माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 : 56,414 करोड़ के एमओयू साइन, सीएम मोहन यादव बोले- तकनीकी कौशल के लिए नए इंस्टीट्यूट खोलेंगे

मध्यप्रदेश माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 में 56,414 करोड़ के निवेश प्रस्ताव साइन किए गए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नए संस्थान स्थापित करने और व्यापार के दृष्टिकोण से प्रदेश की संभावनाओं का उल्लेख किया। कांग्रेस ने इसे भाजपा का खनिज उत्सव बताया।

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Jitendra Shrivastava
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Photograph: (THESOOTR)

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मध्यप्रदेश के कटनी शहर में 25 अगस्त 2025 को आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव 2.0 में 56,414 करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव पर उद्योगपतियों ने एमओयू साइन किए।

इस कार्यक्रम में करीब 1500 निवेशकों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख उद्योगपति और नीति निर्माता शामिल थे। कॉन्क्लेव के दौरान सीएम मोहन यादव ने माइनिंग के क्षेत्र में प्रदेश की संभावनाओं और आने वाले समय में व्यापार को लेकर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।

माइनिंग क्षेत्र में निवेश के प्रस्ताव 

कॉन्क्लेव में साइन किए गए एमओयू में सबसे बड़ा निवेश सायना ग्रुप से आया, जिन्होंने लौह अयस्क और बॉक्साइट कैल्सिनेशन प्लांट के लिए 3,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा। इसके अलावा, सिंघल बिजनेस प्रा. लि. ने कोल गैसीफिकेशन और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में 15,000 करोड़ का प्रस्ताव रखा है।

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कटनी में एयर कार्गो बनाने की योजना: सीएम

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस मौके पर कहा कि हमारा देश हमेशा व्यापार के चक्कर में गुलाम हुआ था, लेकिन अब राजनीति में भी व्यापार हो रहा है। उन्होंने कटनी में एयर कार्गो बनाने की योजना की बात भी की और प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में बढ़ोतरी के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने निवेशकों से अपील की कि वे मध्यप्रदेश के साथ मिलकर बड़े सपने देखें।

माइनिंग और व्यापार के नए रास्ते 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश में सीमेंट, कोयला, आयरन और अन्य खनिजों के क्षेत्र में कई संभावनाएँ हैं। प्रदेश सरकार ने इन उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पीपीपी मोड के तहत मेडिकल कॉलेजों और अन्य परियोजनाओं को शुरू करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नए तकनीकी संस्थान खोले जाएंगे ताकि युवाओं को उभरते हुए उद्योगों में तकनीकी कौशल प्राप्त हो सके।

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कटनी को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाना

कटनी जिले में मजबूत परिवहन और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क है, जो इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाता है। यह रेलवे ट्रांजिट हब है और यहां से उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम भारत के प्रमुख क्षेत्रों के लिए मार्ग जुड़े हुए हैं। इसके अलावा, कटनी से राष्ट्रीय राजमार्ग 30 और 43 गुजरते हैं, जो इसे छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से जोड़ते हैं।

माइनिंग कॉन्क्लेव में चर्चा के मुद्दे

कॉन्क्लेव में कोयला, ऊर्जा, हाइड्रोकार्बन, प्रौद्योगिकी प्रगति, क्रिटिकल मिनरल्स और सीमेंट क्षेत्र पर विशेष चर्चा हुई। खनन कार्यों में ऑटोमेशन और एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के उपयोग को लेकर भी सत्र आयोजित किया गया। प्रमुख कंपनियां जैसे कोल इंडिया, अडाणी ग्रुप, और एचसीएल ने इस क्षेत्र में निवेश की योजनाओं पर चर्चा की।

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स्थानीय लोगों की स्थिति देखना चाहिए: कांग्रेस

कांग्रेस ने इस कॉन्क्लेव को भाजपा का खनिज उत्सव बताया और आरोप लगाया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य सिर्फ बाहरी कंपनियों को लुभाना है, जबकि प्रदेश के स्थानीय माइनिंग कारोबारियों के हक की अनदेखी की जा रही है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस पर सवाल उठाए और कहा कि माइनिंग से प्रभावित लोगों की स्थिति पर सरकार को विचार करना चाहिए।

राज्य की खनिज संपदा पर प्रदर्शनी 

कॉन्क्लेव में प्रदेश की खनिज संपदा को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई थी, जिसमें विभिन्न खनिजों और संसाधनों के बारे में जानकारी दी गई।

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