एमपी में पहली बार इनवेस्टर समिट की तरह यूनवर्सिटी समिट करने की तैयारी

प्रदेश में 54 निजी विश्वविधालय हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय लेवल का एक भी नहीं है। इसमें सुधार करने के लिए पहली बार उद्योगों की तर्ज पर राष्ट्रीय-अतंरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों के लिए प्रोत्साहन नीति का मास्टर प्लान तैयार किया गया है।

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Aparajita Priyadarshini
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एमपी को विश्व स्तर का एजुकेशन हब बनाने के लिए सीएम मोहन यादव सरकार ने मास्टर प्लान तैयार किया है। प्लान के अनुसार देश में ऐसा पहली बार होगा, जब किसी राज्य सरकार की ओर से इनवेस्टर समिट की तरह यूनिवर्सिटी समिट का आयोजन किया जाएगा।

एमपी को वर्ल्ड क्लास एजुकेशन हब बनाने का प्लान तैयार

फिलहाल यह माना जाता है कि अच्छी पढ़ाई करने के लिए मध्य प्रदेश के बच्चे कोटा, पुणे और विदेश चले जाते हैं। हमारे मिडिल क्‍लास के हजारों करोड़ रुपए दूसरे राज्य और विदेश में भेजने में ही खर्च हो जाते थे।

लेकिन अब कोशिश की जा रही है कि मध्य प्रदेश में ही विदेश के उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों की तरह ही क्वालिटी एजुकेशन पर फोकस किया जाए। 

जब विदेश के बड़े विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश में कैंपस खोलेंगे तो ये सभी के लिए फायदेमंद होगा। इससे यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा और अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। 

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इनवेस्टर समिट की तरह यूनवर्सिटी समिट करने की तैयारी

प्रदेश में 54 निजी विश्वविधालय हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय लेवल का एक भी नहीं है। इसमें सुधार करने के लिए पहली बार उद्योगों की तर्ज पर राष्ट्रीय अतंरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों के लिए प्रोत्सान नीति का मास्टर प्लान तैयार किया गया है।

अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थानों को मध्य प्रदेश में उसी तरह की सुविधाएं दी जाएंगी, जो बड़े उद्योग घरानों को मिलती हैं।

मसलन, यहां पर अपने कैंपस खोलने पर उन्हें बिजली, पानी, रोड की सुविधाएं तो दी ही जाएंगी साथ ही उन्हें एसटीटी और लोन के ब्याज पर भी छूट मिलेगी।

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जानें प्रोत्सान नीति के अंतर्गत कैसी सुविधाएं मिलेंगी

प्रोत्सान नीति की अगर हम बात करें तो इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट( बिजली, पानी और सड़ ) के लिए 50% सब्सिडी देने की बात कही गई है। 

सरकार के द्वारा टर्म लोन पर 5 सालों के लिए 2 फीसदी छूट मिलेगी। यही नहीं अगर हम बिजली की बात करें तो वहां भी शिक्षण संस्थानों के प्रोत्सान के लिए बिजली बिल पे 5 सालों के लिए 100 फीसदी छूट देने की बात कही गई है।

साथ ही अगर हम विकास अनुदान (development grant) की बात करें तो भवन,उपकरण, फर्नीचर पे सरकार के द्वारा SGST में 100 फीसदी छूट मिलेगी।

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पिछले केवल दो दशक के भीतर भारत में एमपी की पहचान एजुकेशन हब के रूप में की जाने लगी है। यह अचानक ही नहीं हुआ है, बल्कि इसके पीछे कई कारण हैं।
यहां की भौगोलिक स्थिति और आबो-हवा के अलावा स्टूडेंट फ्रेंडली माहौल ने इस राज्य को पढ़ाई के लिए भारत का नया डेस्टिनेशन बना दिया है।
यही वजह है कि कुछ समय पहले तक महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे राज्यों में स्टार्टअप का सपना देखने वाले कंपनियों को अब एमपी भी लुभा रहा है। 

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