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मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के गडरा गांव में एक और भयावह घटना सामने आई है। यहां एक बंद घर में पिता, पुत्र और पुत्री की लटकती लाशें मिलीं, जिससे पूरे गांव में हड़कंप मच गया। इस घर से एक बेटी अब भी लापता है। यह घटना गडरा गांव के बाद सामने आई है, इस गांव में धारा 163 लागू है और सुरक्षा में पुलिस तैनात है। पुलिस ने शवों की स्थिति देखकर अनुमान लगाया है कि उनकी मौत लगभग एक सप्ताह पहले हो चुकी थी।
घर में फंदे से झूलते मिले तीन शव
मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के गडरा गांव में एक बार फिर से एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को चौंका दिया है। 20 दिनों से बंद एक घर में पुलिस ने एक पिता, पुत्र और पुत्री की लटकती लाशें पाई हैं। शुक्रवार (4 अप्रैल) को पुलिस को औसेरी साकेत के घर से तेज दुर्गंध आने की सूचना मिली, जिसके बाद घर का दरवाजा तोड़कर पुलिस ने अंदर का नजारा देखा तो सभी के होश उड़ गए।
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फांसी के फंदे पर लटकते मिलीं लाशें
पुलिस ने पाया कि पिता औसेरी साकेत (55 साल), उनका आठ वर्षीय बेटा अमन साकेत और उनकी 11 वर्षीय पुत्री मीनाक्षी साकेत की लाशें फांसी के फंदे से लटक रही थीं। पुलिस के मुताबिक, शवों की स्थिति को देखकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि उनकी मौत लगभग एक सप्ताह पहले हो चुकी थी।
प्रशासन अलर्ट, कलेक्टर और एसपी पहुंचे गांव
घटना की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर, एसपी और एएसपी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी। आईजी गौरव राजपूत के मुताबिक कुछ महीने पहले मृतक औसेरी साकेत (55 वर्षीय) की पत्नी की मौत हो चुकी हैं, साकेत घर में अपने बेटे और बेटी के साथ रह रहा था। दूसरी पत्नी छोड़कर चली गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, एफएसएल की टीम मामले में जांच कर रही है। टीम ने घर से साक्ष्य जुटाए है। आईजी ने आगे कहा कि पारिवारिक विवाद के चलते मामला सामूहिक सुसाइड का लग रहा है।
पुलिस पर लगे गंभीर आरोप
इधर, मामले में परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए है। मृतक औसेरी साकेत के छोटे भाई की पत्नी का कहना है कि हिंसा के बाद गांव में सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस ने जेठ औसेरी के साथ मारपीट की थी। उसी दिन से उन्होंने घर का दरवाजा नहीं खोला गया था। उन्होंने फांसी नहीं लगाई है। परिजन ने घटना के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है।
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मामले की जांच में जुटी पुलिस
पुलिस के अनुसार फॉरेंसिक जांच मे प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। उन्होंने आगे कहा, गांव में पहले हुई घटना का इस घटना से कोई संबंध नहीं है। पुलिस मामले में जांच कर रही है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। तीनों ने आत्महत्या की या मौत की वजह कुछ और है? पोस्टमॉर्टम के बाद ही सही कारणों का खुलासा होगा।
घटना से दहशत में ग्रामीण
गांव के लोग बताते हैं कि साकेत परिवार गडरा हिंसा के बाद से ही सहम गया था और उन्हें डर था। पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर गांव में गश्त बढ़ा दी है। वहीं, इस घटना के बाद से गांव में और अधिक दहशत फैल गई है और कई परिवार अब गांव छोड़ने की तैयारी में हैं। (mauganj news)
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गांव में हुआ था बवाल, ASI हुए थे शहीद
बता दें कि 15 मार्च को गडरा गांव के निवासी युवक शनि द्विवेदी की आदिवासियों द्वारा बंधक बनाकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी, इस घटना के बाद कार्रवाई करने पहुंची पुलिस टीम पर भी ग्रामीणों ने हमला किया था, इस हमले में ASI रामचरण गौतम शहीद हो गए थे। वहीं 15 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे। गांव में हुए बवाल के बाद से पुलिस ने यहां धारा 163 लागू कर दी थी। साथ ही सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी थी। अब इस नई घटना ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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