अतिक्रमण बना चुनौती : 5 साल में 5 वन मंत्री अपने गृह जिले से नहीं हटा पाए कब्जा
मध्य प्रदेश के जंगल तो क्या अपने गृह जिले के जंगल में अतिक्रमण को पैर पसारने से नहीं रोक पाए। मप्र में 94 लाख 68 हजार 900 हेक्टेयर वन क्षेत्र हैं, इनमें से पांच लाख 74 हजार 963 हेक्टेयर अधिसूचित वन क्षेत्र अतिक्रमण की जद में है।
पिछले पांच साल में पांच वन मंत्री ( Forest Minister ) बने, लेकिन वे मध्य प्रदेश के जंगल ( forests of madhya pradesh ) तो क्या अपने गृह जिले के जंगल में अतिक्रमण ( forest encroachment ) को पैर पसारने से नहीं रोक पाए। इनमें सर्वाधिक अतिक्रमण तत्कालीन वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार के गृह जिले रायसेन में हुआ। रायसेन जिले में 46 हजार हेक्टेयर अधिसूचित वन क्षेत्र में अतिक्रमण हो गया। दूसरे नंबर पर वर्तमान वन मंत्री नागर सिंह चौहान का गृह जिला आलीराजपुर है। यहां 25 हजार 601 हेक्टेयर अधिसूचित वन भूमि पर अतिक्रमण हो गया।
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राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार के गृह जिले छतरपुर में 12 हजार 957 हेक्टेयर अधिसूचित वन क्षेत्र में अतिक्रमण पाया गया है। हालांकि इन दोनों को ही मंत्री बने महज पांच माह हुए हैं, लेकिन वन क्षेत्र से अतिक्रमण हटाना इनके लिए चुनौतीपूर्ण होगा। पूर्व वन मंत्री विजय शाह का गृह जिला खंडवा वन अतिक्रमण के मामले में चौथे नंबर पर है।
कमलनाथ सरकार में वन मंत्री रहे उमंग सिंघार का गृह जिला धार वन मंत्रियों के गृह जिले में वन भूमि पर हुए अतिक्रमण की सूची में पांचवें नंबर पर है। पूरे राज्य के वन क्षेत्र की बात करें, तो मप्र में 94 लाख 68 हजार 900 हेक्टेयर वन क्षेत्र हैं, इनमें से पांच लाख 74 हजार 963 हेक्टेयर अधिसूचित वन क्षेत्र अतिक्रमण की जद में है।
वन मंत्री और उनके गृह जिले में वन भूमि पर अतिक्रमण
वन मंत्री
गृह जिला
अधिसूचित वन क्षेत्र
अतिक्रमित वन भूमि
गौरीशंकर शेजवार
रायसेन
3,33,236
46,000
उमंग सिंघार
धार
1,28,738
4360
विजय शाह
खंडवा
2,31,055
4034
नागर सिंह चौहान
आलीराजपुर
97,020
25,601
दिलीप अहिरवार
छतरपुर
1,37,668
12,957
आंकड़े हेक्टेयर में
सबसे अधिक अतिक्रमण
बुरहानपुर में प्रदेश में सर्वाधिक अतिक्रमण बुरहानपुर में हैं। यहां राज्य सरकार भी अतिक्रमण रोकने में नाकाम रही है। बुरहानपुर में 1,90,102 हेक्टेयर अधिसूचित वन क्षेत्र हैं। इनमें से 52,751 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिक्रमण है। यहां अतिक्रमणकारियों द्वारा वन अमले पर भी हमला करने की घटनाएं कई बार देखने में आई हैं।
मप्र शासन के वन मंत्री नागर सिंह चौहान का कहना है कि वन क्षेत्र में अतिक्रमण की जहां- जहां शिकायतें आती हैं, उस पर हम कार्रवाई करते हैं। हमारा प्रयास है कि वन क्षेत्र में नया अतिक्रमण न हो । वर्षों से जो अतिक्रमण है, वहां भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। जहां अतिक्रमण है, वहां जांच कर बेदखली की कार्रवाई करेंगे।