फर्जी दस्तावेजों से हुई सरकारी नौकरी की नियुक्ति, जीवित माता-पिता के बावजूद मिली अनुकंपा नौकरी

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पांच लोगों को अनुकंपा नियुक्तियां दी गईं। ऐसे अनुकंपा पद जिनके माता-पिता जीवित थे और कभी सरकारी नौकरी में नहीं थे। अनुकंपा नियुक्ति प्रणाली का गलत इस्तेमाल करते हुए सरकारी नौकरियां प्राप्त कीं।

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Reena Sharma Vijayvargiya
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MP News :  मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरियां दी गईं। इस मामले में कम से कम पांच लोगों को अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त हुई, जबकि उनके माता-पिता जीवित थे। उन्होंने कभी भी सरकारी नौकरी नहीं की थी। यह घोटाला सरकारी नौकरी के लिए अनुकंपा प्रणाली के दुरुपयोग को दर्शाता है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

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फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी प्राप्त की

पुलिस जांच में यह सामने आया है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पांच व्यक्तियों को अनुकंपा नियुक्तियां मिलीं। इन दस्तावेजों में मृतक माता-पिता के नाम पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए थे। यह पूरी प्रक्रिया रा’य के स्कूल शिक्षा विभाग में हुई और इसने पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जांच के दौरान यह भी पता चला कि जिन माता-पिता को मृत बताया गया था, उन्होंने कभी भी रा’य सरकार के तहत किसी स्कूल में काम नहीं किया।

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जांच की शुरुआत

घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद, रीवा के संभागीय आयुक्त ने आदेश दिया है कि पिछले तीन वर्षों में अनुकंपा के आधार पर की गई सभी नियुक्तियों की जांच की जाए। यह जांच रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली जिलों में होगी। संभागीय आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।

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पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

पुलिस ने अब तक इस मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें हीरामणि रावत, ओम प्रकाश कोल, सुषमा कोल, विनय कुमार रावत और उषा देवी शामिल हैं। इन सभी ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके सरकारी नौकरी प्राप्त की थी। इसके अलावा, एक क्लर्क प्रसन्नधर द्विवेदी पर भी धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।

पुराने मामले भी सामने आए

यह पहली बार नहीं है जब इस प्रकार का घोटाला सामने आया है। इससे पहले भी इसी तरह के मामले सामने आए थे, और रीवा जिले में इस प्रकार की नियुक्तियों का सत्यापन किया गया था। हालांकि, जांच में सामने आए पांच नए मामलों ने फिर से इस प्रणाली की कमजोरियों को उजागर किया है।

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क्या कहना है अधिकारियों का?

रीवा के जिला शिक्षा अधिकारी एस.एल. गुप्ता ने बताया कि इस तरह की धोखाधड़ी की जांच पहले भी कराई गई थी, लेकिन पिछले एक साल में जब फिर से सत्यापन किया गया, तो और भी मामले सामने आए। वहीं, रीवा संभाग के कमिश्नर बी.एस. जामोद ने बताया कि यह नियुक्तियां उनके कार्यकाल के दौरान हुईं, लेकिन उन्होंने ही अनियमितताओं का पर्दाफाश किया।

क्या है अनुकंपा नियुक्ति?

अनुकंपा नियुक्ति एक सरकारी प्रक्रिया है, जिसके तहत किसी कर्मचारी की मृत्यु के बाद उसके परिवार के सदस्य को सरकार की तरफ से नौकरी दी जाती है। यह एक सामाजिक सुरक्षा पहल है, जिससे मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता मिलती है। हालांकि, इस घोटाले में इस प्रणाली का पूरी तरह से दुरुपयोग किया गया है।

अनुकंपा नियुक्ति की मांग 

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