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Bhopal.मध्यप्रदेश कांग्रेस में संगठन सृजन के बाद एकजुटता की दिशा में चल रही कोशिशों पर पार्टी के कई बड़े नेता लगातार सवाल उठा रहे हैं। ताजा विवाद कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव से जुड़ा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट डाली। इसमें उन्होंने लिखा कि पार्टी और उसकी विचारधारा के लिए वैचारिक और सतही संघर्ष आज के समय की आवश्यकता बन गया है। केवल भाषणों और बयानों से जहरीली विचारधाराओं का मुकाबला करना असंभव है। यह पोस्ट उस समय सामने आई है, जब राहुल गांधी मध्यप्रदेश का दौरा करने वाले हैं।
क्या कहा अरुण यादव ने
कांग्रेस नेता अरुण यादव ने कहा कि पार्टी एवं पार्टी की विचारधारा के लिए वैचारिक और सतही संघर्ष आज समय की मांग है सिर्फ भाषणों एवं बयानों से जहरीली विचारधाराओं से संघर्ष कर पाना नामुमकिन है, सभी को साथ रख कर अपनी विचारधारा को लेकर समन्वय और एकजुटता से हम संघर्ष करेंगे, तभी प्रदेश में हमारी सरकार बनाने का सपना साकार होगा। जिस साहस और ईमानदारी के साथ हमारे नेता राहुल गांधी जी संघर्ष कर रहे हैं, उसका एक प्रतिशत भी मप्र में हम पूरा कर लें, तो संघर्ष की राह आसान हो जाएगी ।
पार्टी एवं पार्टी की विचारधारा के लिए वैचारिक और सतही संघर्ष आज समय की मांग है सिर्फ भाषणों एवं बयानों से जहरीली विचारधाराओं से संघर्ष कर पाना नामुमकिन है, सभी को साथ रख कर अपनी विचारधारा को लेकर समन्वय और एकजुटता से हम संघर्ष करेंगे, तभी प्रदेश में हमारी सरकार बनाने का सपना…
— Arun Subhashchandra Yadav (@MPArunYadav) September 28, 2025
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल भी उठा चुके हैं सवाल
इससे पहले कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी में इतनी अधिक गुटबाजी नहीं होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त मप्र कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश पदाधिकारियों ने भी शिकायत की थी कि चौधरी उनसे मिलने का समय नहीं दे रहे हैं। वहीं, पूर्व जिलाध्यक्ष मोनू सक्सेना ने मप्र में संगठन सृजन कार्यक्रम में हुई धांधली को लेकर एआईसीसी के नेताओं से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।
संगठन सृजन के बाद एमपी कांग्रेस में बवाल वाली खबर पर नजर
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ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति मामला अटका
मध्यप्रदेश कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति का मामला लगातार लटकता हुआ है। इस महीने की शुरुआत में शुरू की गई प्रक्रिया अब भी जारी है, लेकिन वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप के कारण एक भी नाम पर अंतिम निर्णय नहीं हो पा रहा है। कई जिलाध्यक्षों का कहना है कि संगठन सृजन के तहत निर्देशित किया गया था कि एक सिंगल नाम ही तय कर के ऊपर भेजा जाए। यदि कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो प्रभारी के साथ मिलकर पैनल बनाना होगा। इस प्रक्रिया को सभी जिलाध्यक्षों को 20 अक्टूबर तक पूरा करना है।
इसके बाद अगले दिन जिला कार्यकारिणी की भी घोषणा की जाएगी। मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन के लगभग 1,000 ब्लॉक हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 200 ब्लॉकों के लिए ही एकल नाम पर सहमति बन पाई है। इस मामले में प्रदेश पदाधिकारियों से चर्चा की गई, तो उन्होंने बताया कि अक्टूबर तक सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।
जल्द एमपी कांग्रेस जिलाध्यक्षों की होगी ट्रैनिंग
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के सभी 71 जिला अध्यक्षों को 10 दिनों तक ट्रेनिंग दी जाएगी। यह आवासीय प्रशिक्षण हिल स्टेशन पचमढ़ी में आयोजित किया जाएगा।
पहले इस ट्रेनिंग को 2 से 12 अक्टूबर तक आयोजित करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन नवरात्रि की अष्टमी, नवमी, दशहरा और दीवाली जैसे महत्वपूर्ण त्योहारों के नजदीक होने के कारण कई नेताओं ने तारीखों को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया। इसके बाद कांग्रेस ने जिला अध्यक्षों की ट्रेनिंग को एक महीने बढ़ाकर 2 नवंबर से 12 नवंबर के बीच आयोजित करने का निर्णय लिया है।
ट्रेनिंग कैम्प में शिरक्त करेंगे राहुल गांधी
इस खास ट्रेनिंग कैम्प की महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दौरान राहुल गांधी भी दो दिन तक उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस शिविर में शामिल होंगे और उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लेंगे। ट्रेनिंग शिविर में जयराम रमेश, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत, कांग्रेस ट्रेनिंग डिपार्टमेंट के नेशनल हेड सचिन राव, मप्र के प्रभारी हरीश चौधरी, पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी भाग लेंगे।