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मध्यप्रदेश के इंदौर विधानसभा तीन से सनातनी विधायक गोलू शुक्ला की बाणेशवरी ट्रैवल्स (शुक्ला ब्रदर्स) की तेज रफ्तार बस द्वारा चार की जिंदगी लील जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस बस द्वारा मोटरसाइकिल सवार को उड़ाने से पूरा सोलंकी परिवार खत्म हो गया। पति, पत्नी, दोनों बेटों की मौत हो गई। वहीं, गोलू शुक्ला के इस मामले में उलटे बाइक सवार की ही गलती बताने और खड़ी बस में घुस जाने के बयान ने और गुस्सा भड़का दिया है। अब मामले में करणी सेना मैदान में उतर आई है।
बस ड्राइवर को रोका, पीटा
करणी सेना द्वारा इस मामले में हादसे के बाद सांवेर रोड पर प्रदर्शन किया गया। इस दौरान तेज रफ्तार आने वाली बसों को रोका गया। इसमें खासकर बाणेशवरी ट्रेवल्स की बसें थीं। यह बस तेज रफ्तार से आने पर ड्राइवर को रोका गया। शुक्ला ब्रदर्स की कुछ बसों के ड्राइवर ने रोकने पर बहस की, जिस पर करणी सेना ने जमकर पिटाई कर दी।
24 घंटे का दिया अल्टीमेटम
इस मामले में मां करणी सेना के यादवेंद्र सिंह गौड़ ने शनिवार दोपहर 1 बजे फेसबुक पर लाइव आकर खुल्लम-खुल्ला चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि 24 घंटे के भीतर ठोस कार्रवाई नहीं होती है और समाधान नहीं निकलता है तो वह रविवार दोपहर 1 बजे घटनास्थल पर जाकर चक्काजाम करेंगे।
हमारी मांग है कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा मिले। चाहे वह प्रशासन दे, ठेकेदार दे या फिर खुद गोलू शुक्ला दें। खड़ी बस में बाइक घुस गई। इस तरह के बयान से जवाबदारी से विधायक बच नहीं सकते हैं। ठेकेदार की भी गलती है, उसने पूरे डायवर्जन मांग पर कोई संकेतक नहीं लगाए और न ही व्यवस्था की है, ठेकेदार को इसमें अपराधी बनाने की मांग है।
वहीं बस कंपनी और मालिक पर भी कार्रवाई की मांग करते हैं। अभी केवल ड्राइवर पर हल्की धाराओं में केस हुआ है। मांगे पूरी नहीं हुईं तो हम इसमें चक्काजाम करेंगे।"खड़ी बस में आकर कोई टकरा गया, इससे मृत्यु हो गई है। खड़ी बस में टकराने से यह हुआ। बहुत सारी बसें चलती हैं। संवेदना प्रकट करता हूं। बाणेशवरी ट्रेवल्स का काम मेरे भाई देखते हैं, मेरी उनसे बात हुई है। ड्राइवर को समझाइश दी है।"
इस तरह बस ने रौंदा
गुरुवार अलसुबह करीब साढ़े तीन बजे सांवेर पुलिस थाने में इस मामले में एफआईआर हुई है। इसमें धारा 281, 125(ए), 106 (1) के तहत केस दर्ज किया गया है। घटना बुधवार रात साढ़े दस से पौने ग्यारह के बीच हुई है। एफआईआर अज्ञात आरोपी के खिलाफ की गई है।
पुलिस ने गैर इरादतन हत्या नहीं माना
इस मामले में एमपी पुलिस के एक बार फिर सत्ता के आगे झुकने की कार्यशैली साफ दिख रही है। इंदौर के ट्रक हादसे में भी तीन की मौत हुई थी और इसमें ड्राइवर गुलशेर पर गैर इरादतन हत्या की धाराएं लगाई गई थीं, जिसमें 5 से 10 साल की सजा है। लेकिन इस मामले में पुलिस ने लापरवाही की धाराएं 281 व 125(ए) लगाई हैं। इसमें 6 माह से 1 लाख तक की सजा और जुर्माना है। वहीं 106(1) लगाई है, जो गैर इरादतन हत्या की धारा 105 से कमतर है और इसमें अधिकतम 5 साल तक की सजा है, यानी ड्राइवर पकड़ा भी गया तो जमानत तत्काल हो जाएगी।
एफआईआर में यह लिखा है
मृतक के रिश्तेदार उमेश गौर ने बताया कि मैं मामा-मामी (महेंद्र, जयश्री सोलंकी) अपने दोनों बेटों तेजस, जीगर के साथ जा रहे थे। मैं पीछे दूसरी बाइक से था। रिंगनोदिया गांव (इंदौर-उज्जैन के बीच सांवेर तहसील में) एरिया में इंदौर विधानसभा तीन से बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला की बस नंबर एमपी 09एफए 6390 ने तेज रफ्तार से लापरवाही से आते हुए बाइक में सीधे टक्कर मार दी। इन सभी को मैं एंबुलेंस 108 की मदद से अरविंदो अस्पताल लेकर गया, जहां डॉक्टर ने मामा, मामी और जिगर को मृत घोषित कर दिया, तेजस को इलाज के लिए भर्ती किया गया है।