जीतू पटवारी के महिलाओं के शराब पीने वाले बयान पर सीएम का हल्ला बोल, कहा- रात की उतरी नहीं होगी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के शराब संबंधी बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। पटवारी ने इसे अस्वीकार कर दिया। इस विवाद ने मध्य प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है।

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Dablu Kumar
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार (27 अगस्त) को जीतू पटवारी को खूब खरी खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि उनकी रात की नहीं उतरती होगी, इसीलिए ऐसी बातें कर रहे हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए और ऐसे लोगों को तो डूब कर मर जाना चाहिए। दरअसल, वह कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी की ओर से प्रदेश की महिलाओं के बारे में की गई उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदेश में महिलाएं सबसे ज्यादा शराब पीती हैं।

उज्जैन में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम में  सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और कांग्रेस के नेताओं को बहन-बेटियों का अपमान करने की आदत हो गई है। उन्होंने आगे सवाल उठाया, "इनकी मति कहां चली गई है? क्या हो गया है इन लोगों को?" मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कोई कहता है, "लाड़ली बहनों को बोरे में बंद करके फेंक देंगे", तो क्या ये उनके काकाजी के राज में ऐसा करेंगे? इस तरह की घटिया बातें किसे करने का अधिकार है? कुछ लोग तो यह भी कह रहे हैं कि लाड़ली बहनाओं को पैसे मिलने के बाद वे शराब पीती हैं। 

उन्हें शर्म आनी चाहिए- सीएम मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस के नेताओं पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्हें शर्म आनी चाहिए और ऐसे लोगों को डूब कर मर जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के नेताओं को प्रदेश की बहन-बेटियों से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि प्रदेश की जनता इस अपमान को कभी माफ नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रदेश की महिलाएं इस तरह का अपमान सहन नहीं करेंगी।

सीएम ने बिना किसी का नाम लिए हुए कहा कि 'उनकी रात की नहीं उतरी होगी, पता नहीं क्या हुआ है, भगवान जाने। कौन सा चक्कर है, क्या पता।' उन्होंने यह भी कहा कि जिन आंकड़ों की बात की जा रही है, वह कहां से आए हैं, यह समझ से बाहर है। सीएम यादव ने यह भी कहा कि अगर देश में कहीं और शराब पीने का आंकड़ा ज्यादा होगा, तो वह बात अलग है, लेकिन हमारे प्रदेश में ऐसा नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रदेश की बहनों का अपमान करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। उनकी सरकार और पार्टी लोकतंत्र के तहत इस तरह की बातों को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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पटवारी पर बरसे मोहन यादव 

सीएम डॉ. मोहन यादव अपने संबोधन के दौरान काफी गुस्से में नजर आ रहे थे। उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस का इतिहास बहुत ही शर्मनाक रहा है। उन्होंने कहा कि उनका इतिहास है कि अगर कभी पत्नी से झगड़ा हो जाए, तो कांग्रेस के पास पत्नी को टुकड़े-टुकड़े कर तंदूर में जलाने का रिकॉर्ड है। साथ ही, उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के माथे पर बहन-बेटियों के साथ गलत शब्दों का इस्तेमाल करने का रिकॉर्ड है। सीएम यादव ने कहा कि यह कांग्रेस का अतीत है, जो हमेशा देश और प्रदेश की आधी आबादी का अपमान करता है। उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी चुनावों में ऐसी घिनौनी भाषा बोलने वाले नेताओं को जनता धीरे-धीरे ठिकाने लगा देगी और वे राजनीति के मैदान से गायब हो जाएंगे।

पहले भी सोशल मीडिया के जरिए दे चुके हैं प्रतिक्रिया

इससे पहले मंगलवार को भी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने पटवारी के बयान को शर्मनाक और अपमानजनक बताया। उन्होंने कहा कि तीज जैसे महिलाओं के पावन पर्व पर इस तरह का बयान देना पूरी तरह से अनुचित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटवारी को तुरंत प्रदेश की बहनों से माफी मांगनी चाहिए और अगर वे पद पर बने रहते हैं, तो यह महिलाओं के सम्मान के खिलाफ होगा।

