मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने के लिए एक बड़ा प्लान तैयार किया है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने राज्य को 5 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। इसके साथ ही नगरीय निकायों को कचरा संग्रहण, परिवहन और प्र-संस्करण के लिए अनुदान भी दिया गया है। इंदौर में गोबरधन बॉयो सीएनजी प्लांट के माध्यम से कचरे का उपयोग सीएनजी और उर्वरक बनाने में हो रहा है। इसके अलावा, 405 नगरीय निकायों में कचरे के प्र-संस्करण के कार्य चल रहे हैं।
शहरों को कचरा मुक्त बनाने के लिए योजना
मध्य प्रदेश के सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने के लिए सरकार ने एक बड़े स्तर पर योजना बनाई है। इस योजना के तहत, केन्द्र सरकार ने राज्य को 5 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, जिससे नगरीय निकायों में कचरा संग्रहण, परिवहन और प्र-संस्करण सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा।
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लीगेसी वेस्ट के निपटान पर फोकस
प्रदेश के नगरीय विकास विभाग ने आगामी 3 वर्षों में शत-प्रतिशत कचरा प्र-संस्करण की योजना बनाई है। साथ ही इंदौर में गोबरधन बॉयो सीएनजी प्लांट स्थापित किया गया है, जो प्रतिदिन 500 टन कचरे को संसाधित करने की क्षमता रखता है। इस प्लांट से वेस्ट-टू-वेल्थ और सर्कुलर इकॉनामी की परिकल्पना साकार हुई है। इस प्लांट से सीएनजी के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता की खाद भी तैयार की जा रही है, जिसका उपयोग खेतों में किया जा रहा है और इसके कारण रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता कम हो गई है।
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360 मटेरियल रिकवरी फेसिलिटीज का काम शुरू
इसके साथ ही, प्रदेश के 405 नगरीय निकायों में गीले कचरे का प्र-संस्करण कम्पोस्टिंग इकाइयों के माध्यम से किया जा रहा है और 360 मटेरियल रिकवरी फेसिलिटीज के माध्यम से सूखे कचरे का प्र-संस्करण भी किया जा रहा है। अब तक 50 निकायों में शत-प्रतिशत लीगेसी वेस्ट का प्र-संस्करण हो चुका है और अगले चरण में 108 निकायों में यह कार्य जारी है।
स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत बनाई कार्ययोजना
दरअसल, स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत मध्य प्रदेश के सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने की कवायद जारी है। इसको लेकर 5 सालों की कार्ययोजना तैयार की गई है। कचरा मुक्ति और अपशिष्ट जल प्रबंधन के लिए योजनाओं की स्वीकृति मिल चुकी है। जिसका बजट 4 हजार 914 करोड़ रूपए है। इसके लिए नगरीय विकास विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में करीब 473 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है।
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5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला
✅ मध्य प्रदेश के शहरों को कचरा मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 5 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
✅ गोबरधन बॉयो सीएनजी प्लांट के जरिए इंदौर में कचरे से सीएनजी और खाद बनाई जा रही है।
✅ 405 नगरीय निकायों में गीले और सूखे कचरे का प्र-संस्करण चल रहा है।
✅ स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहत 5 सालों की कार्ययोजना बनाई गई है।
✅ कचरा मुक्ति और जल प्रबंधन के लिए 4 हजार 914 करोड़ रुपए की योजनाओं की स्वीकृति मिल चुकी है।
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