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मध्य प्रदेश में हाल ही में हुई जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जांच के दौरान 361 संदिग्ध फर्मों का पता चला है, जिनका कोई ठोस पता नहीं था। यह जांच सेंट्रल और स्टेट जीएसटी विभागों द्वारा 16 अगस्त से 30 अक्टूबर के बीच चलाए गए एक अभियान के तहत की गई थी। इस दौरान 2 हजार 113 संदिग्ध जीएसटी रजिस्ट्रेशनों की जांच की गई। दोनों विभागों ने मिलकर कुल 5 हजार 715 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को ब्लॉक किया है।
संदिग्ध ट्रांजैक्शन वाले जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जांच
बता दें कि हर साल संदिग्ध ट्रांजैक्शन वाले जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जांच की जाती है। जीएसटी नेटवर्क द्वारा साझा जानकारी में संदेहास्पद फर्मों की जांच करके डिटेल वेरिफाई की जाती है। यह हालिया अभियान भी उसी प्रकार का था, जिसमें पिछले साल भी तीन महीने तक जांच अभियान चलाया गया था।
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22 हजार से अधिक फर्जी रजिस्ट्रेशन का खुलासा
पिछले साले देशभर में 22 हजार से अधिक फर्जी रजिस्ट्रेशन का खुलासा हुआ था, जिनसे 24 हजार करोड़ रुपए की कर चोरी का पता चला था। मध्य प्रदेश में राज्य जीएसटी विभाग ने 193 बोगस रजिस्ट्रेशनों का खुलासा किया था।
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1 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशनों की जांच
वहीं, सेंट्रल जीएसटी विभाग ने 1 हजार 78 संदिग्ध रजिस्ट्रेशनों की जांच की, जिससे 47 हजार 947 करोड़ रुपए की कर चोरी का खुलासा हुआ। इस कार्रवाई में कुल 291 फर्जी फर्में पकड़ी गईं, और 3 हजार 222 करोड़ रुपए के ITC को ब्लॉक किया गया। राज्य जीएसटी ने 1 हजार 57 रजिस्ट्रेशनों की जांच की, जिसमें 70 फर्जी रजिस्ट्रेशन पाए गए, 8 रजिस्ट्रेशनों को सस्पेंड किया गया और 26 रजिस्ट्रेशनों को ब्लॉक किया गया।
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