गांधी जयंती पर एमपी के इन जेलों से इतने कैदियों की होगी रिहाई, सरकार ने दिया आदेश

महात्मा गांधी के जन्मदिन यानी 2 अक्टूबर 2025 को, मध्य प्रदेश राज्य के 14 जेलों से कुल 111 बंदियों को रिहा किया जाएगा। यह रिहाई गांधी जयंती के अवसर पर की जा रही है, और यह उन कैदियों को दी गई है ।

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Sandeep Kumar
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महात्मा गांधी के 156वें जन्मदिन पर मध्यप्रदेश सरकार ने 111 सजायाफ्ता कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया। यह फैसला कैदियों के अच्छे आचरण को देखते हुए लिया गया है। इन कैदियों ने जेल में रहते हुए सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

गांधी जयंती के मौके पर उन्हें विशेष माफी दी गई है। राज्य के जेल विभाग के आदेश के अनुसार, ये 111 बंदी मध्यप्रदेश की विभिन्न जेलों में थे। उन्हें अच्छे आचरण और जेल प्रबंधन से सहयोग के आधार पर रिहा किया जाएगा।

रिहाई प्राप्त करने वाले जेलों और कैदियों की संख्या

मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों के 14 जेलों से बंदी रिहा किए जाएंगे। इनमें से प्रमुख जेलें और रिहाई पाने वाले कैदियों की 

  • भोपाल केंद्रीय जेल: 18 बंदी
  • सागर केंद्रीय जेल: 18 बंदी
  • रीवा केंद्रीय जेल: 12 बंदी
  • इंदौर केंद्रीय जेल: 11 बंदी
  • नर्मदापुरम केंद्रीय जेल: 10 बंदी
  • उज्जैन सेंट्रल जेल: 7 बंदी
  • ग्वालियर सेंट्रल जेल: 7 बंदी
  • सतना केंद्रीय जेल: 6 बंदी
  • जबलपुर केंद्रीय जेल: 6 बंदी
  • बड़वानी केंद्रीय जेल: 5 बंदी
  • नरसिंहपुर केंद्रीय जेल: 5 बंदी
  • इंदौर जिला जेल: 3 बंदी
  • आलीराजपुर जिला जेल: 2 बंदी
  • टीकमगढ़ जिला जेल: 1 बंदी

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विशेष अवसरों पर कैदियों की रिहाई

मध्य प्रदेश में हर साल कुछ विशेष अवसरों पर जेल के कैदियों को उनकी अच्छे आचरण के आधार पर रिहा किया जाता है। इनमें प्रमुख रूप से:

  1. गणतंत्र दिवस
  2. अंबेडकर जयंती
  3. स्वतंत्रता दिवस
  4. गांधी जयंती
  5. राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस

गांधी जयंती का महत्व

महात्मा गांधी का जन्मदिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और सत्य एवं अहिंसा के सिद्धांतों के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। गांधी जयंती के अवसर पर, इस प्रकार की रिहाई भारतीय समाज में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जाती है। यह न केवल कैदियों को एक नया अवसर देता है, बल्कि समाज में सुधार के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

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रिहाई का उद्देश्य और परिणाम

यह रिहाई कैदियों को समाज में पुनः समाहित करने और उन्हें सुधारने के एक अवसर के रूप में देखी जाती है। यह उनके जीवन में एक सकारात्मक मोड़ ला सकती है, जिससे वे अपनी गलतियों से सीखते हुए समाज में उपयोगी नागरिक बन सकें।

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