके गए थे। यह घटना तीन से चार बार हुई।
नंदवाना समिति द्वारा मां काली की प्रतिमा विसर्जन के लिए ले जाई जा रही थी, और इस दौरान दो युवकों को हल्की चोटें आईं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पथराव आसपास के घरों से किया गया था।
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घटना के बाद मौके पर भीड़ जमा हो गई और गुस्साए लोग नारेबाजी करते हुए हंगामा करने लगे। सूचना मिलते ही कोतवाली थाना प्रभारी आनंद राज पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे, और प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
जांच में पुलिस को लगा बच्चों की गलती का पता
विवाद के बाद पुलिस अधिकारी समिति के पदाधिकारियों के साथ मिलकर उस घर तक पहुंचे, जहां से पत्थर फेंके गए थे। जांच में यह बात सामने आई कि घर की छत पर बच्चे खेल रहे थे और वहां पर निर्माण सामग्री रखी हुई थी।
बच्चों को देखकर समिति के पदाधिकारियों का आक्रोश शांत हो गया, और उन्होंने पुलिस से किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने की बात कही। समिति के पदाधिकारी राज खटीक ने कहा कि जब हमने जाकर देखा, तो पाया कि बच्चे खेल रहे थे और उन बच्चों से ही गलती से पत्थर फेंका गया था। अब हम किसी भी पुलिस कार्रवाई के खिलाफ हैं।