मध्य प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया यानी चीफ सेक्रेटरी किस तरह काम करते रहे हैं, इसका खुलासा मुख्य सचिव कार्यालय को विभिन्न विभागों से संबंधित प्राप्त होने वाली शिकायतें के अंबार से साफ लगाया जा सकता है। नए नियक्त हुए सीएस अनुराग जैन ने जब मुख्य सचिव कार्यालय को प्राप्त होने वाली शिकायतों यानी सीएस मानिट की समीक्षा करवाई तब पता चला कि पूर्ववर्ती CS वीरा राणा और इकबाल सिंह बैंस ने इन शिकायतों के निराकरण में कोई रुचि ही नहीं दिखाई। हालत यह है कि सीएस मानिट में 78 हजार से ज्यादा शिकायतें लंबित हैं।
78 हजार से ज्यादा शिकायतें
बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव कार्यालय में नागरिकों और संस्थाओं से प्राप्त 78,126 शिकायतें (प्रकरण) लंबित हैं। इनमें सबसे अधिक शिकायतें गृह विभाग से जुड़ी हैं, जिनकी संख्या 14,051 है। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने इन लंबित मामलों को शीघ्रता से निपटाने के निर्देश दिए हैं।
क्या है सीएस मानिट
सीएस मानिट में कर्मचारी आदि अपनी शिकायतें भेजते हैं। इनमें भ्रष्टाचार, लोकायुक्त और कर्मचारियों की अनियमितताओं संबंधी शिकायतें आती हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय को मिलने वाली कर्मचारियों की शिकायतों को भी सीएस मानिट को ट्रांसफर किया जाता है। बता दें कि सीएस कार्यालय में इस काम को देखने के लिए दो कर्मचारियों की टीम है। इन शिकायतों को सीएस की मार्किंग के बाद पोर्टल के माध्यम से संबंधित विभागों को ट्रांसफर किया जाता है। यह टीम बाद में उनके निराकरण की मॉनिटरिंग करती है और हर माह सीएस खुद इन शिकायतों की पेंडेंसी की समीक्षा करते हैं। हाल ही में जब सीएस अनुराग जैन ने सीएस मानिट की समीक्षा की, तब यह खुलासा हुआ कि हजारों शिकायतों पर पूर्व के चीफ सेक्रेटरी ने कोई ध्यान ही नहीं दिया।
57 विभागों से संबंधित प्रकरण
यह सभी शिकायतें 57 विभागों से संबंधित हैं। इनमें नागरिकों और संस्थाओं द्वारा राज्य सरकार को भेजी गई शिकायतें भी शामिल हैं। ये शिकायतें सीएस मानिट पोर्टल पर दर्ज की गई हैं। मुख्य सचिव कार्यालय ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि वे इन शिकायतों का निर्धारित समय सीमा में निराकरण करें और पोर्टल पर फॉलोअप की जानकारी दर्ज करें।
पूर्व सीएस ने नहीं ली कोई रुचि
हालांकि अधिकृत रूप से कोई कुछ नहीं कह रहा है, मगर जब इतनी बड़ी संख्या में शिकायतें पेंडिंग देखीं तो चीफ सेक्रेटर अनुराग जैन ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज करी है। साथ ही यह भी खुलासा हुआ है कि शिकायतों का यह अंबार पूर्व पूर्व CS वीरा राणा और इकबाल सिंह बैंस के कार्यकाल का है। जिन्होंने इनके निराकरण की ओर ध्यान ही नहीं दिया। इससे साफ है कि इससे पूर्व के चीफ सेक्रेटरी किस तरह काम करते रहे हैं।
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गृह विभाग पर सबसे अधिक भार
गृह विभाग के नाम पर लंबित 14,051 मामलों के साथ, यह विभाग सूची में सबसे ऊपर है। अन्य विभागों में भी हजारों शिकायतें लंबित हैं, जिनके त्वरित निपटारे की आवश्यकता है।
मुख्य सचिव ने जारी किए सख्त निर्देश
मुख्य सचिव ने सभी विभाग प्रमुखों को नोटिस भेजा है और इन मामलों का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे मामलों का सही तरीके से ट्रैक करें और नागरिकों की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करें।
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