मध्य प्रदेश : कॉलेजों में पढ़ाने वाले अतिथि विद्वान बोले, वादा करके भूल गई सरकार

मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग एवं कॉलेजों का नया सत्र जुलाई माह से शुरू हो गया है, जिसमें पहले से काम कर रहे अतिथि विद्वानों को पुरानी सेवा शर्तों के अनुसार काम करने के निर्देश दिए गए। जिससे खफा अतिथि विद्वानों ने सरकार से गुहार लगाई है...

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
New Update
STYLESHEET THESOOTR - 2024-07-28T230323.785
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

एमपी के कॉलेजों में सालों से अपनी सेवाएं देने वाले अतिथि विद्वानों ने एक बार फिर से सरकार से गुहार लगाते हुए अपने भविष्य सुरक्षित करने की मांग की है। दरअसल जुलाई माह से प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग एवं कॉलेजों का नया सत्र शुरू हो गया है।

जिसमें वहीं पूर्व से काम करने वाले अतिथि विद्वानों को पुरानी सेवा शर्तों में काम करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं । वहीं अतिथि विद्वान महासंघ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए सरकार से मांग की है कि दिहाड़ी मजदूरी और शोषणकारी अतिथि नाम से छुटकारा दिया जाए। 

ये खबर भी पढ़िए...यूनिवर्सिटी-कॉलेजों में खाली रह गईं 8 लाख से ज्यादा सीटें, प्रवेश लेने में छात्रों में बेरुखी

वादा करके भूली सरकार

अतिथि विद्वानों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उस समय के उच्च शिक्षा मंत्री और वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने जो वादा किये थे कि इनको फिक्स वेतन दिया और निकाला नहीं जाएगा स्थाई किया जाएगा, और आज सरकार लगता है शायद अपना वादा भूल गई है।  अतिथि विद्वानों ने कहा है जो वादा किया गया उसका आदेश सरकार जारी करें।

ये खबर भी पढ़िए...देशभर में शादियां करने वाला शख्स फिरोज नियाज पालघर से गिरफ्तार, MP से भी ले गया था दुल्हनियां

सार्थक एप को लेकर भी तनातनी तनातनी

वहीं कॉलजों में इस समय प्राध्यापकों एवं सरकार के बीच काफ़ी तनातनी देखने को मिल रही है। जबसे विभाग ने सार्थक एप से अटेंडेंस का आदेश जारी किया है तबसे काफ़ी आक्रोश प्राध्यापकों में देखा जा रहा है। वहीं अतिथि विद्वान महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ देवराज सिंह ने बयान जारी करते हुए कहा कि अतिथि विद्वानों के भरोसे ही कॉलेज संचालित हो रहे हैं प्रदेश के। सार्थक एप से कोई गुरेज नहीं।अतिथि विद्वान पूरी तन्मयता लगन के साथ सेवा करते हैं। 

ये खबर भी पढ़िए...पांच महीने से फरार घोटालेबाज जनजातीय विभाग का तत्कालीन सहायक आयुक्त होटल में कर रहा था ऐश और पहुंच गई पुलिस

thesootr links

 द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

sandeep mishr

अतिथि विद्वान के लिए सीएम की घोषणा अतिथि विद्वानों का विरोध प्रदर्शन अतिथि विद्वानों का प्रदर्शन अतिथि विद्वानों की नियमितिकरण की मांग अतिथि विद्वानों का नियमितिकरण अतिथि विद्वानों को नियमित करने की मांग अतिथि विद्वान