एनसीआरबी की रिपोर्ट: सामाजिक प्रतिष्ठा के चक्कर में एमपी में सबसे ज्यादा सुसाइड

मध्‍य प्रदेश। एनसीआरबी ने देश में हादसों और आत्महत्या के मामलों पर रिपोर्ट जारी की है। ब्यूरो की रिपोर्ट में दर्ज आत्महत्या और हादसों के आंकड़े चिंता बढ़ाने वाले हैं।

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Sanjay Sharma
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BHOPAL. मध्य प्रदेश में साल 2023 में आत्महत्या के 15662 केस सामने आए हैं। ये मामले एनसीआरबी ने अपने आंकड़ों में दर्ज किए हैं। आत्महत्या की यह संख्या राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है। देश में आत्महत्या का औसत 12.3 है जबकि 2023 में मध्य प्रदेश में आत्महत्या का औसत 18 रहा है।

सामाजिक प्रतिष्ठा को चोट पहुंचने और प्रेम संबंधों के दरार आने की वजह से जान देने के सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश से रिकॉर्ड किए गए हैं। प्रदेश में सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होने, वैचारिक वैमनस्यों की वजह से 231 लोगों ने जान गंवाई है।

इस मामले में देश का एक भी राज्य 100 के आंकड़े तक भी नहीं पहुंचा है। वहीं प्रेम संबंधों की उलझन प्रदेश के  655 लोगों की मौत की वजह बनी है। वैवाहिक रिश्तों में खटास की वजह से मध्य प्रदेश में 1107 लोगों ने आत्महत्या की है। इस मामले में मध्य प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है। इसी वजह से सबसे ज्यादा 1668 आत्महत्या के केस  उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं।

परीक्षा में असफलता से तंग आकर जान देने के मामलों में भी मध्य प्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है। यहां साल 2023 में 343 छात्रों ने अपनी जान दे दी थी। वहीं महाराष्ट्र में परीक्षा में फेल होने पर विद्यार्थियों की आत्महत्या का आंकड़ा 427 तक पहुंच गया है। आत्महत्या की यह संख्या देश में सबसे अधिक है। 

आपदा-हादसों में 43 हजार मौत

NCRB report: प्राकृतिक आपदा और दूसरे हादसों में मौत के मामले में मध्यप्रदेश देश में दूसरे पायदान पर है। प्रदेश में साल 2023 में 43320 लोगों ने हादसों में जान गंवाई है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 69809 लोगों की हादसों में मौत हुई है। वहीं उत्तर प्रदेश में  43207, तमिलनाडु में 32797 और राजस्थान में 30150 लोगों की मौत प्राकृतिक आपदा सहित अन्य हादसों में हुई है।

ये तीनों राज्य हादसों में जान गंवाने के मामले में तीसरे, चौथे और पांचवे नंबर पर हैं। हादसों में देश के प्रमुख शहर मुंबई में 8974, पुणे में 5054, बेंगलुरू में 4414, दिल्ली में 3508 और जयपुर में 2641 लोगों ने जान गंवाई है। 

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किन्नरों की मौत का आंकड़ा उछला

आपदा और हादसों में ट्रांसजेंडरों की मौत के मामले में भी मध्य प्रदेश देश में सबसे आगे है। साल 2023 में मध्य प्रदेश में 18 किन्नरों की जान हादसों में गई है। जबकि पुरुषों का आंकड़ा 34062 और महिलाओं की संख्या 9240 रही है।

प्राकृतिक आपदा और हादसों में 10 किन्नरों की मौत के आंकड़े के साथ कर्नाटक दूसरे जबकि 8 किन्नरों की मौत के साथ तमिलनाडु तीसरे नंबर पर है। साल 2023 में मध्य प्रदेश में नदी, तालाब और कुएं में डूबने के 5140 मामले सामने आए थे जिनमें 5149 लोगों ने जान गंवाई थी।

मरने वालों में 3907 पुरुष और 1242 महिलाएं थीं। वहीं महाराष्ट्र में डूबने के 4477 मामलों में 4548 लोगों की मौत हुई है। डूबने के 3216 मामलों के साथ उत्तरप्रदेश तीसरे नंबर पर है। यहां 3199 लोगों ने जान गंवाई है। 

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सड़‍क हादसों में देश में दूसरा नंबर

सड़क दुर्घटनाओं के मामले में भी मध्य प्रदेश की छवि अच्छी नहीं है। देश में सबसे ज्यादा 72,662 हादसे तमिलनाडु की सड़कों पर हुए हैं। जबकि 54703 सड़क हादसों के साथ मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है। कर्नाटक 52547 हादसों के साथ तीसरे, महाराष्ट्र 30327 हादसों के साथ चौथे और उत्तर प्रदेश 23905 सड़क हादसों के साथ पांचवे क्रम पर है।

इन हादसों में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 23947 मौत हुई हैं। वहीं सड़क हादसों में मौत के आंकड़ों में 18347 मौत के साथ तमिलनाडु दूसरे, 15434 मौत के साथ महाराष्ट्र तीसरे, 14098 मौतों के साथ मध्य प्रदेश चौथे और 12322 मौतों के साथ कर्नाटक पांचवे नंबर पर है। 

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गर्भवती महिलाओं की मौत भी ज्यादा

गर्भवती महिलाओं की मौत के मामलों में भी मध्य प्रदेश की स्थिति अच्छी नहीं कही जा सकती। देश के दो राज्यों में गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की मौत का आंकड़ा 100 से ऊपर पहुंचा है। इनमें 544 महिलाओं की मौत के साथ महाराष्ट्र पहले और 138 मौत के साथ मध्य प्रदेश दूसरे और 124 महिलाओं की मौत के साथ उत्तर प्रदेश तीसरे नंबर पर है। अन्य किसी भी राज्य में यह संख्या सैंकड़े के आंकड़े तक नहीं पहुंची है।  

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इनमें भी एमपी की स्थिति नही ठीक

- जहरीले या विषाक्त भोजन की वजह से मौत के मामले में मध्य प्रदेश देश का दूसरा राज्य है। यहां वर्ष 2023 में 62 लोगों की मौत हुई थी जबकि इसी वजह से सबसे ज्यादा 175 लोगों ने उत्तर प्रदेश में जान गंवाई थी। 

- अनजाने में कीटनाशक पीने की वजह से ज्यादा मौत मध्य प्रदेश में हुई हैं। मध्य प्रदेश में 1675 लोगों ने इस वजह से जान गंवाई है। कीटनाशक गटकने से मौत के मामले में राजस्थान दूसरे नंबर पर है यहां 1347 लोगों की मौत हुई है। जबकि 1238 मौतों के साथ कर्नाटक देश में तीसरे नंबर पर है। 

- सर्पदंश की वजह से जान गंवाने की घटनाएं भी मध्य प्रदेश में लगातार बढ़ी हैं। साल 2023 में एमपी में सर्वााधिक 2294 लोगों ने सर्पदंश के कारण जान गंवाई थी। इस मामले में ओडिशा 1127 मौतों के साथ दूसरे नंबर पर है। 

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