सीएम के बयान पर पटवारी की प्रतिक्रिया

सीएम डॉ. मोहन यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया X पर अपनी बात रखी। उन्होंने लिखा- मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी की मेरे प्रति की गई टिप्पणी उनकी निजी समझ के सरोकारों एवं बौद्धिक स्तर के आकलन से जुड़ी हुई है। मैं पूरी विनम्रता से इसे अस्वीकार करता हूं। आदर्श राजनीति की पहचान है, बहस, संवाद और जनता के मुद्दे सामने लाने की ईमानदारी। न कि बिना प्रमाण के व्यक्तिगत आरोप और अपशब्दों में उलझने की नासमझी।

पटवारी ने कहा- शराब का 'सरकारी व्यापार' प्रदेश का भविष्य बर्बाद कर रहा है। मेरे बयान में प्रदेश की सामाजिक और आर्थिक बेहतरी के लिए आगाह करने वाली आवाज है। भाजपा सत्ता के समर्थन से फल-फूल-फैल रहे नशे के कारोबार पर लगाम लगाने की है।

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जानें पूरा मामला

दरअसल, भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एमपी कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीते सोमवार को कहा था- एमपी को तमगा मिला है कि महिलाएं सबसे ज्यादा शराब अगर पूरे देश में कहीं पीती हैं तो यहां की पीती हैं। यह समृद्ध मप्र का सपना देखने वाली बीजेपी ने मप्र के हालात कर दिए हैं। देश में शराब की सबसे ज्यादा खपत कहीं है तो मध्यप्रदेश में है।

अब उनके बयान पर जमकर सियासत देखने को मिल रही है। साथ ही, बीजेपी ने इसे लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस की मानसिकता बताते हुए पटवारी से माफी की मांग की है। वहीं, मामले पर बीजेपी महिला मोर्चा भी काफी एक्टिव दिखाई दे रही हैं। 

जीतू पटवारी ने यह दिया था बयान

जीतू पटवारी के बयान के मुताबिक, मध्यप्रदेश को यह "तमगा" मिला है कि यहां की महिलाएं देश में सबसे ज्यादा शराब पीती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के शासन में राज्य में शराब की बिक्री बढ़ी है और यह आंकड़े इस स्थिति को दिखाते हैं। यह बयान बीजेपी नेताओं को आक्रामक बनाने में सफल रहा, जिन्होंने इसे राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी इस बयान के लिए पटवारी से माफी की मांग की। 

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क्या सच में मध्यप्रदेश की महिलाएं ज्यादा शराब पीती हैं?

यह सवाल उठने के बाद, जब आंकड़ों की जांच की गई, तो यह दावा पूरी तरह से गलत साबित हुआ। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2019-2021 के आंकड़ों के अनुसार, मध्यप्रदेश में केवल 0.4 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं। अगर आंकड़ों को और विस्तार से देखा जाए, तो राज्य में शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या पिछले कुछ वर्षों में कम हुई है। 2015-16 के सर्वे में यह आंकड़ा 1.6 प्रतिशत था, लेकिन 2019-21 के सर्वे में यह घटकर 0.4 प्रतिशत रह गया। 

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जीतू पटवारी का विवादित बयान: मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने दावा किया कि राज्य की महिलाएं देश में सबसे ज्यादा शराब पीती हैं, जिसे लेकर राजनीतिक विवाद हुआ।

सर्वे के आंकड़े: नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2019-2021 के अनुसार, मध्यप्रदेश में केवल 0.4 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, जबकि पटवारी के बयान में इसका प्रतिशत अधिक बताया गया था।

अरुणाचल प्रदेश में अधिक शराब सेवन: सबसे ज्यादा शराब पीने वाली महिलाएं अरुणाचल प्रदेश में पाई जाती हैं, जहां 17 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, जो मध्यप्रदेश से काफी अधिक है।

