गुना में टीआई जुबेर खान हिरासत में, पुलिस कस्टडी में मौत मामले में CBI का बड़ा एक्शन

सीबीआई ने देवा पारदी की कस्टडी में हुई मौत मामले में गुना के राघौगढ़ टीआई जुबेर खान को हिरासत में ले लिया है। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रही है।

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Amresh Kushwaha
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गुना जिले के चर्चित देवा पारदी की कस्टडी में हुई मौत के मामले में CBI ने एक और अहम कदम उठाया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सीबीआई ने राघौगढ़ थाने के टीआई जुबेर खान को हिरासत में लिया है। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई के जरिए की जा रही है। यह घटनाक्रम 15 जुलाई 2024 को हुए एक गंभीर कस्टोडियल डेथ मामले से जुड़ा हुआ है। इसके कारण पूरे राज्य में तनाव का माहौल बना हुआ था।

सीबीआई के जरिए हिरासत में लिया गया टीआई

सूत्रों के अनुसार, 12 अगस्त 2025 को सीबीआई की टीम गुना पहुंची और उन्होंने राघौगढ़ टीआई जुबेर खान से पूछताछ की। बाद में उन्हें हिरासत में ले लिया गया और इंदौर भेजा गया। हालांकि, सीबीआई ने अब तक जुबेर खान के खिलाफ कोई आधिकारिक आरोप नहीं लगाए हैं। साथ ही यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्हें हिरासत में लेने के पीछे क्या कारण हैं, क्योंकि अब तक उनका नाम इस मामले में सामने नहीं आया था।

जानें क्या है पुलिस कस्टडी में मौत का मामला...

देवा पारदी (25) बीलाखेड़ी गांव का निवासी था और 15 जुलाई 2024 को उसकी शादी की बारात निकलने वाली थी। उसी दिन, म्याना पुलिस ने देवा और उसके चाचा गंगाराम को बारात से पहले थाने ले जाने का आदेश दिया। पुलिस ने दावा किया कि उन्हें एक चोरी के मामले में पूछताछ करनी है।

इसके बाद, अगली शाम को देवा की मौत की खबर आई। यह सूचना परिजनों को जिला अस्पताल से मिली। जब वे अस्पताल पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि देवा की लाश पोस्टमार्टम रूम में पड़ी है। इस घटना ने पूरे इलाके में तहलका मचा दिया और पारदी समुदाय के लोग गुस्से में थे।

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स्थानी लोगों ने किया प्रदर्शन

देवा की मौत के बाद पारदी समुदाय की महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया और जिला अस्पताल में हंगामा किया। इसमें देवा की चाची और होने वाली दुल्हन ने आत्मदाह का प्रयास भी किया। इससे मामला और गर्म हो गया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि म्याना थाने में देवा और गंगाराम को बेरहमी से पीटा गया था। इसके कारण देवा की मौत हुई।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने शुरू की जांच

देवा की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हस्तक्षेप करते हुए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। सुप्रीम कोर्ट ने मई 2025 में सीबीआई से एक महीने के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था। सीबीआई ने एसआई देवराज सिंह परिहार को पहले गिरफ्तार किया और अब राघौगढ़ टीआई जुबेर खान को हिरासत में लिया है।

सीबीआई की रिपोर्ट में म्याना थाने के तत्कालीन टीआई संजीत मावई, उप निरीक्षक देवराज सिंह परिहार और अन्य पुलिसकर्मियों पर कस्टोडियल डेथ और अत्याचार के आरोप लगाए गए हैं।

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90 दिनों के भीतर चार्जशीट पेश करने के आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद कहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, क्योंकि स्थानीय पुलिस अपने ही अधिकारियों को बचाने की कोशिश कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि देवा के चाचा गंगाराम की सुरक्षा के लिए उन्हें न्यायिक हिरासत में रखना जरूरी है, ताकि वह किसी भी संभावित हमले से बच सकें।

इसके अलावा, कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि वह 90 दिनों के भीतर चार्जशीट पेश करें और आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार करें।

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