BHOPAL. मध्यप्रदेश ( MP ) के लाखों राज्य कर्मचारियों के लिए बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब उनके प्रमोशन उसी तरह तय वक्त पर होंगे, जैसे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अफसरों के होते हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने नई प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है।
इसके तहत राज्य कर्मचारियों की एडवांस डीपीसी ( विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक ) की जाएगी। जैसे-जैसे पद खाली होते जाएंगे, उन्हें स्वचालित रूप से पदोन्नति मिलती जाएगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब पदोन्नति के इंतजार में अफसर रिटायर नहीं होंगे। राज्य कर्मचारियों की पहले ही डीपीसी कर ली जाएगी। इस प्रक्रिया में विभागीय कर्मचारियों को फायदा होगा। यदि कोई डेपुटेशन पर होगा तो मूल विभाग में वापसी के बाद ही उनके प्रमोशन का रास्ता साफ होगा।
31 जुलाई तक प्रमोशन के निर्देश
अफसरों के प्रमोशन को लेकर मुख्य सचिव अनुराग जैन ने गुरुवार, 26 जून को विभाग प्रमुखों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा, सभी विभाग 31 जुलाई तक कम से कम एक डीपीसी कर लें। इसके जवाब में कई अफसरों ने कहा कि यह फिलहाल संभव नहीं है। यह काम 15 अगस्त तक हो पाएगा। इस पर सीएस बोले, कोशिश तो करें हो जाएगी। अब विभागों के ऊपर हर हाल में 31 जुलाई तक डीपीसी करने का दबाव है।
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पद खाली हुए और प्रमोशन
दरअसल, अभी प्रदेश में देखने में आता है कि कभी डीपीसी तब होती है, जब अधिकारी-कर्मचारी रिटायर्ड हो जाते हैं, जबकि आईएएस अफसरों की डीपीसी सालभर में एक बार होती है। जैसे-जैसे पद खाली होते जाते हैं, वैसे-वैसे प्रमोशन का रास्ता साफ होता जाता है। अब सूबे में इसी मॉडल को अपनाया जाएगा। राज्य कर्मचारियों की एडवांस डीपीसी की जाएगी। इसके बाद जैसे-जैसे पद खाली होते जाएंगे, उन्हें उसी हिसाब से प्रमोशन मिलता जाएगा।
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डेपुटेशन वालों को नुकसान
इस प्रक्रिया में बड़ा पेंच भी है। जो राज्य कर्मचारी डेपुटेशन पर दूसरे विभागों में जाएंगे, उन्हें पदोन्नति का लाभ नहीं मिलेगा। मान लीजिए यदि कोई कर्मचारी पुलिस में है और वह लोकायुक्त में चला गया तो उसे पदोन्नति नहीं मिलेगी। ऐसे कई विभाग हैं। जैसे जल निगम में पीएचई से कर्मचारी डेपुटेशन पर जाते हैं। अब जब ये कर्मचारी अपने मूल विभाग में वापस लौटेंगे, तब उन्हें पदोन्नति का फायदा मिलेगा, लेकिन तब तक वहां पहले से पदोन्नति के क्रम में मौजूद अफसरों का प्रमोशन हो जाएगा। इस तरह से डेपुटेशन पर जाने वालों का सीधा नुकसान होगा।
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ये संस्थाएं सीधे तौर पर प्रभावित
नई प्रक्रिया में कई अमले के अधिकारी सीधे तौर पर बड़े रूप से प्रभावित होंगे, इनमें जल निगम, लोकायुक्त, आरआरडीए, बीडीए, आईडीए, आरडीसी जैसी संस्थाएं शामिल हैं। इनका खुद का कोई कैडर नहीं है। यहां डेपुटेशन पर बुलाकर ही अफसर-कर्मियों को तैनात किया जाता है। इस तरह यहां जो अफसर काम कर रहे हैं, उनका सीधे तौर पर नुकसान होना तय है। हालांकि इन्हें लेकर सरकार से बात चल रही है। माना जा रहा है कि इन्हें लेकर कोई न कोई हल निकाला जाएगा।
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सीएस ने दिए निर्देश
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इधर, बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सभी विभाग प्रमुखों से कहा कि लोक सेवा पदोन्नति नियम-2025 के तहत पदोन्नति का काम प्राथमिकता से किया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि 9 साल की बड़ी समस्या इस नियम के लागू होने से खत्म हो जाएगी।
बैठक के दौरान सामान्य प्रशासन के एसीएस संजय दुबे और उप सचिव अजय कटेसरिया ने मध्यप्रदेश लोकसेवा पदोन्नति नियम-2025 की जानकारी दी। इसमें अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के लिए आरक्षित पदों की गणना, विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक, वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन, पदोन्नति के लिए अनुपयुक्तता, पदोन्नति के प्रकार, पदोन्नति के बाद वेतन का निर्धारण, सीलबंद लिफाफे की स्थिति में प्रक्रिया सहित प्रतीक्षा सूची से रिक्तियों को भरे जाने की जानकारी दी गई।
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