1.50 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों का प्रमोशन संकट में, ये काम नहीं किया तो बिगड़ेगा खेल

मध्‍य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति में गोपनीय चरित्रावली (सीआर) की लापरवाही बड़ी रुकावट बन गई है। जानिए इस मुद्दे के कारण और समाधान।

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Amresh Kushwaha
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मध्य प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में इन दिनों सीआर (Confidential Report) का भूत मंडरा रहा है। कर्मचारी अपनी पदोन्नति (Promotion) की राह देख रहे हैं। वहीं उनकी फाइलें सीआर के पन्नों में अटकी पड़ी हैं। अब हालात ने करवट ली है, जो अफसर दूसरों की सीआर रोक रहे थे, अब उनकी खुद की रिपोर्ट पर सवाल उठेंगे।

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जानें क्या है पूरा मामला...

प्रदेश में नौ साल बाद जब पदोन्नति की प्रक्रिया का रास्ता खुला तो कर्मचारियों में उम्मीद की लहर दौड़ गई। लेकिन उम्मीदों की ये लहर एक ऐसी दीवार से टकरा गई जिसका नाम है गोपनीय चरित्रावली (Confidential Report)।

1.50 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी और अधिकारी इस वक्त अफसरों की लापरवाही की भेंट चढ़ चुके हैं। उनकी सीआर या तो लिखी ही नहीं गई या अधूरी रह गई। अब उनकी प्रमोशन की फाइलें विभागीय पदोन्नति समिति (Departmental Promotion Committee - DPC) की बैठक में लिफाफे से बाहर भी नहीं निकलेंगी।

54 विभागों को डीपीसी बैठक बुलाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। लेकिन पदोन्नति नियम 2025 (Promotion Rules 2025) के तहत प्रस्तावित पांच लाख से ज्यादा कर्मचारियों की पदोन्नति में सीआर संबंधी लापरवाही सबसे बड़ी रुकावट बन गई है।

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एक्शन मोड में है जीएडी

अब सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने अफसरों को सीधा संदेश दे दिया है, अगर आपने जानबूझकर किसी अधीनस्थ की सीआर रोकी, तो आपकी खुद की रिपोर्ट में एडवर्स कमेंट (Adverse Remark) डाला जाएगा।

यह पहली बार है जब सरकार ने अफसरों की जवाबदेही तय करने की कोशिश की है। रिपोर्ट में यह भी दर्ज होगा कि अफसर ने रिपोर्ट को अनुचित कारणों (Unjustified Reasons) से रोका।

सीआर को लेकर सुस्ती क्यों आई?

बीते वर्षो में जब पदोन्नति की प्रक्रिया लगभग ठप पड़ी थी, तब कर्मचारियों ने सीआर भरवाने में दिलचस्पी नहीं ली। वहीं अफसरों ने भी मान लिया कि जब आगे कोई प्रक्रिया होनी ही नहीं है, तो मेहनत क्यों करें?

इसका परिणाम यह रहा कि कई सीआर फाइलें या तो बनी ही नहीं, या स्टेनो/बाबू द्वारा साहब के ध्यानार्थ (For Officer's Attention) अलमारी में बंद कर दी गई।

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जानें डीपीसी नियम क्या कहते हैं?

डीपीसी में प्रमोशन के लिए पिछले तीन वर्षो की सीआर पूरी होनी चाहिए। साथ ही, आगामी दो साल की प्रविष्टि (Entry) भी फाइल में दर्ज होनी चाहिए।

लेकिन सीआर नहीं, तो प्रमोशन नहीं! अफसरों की लापरवाही से कर्मचारियों की उम्मीदें अधर में लटक गई हैं।

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