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मध्य प्रदेश कांग्रेस ने जिला अध्यक्षों की नई लिस्ट जारी की, जिससे पार्टी में विरोध बढ़ गया। कई नेताओं को पद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन चयन में निराशा के बाद उन्होंने जीतू पटवारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
इस विरोध ने पार्टी में असंतोष पैदा किया और कुछ नेताओं ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताई। इधर पटवारी ने डैमेज कंट्रोल के लिए नई जिम्मेदारियां देने का वादा किया है।
डैमेज कंट्रोल की कोशिश की
बढ़ते विरोध के बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस परिवार के सभी जांबाज साथियों को जल्द ही नई जिम्मेदारी दी जाएगी। जो इस बार चयन में वंचित रह गए हैं। पटवारी ने यह भी कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी का योगदान आवश्यक है, और संगठन निर्माण की प्रक्रिया में सभी को शामिल किया जाएगा।
पटवारी ने कहा, "हम मिलकर संगठन सृजन अभियान के अगले पड़ाव की ओर बढ़ेंगे। कांग्रेस के विचार और संस्कार को जन-जन तक, पंचायतों तक लेकर जाएंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि 2028 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सरकार बनाने का लक्ष्य तय है।
पीसी शर्मा का बयान
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कांग्रेस के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में संगठन सृजन की प्रक्रिया पूरी हुई है, जो 2028 के विधानसभा चुनाव के लिए है। शर्मा ने बताया कि जिला अध्यक्षों का चयन AICC के ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के आधार पर किया गया है।
बीजेपी पर हमला
पीसी शर्मा ने बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी को अपनी कार्यकारिणी बनाने में मुश्किल हो रही है। वहीं, कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में मजबूती से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि नई टीम बनने पर विरोध स्वाभाविक होता है और इसका कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
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2028 का लक्ष्य
जीतू पटवारी ने कांग्रेस के भविष्य की योजना पर अपनी रणनीति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि पार्टी का मुख्य लक्ष्य 2028 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाना है। इसके लिए पार्टी को हर स्तर पर तैयार करना होगा और जन-जन तक अपनी नीतियां पहुंचानी होंगी।
विरोध पर क्या बोले विधायक जयवर्धन सिंह?
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बेटे और राघौगढ़ के विधायक जयवर्धन सिंह को गुना का जिला अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध हो रहा है। जयवर्धन के समर्थक इसे उनके कद का अपमान बता रहे हैं।
डिंडौरी में भी इसी तरह का विरोध हो रहा है। हालांकि जयवर्धन सिंह ने कहा कि पार्टी ने सोच समझकर जिम्मेदारी दी है। राहुल गांधी ने कहा था कि जिले का सबसे मजबूत नेता अध्यक्ष बने। उसी सोच के तहत उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने कहा कि जिनको आपत्ति हो, वे पार्टी फोरम पर बात करें।
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