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मध्य प्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने हाल ही में संगठन सृजन अभियान के तहत नियुक्त किए गए जिलाध्यक्षों (District Presidents) की कार्यप्रणाली की बारीकी से निगरानी करने की बात कही। उनके अनुसार, इन नियुक्तियों का अध्ययन अगले छह महीनों तक किया जाएगा। यदि किसी अध्यक्ष का परफॉर्मेंस संतोषजनक नहीं रहता है, तो उन्हें बदला जा सकता है। यह घोषणा कांग्रेस की कार्यशैली में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है। साथ ही एमपी कांग्रेस ने बगावत करने वाले अपने कार्यकर्ताओं के लिए कड़ा चेतावनी पत्र जारी किया है।
जिलाध्यक्षों के काम की निगरानी
पटवारी ने कहा कि पार्टी के उच्च अधिकारियों द्वारा जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां की गई हैं और इनकी कार्यशैली पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। यदि किसी जिला अध्यक्ष का प्रदर्शन पार्टी के लक्ष्यों और मानकों के अनुरूप नहीं रहता है, तो उसे बदलने पर विचार किया जाएगा। इस संबंध में जिन जिलों में अनुशासनहीनता या चुनावों में भीतरघात की शिकायतें आई हैं, वहां पुनर्विचार किया जा रहा है।
वरिष्ठ नेताओं की नियुक्तियां
वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाने पर पटवारी ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पार्टी हाईकमान के निर्देशानुसार लिया गया है। उन्होंने बताया कि एआईसीसी (AICC) ने प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करके कई जिलों के अध्यक्षों का चयन किया है। इसके तहत, गुना (Guna) में जयवर्धन सिंह (Jayvardhan Singh), डिंडोरी (Dindori) में ओमकार सिंह मरकाम (Omkar Singh Markam) और खंडवा (Khandwa) में प्रतिभा रघुवंशी (Pratibha Raghuvanshi) को पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिला अध्यक्ष बनाया गया है।
जिलों में आवेदन न देने वाले अध्यक्षों की नियुक्ति
पटवारी ने यह भी खुलासा किया कि प्रदेश के 15 जिलों के अध्यक्षों ने संगठन सृजन अभियान में आवेदन नहीं दिया था, लेकिन पार्टी ने उनसे सीधे संवाद करके उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है। यह भी दर्शाता है कि पार्टी के निर्णय में लचीलापन और खुलापन है, ताकि हर स्तर पर प्रभावशाली नेतृत्व उभर सके।
जयवर्धन सिंह की प्रतिक्रिया
पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह (Jayvardhan Singh) ने संगठन सृजन अभियान के बारे में स्पष्ट किया कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने जो योजना बनाई थी, उसी के तहत प्रभावशाली नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस अभियान की गहराई को नहीं समझते, वही विरोध कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में कोई भी मतभेद नहीं है और सभी पार्टी के नेतृत्व के तहत एकजुट हैं।
संजय कामले की चेतावनी
कांग्रेस संगठन के महामंत्री संजय कामले (Sanjay Kamle) ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी पदाधिकारी या कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पर पार्टी या पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बयान दिए हैं, तो उन्हें तुरंत उन बयानबाजी को हटाना होगा।
मप्र में विरोध की बढ़ती आवाज
मप्र में कांग्रेस जिला अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर एमपी कांग्रेस के भीतर विरोध की आवाजें लगातार उठ रही हैं। नियुक्ति के तीसरे दिन, भोपाल (Bhopal) के पूर्व जिलाध्यक्ष मोनू सक्सेना (Monu Saxena) ने गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया। उनका आरोप था कि जिन्हें जिला अध्यक्ष बनाया गया, वे भाजपा के मंत्री के साथ मिलकर कारोबार करते हैं और इसके बारे में उन्होंने आब्जर्वर के सामने सबूत भी दिए थे। मोनू ने यह भी आरोप लगाया कि जिनका नाम अध्यक्ष के पद पर रखा गया, उनके भाई का नाम व्यापमं कांड में था। उन्होंने यह भी दावा किया कि विधानसभा चुनाव लड़ने की धमकी देकर उनके भाई को जिलाध्यक्ष बना दिया गया।
जीतू पटवारी ने कार्यकर्ताओं को दी चेतावनी
मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया और वाट्सएप-फेसबुक पर पार्टी और वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ दिए गए बयानों को जल्द से जल्द हटाने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने निर्देश दिए हैं। यह कार्रवाई संगठन सृजन अभियान के दौरान जिला/शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों के चयन को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
24 घंटे के अंदर डिलीट करें पोस्ट
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा है कि इस प्रकार के बयान अनुशासनहीनता की श्रेणी में आते हैं और पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए उचित मंचों पर ही अपनी भावनाएं व्यक्त की जानी चाहिए। पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को यह बताया गया कि उनके द्वारा किए गए ऐसे पोस्टों को 24 घंटे के भीतर हटा लिया जाए, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
एमपी कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के निर्देशानुसार यह कार्रवाई की गई है, ताकि पार्टी की छवि को सुरक्षित रखा जा सके और अनुशासन बनाए रखा जा सके।
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