मध्यप्रदेश में शराब सेवन में गिरावट: 2015-16 के सर्वे में 1.6 प्रतिशत महिलाएं शराब पीती थीं, लेकिन 2019-21 के सर्वे में यह आंकड़ा घटकर 0.4 प्रतिशत रह गया है।

राज्यों में शराब सेवन: भारत के विभिन्न राज्यों में शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, असम, और तेलंगाना प्रमुख हैं।

अरुणाचल प्रदेश की महिलाएं पीती हैं सबसे अधिक शराब 

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों के अनुसार, भारत के कुछ राज्य जहां महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, उनमें प्रमुख रूप से अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, असम, तेलंगाना, गोआ, त्रिपुरा, लद्दाख, छत्तीसगढ़, ओडिशा, और झारखंड शामिल हैं।

इन राज्यों में महिलाओं का शराब सेवन का प्रतिशत एमपी से कहीं अधिक है, और यह आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। इस सर्वे में यह बात भी सामने आई कि देश में अरुणाचल प्रदेश की महिलाएं सबसे अधिक शराब पीती है।

अरुणाचल प्रदेश की सामाजिक परंपरा का हिस्सा है शराब

अरुणाचल प्रदेश में शराब का सेवन सामाजिक परंपरा का हिस्सा है। वहां पर "अपोंग", जो चावल से बनी बीयर होती है, का सेवन किया जाता है। यह बीयर मुख्य रूप से मेहमानों को परोसी जाती है और कई घरों में इसका सेवन एक सांस्कृतिक अभ्यास है।

मध्यप्रदेश में शराब पीने वाले पुरुषों का आंकड़ा

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2019-2021 के आंकड़ों के अनुसार, मध्यप्रदेश में पुरुषों का शराब सेवन 20 प्रतिशत से ऊपर है। हालांकि, 2015-16 के आंकड़ों के मुकाबले यह आंकड़ा घटा है, जब 29.6 प्रतिशत पुरुष शराब पीते थे। शराब सेवन के प्रति बढ़ते जागरूकता के कारण और सामाजिक बदलावों के कारण यह आंकड़ा घटा है। 

आंकड़ों में साबित नहीं होता पटवारी का दावा

जीतू पटवारी का बयान और दावा गलत था और आंकड़े इसका प्रमाण हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2019-2021 के आंकड़ों के अनुसार एमपी इस सूची में 15 वें नंबर पर है। हालांकि, यह सच है कि समय के साथ राज्य में शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ी है, लेकिन यह वृद्धि इतनी अधिक नहीं है कि उसे देश के अन्य राज्यों के मुकाबले उच्चतम माना जा सके।

इसके बावजूद, सामाजिक स्तर पर शराब सेवन का एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है, और यह एक जटिल सामाजिक समस्या है जिसे राज्य और देश स्तर पर सुधार की आवश्यकता है। 

FAQ

सीएम डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के शराब संबंधी बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पटवारी को "शर्म आनी चाहिए" और ऐसे लोगों को "डूब कर मर जाना चाहिए" कहा। साथ ही, उन्होंने कांग्रेस के नेताओं से बहन-बेटियों से माफी मांगने की बात की।
जीतू पटवारी ने सीएम डॉ. मोहन यादव के बयान पर क्या कहा?
जीतू पटवारी ने सीएम डॉ. मोहन यादव के बयान को पूरी विनम्रता से अस्वीकार किया। उन्होंने इसे मुख्यमंत्री की "निजी समझ" और "बौद्धिक स्तर" से जुड़ा हुआ बताया और कहा कि आदर्श राजनीति में बहस, संवाद और जनता के मुद्दों को सामने लाना चाहिए, न कि बिना प्रमाण के आरोप लगाना।
सीएम डॉ. मोहन यादव और जीतू पटवारी के बीच विवाद क्यों हुआ?
यह विवाद जीतू पटवारी के उस बयान के कारण हुआ, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रदेश में महिलाएं सबसे ज्यादा शराब पीती हैं। इस पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पर बहन-बेटियों का अपमान करने का आरोप लगाया।

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