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भोपाल में एक चौकाने वाली घटना सामने आई है। यहां शिक्षा विभाग में उप सचिव आईएएस मंजूषा राय (IAS Manjusha Rai) के घर पर अचानक तोड़फोड़ हुई। यह घटना शुक्रवार (1 अगस्त) को दानिशकुंज कॉलोनी में हुई, जब कुछ लोग जेसीबी (JCB) लेकर उनके घर पहुंचे और बाउंड्रीवॉल और सीसीटीवी कैमरे तोड़ डाले।
महिला अफसर का कहना है कि करीब 40 गुंडे (Goons) घर के बाहर खड़े थे और तोड़फोड़ कर रहे थे। लेकिन यह मामला इतना आसान नहीं है। इसके पीछे एक लंबा विवाद है जो कई कानूनी पचड़े और संपत्ति के दस्तावेजों से जुड़ा हुआ है। वहीं मामले में महिला अफसर ने कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है।
प्रॉपर्टी विवाद का है पूरा मामला
यह घटना 1800 स्क्वायर फीट (1800 square feet) जमीन पर बने एक मकान से जुड़ी हुई है। इसका एग्रीमेंट, नामांतरण और रजिस्ट्री को लेकर विवाद चल रहा है। महिला अफसर ने बताया कि मकान के मालिकाना हक के लिए वे कई सालों से संघर्ष कर रही थीं।
दरअसल, इस संपत्ति को लेकर 2010 में 41 लाख रुपए (41 lakh rupees) का एग्रीमेंट हुआ था। इसके तहत बैंक अकाउंट से पेमेंट किया गया था। हालांकि, रजिस्ट्री में समस्याएं आती रहीं, जिसके कारण उन्हें सही तरीके से कब्जा नहीं मिल पाया। इसके बावजूद, वे परिवार सहित यहां 2011 से रह रही थीं और जरूरत पड़े तो घर में कुछ कमरे भी बनवाए थे।
IAS मंजूषा राय के घर पर तोड़फोड़ मामले पर एक नजर...
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रजिस्ट्री और नामांतरण से जुड़ी समस्याएं
नामांतरण (Name Transfer) और रजिस्ट्री (Registry) के मामले में कई उलझनें सामने आईं। महिला अफसर ने कहा कि 17 मार्च 2025 को रंजना अहमद (Ranjna Ahmed) के बेटे रिदित अरोड़ा (Redit Arora) के जरिए नामांतरण हुआ था, और फिर 10 जून को रजिस्ट्री भी कर दी गई। लेकिन इस बारे में उन्हें पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इसके बाद जब घर में तोड़फोड़ की घटना हुई, तो महिला अफसर का कहना था कि 40 से ज्यादा गुंडे बाहर खड़े थे और घर की बाउंड्रीवॉल को तोड़ने में लगे थे।
महिला अफसर ने कलेक्टर से की शिकायत
आईएएस राय ने इस घटना की शिकायत कलेक्टर से करके न्याय की गुहार लगाई है। बताया कि विक्रांत प्रवीण राय (Vikrant Praveen Rai) के नाम से एग्रीमेंट किया गया था, और यह मकान 2010 में रंजना अहमद से खरीदा गया था। इसके बाद रंजना अहमद की मृत्यु के बाद उनका बेटा रिदित अरोड़ा नामांतरण में मदद करता रहा। लेकिन रजिस्ट्री और नामांतरण की प्रक्रिया में दस्तावेजों के अभाव के कारण कई बार अड़चने आईं।
अफसर लगा रही अदालत से न्याय की उम्मीद
मंजूषा राय ने बताया कि यह मामला फिलहाल राजस्व न्यायालय (Revenue Court) में विचाराधीन है, जहां नामांतरण और रजिस्ट्री पर आपत्तियां भी लगाई गई हैं। महिला अफसर ने एसडीएम (SDM) और तहसीलदार (Tehsildar) के पास इस मामले में आपत्ति भी दर्ज करवाई है। फिलहाल, इस मामले पर प्रशासनिक अफसर कोई स्पष्ट बयान देने से बच रहे हैं।
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